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-[[कुषाण काल]] से | -[[कुषाण काल]] से | ||
-हर्षवर्धन काल से | -हर्षवर्धन काल से | ||
||गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी [[सदी]] के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। गुप्त [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ | ||[[गुप्त साम्राज्य]] का उदय तीसरी [[सदी]] के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। [[गुप्त]] [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्तकाल]] | ||
{[[हर्षवर्धन]] की आत्मकथा किसने लिखी? | {[[हर्षवर्धन]] की आत्मकथा किसने लिखी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-फिरदौसी | -फिरदौसी | ||
-[[वराहमिहिर]] | -[[वराहमिहिर]] | ||
+[[बाणभट्ट]] | +[[बाणभट्ट]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||बाणभट्ट की लेखनी से अनेक ग्रन्थ रत्नों का लेखन हुआ है किन्तु बाणभट्ट का महाकवित्व केवल '[[हर्षचरित]]' और '[[कादम्बरी]]' पर प्रधानतया आश्रित है। इन दोनों गद्य काव्यों के अतिरिक्त मुकुटताडितक, चण्डीशतक और पार्वती-परिणय भी बाणभट्ट की रचनाओं में परिगणित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाणभट्ट]] | ||बाणभट्ट की लेखनी से अनेक ग्रन्थ रत्नों का लेखन हुआ है, किन्तु [[बाणभट्ट]] का महाकवित्व केवल '[[हर्षचरित]]' और '[[कादम्बरी]]' पर प्रधानतया आश्रित है। इन दोनों गद्य काव्यों के अतिरिक्त 'मुकुटताडितक', 'चण्डीशतक' और 'पार्वती-परिणय' भी बाणभट्ट की रचनाओं में परिगणित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाणभट्ट]] | ||
{ | {[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]] किसके लिए प्रसिद्ध है? | ||
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+गुफाओ के शैलचित्र | +गुफाओ के शैलचित्र | ||
-[[खनिज]] | -[[खनिज]] | ||
- | -बौद्ध प्रतिमाएं | ||
-[[सोन नदी]] का उद्गम स्थल | -[[सोन नदी]] का उद्गम स्थल | ||
{उस शासक का नाम क्या है जिसने विजय स्तम्भ का निर्माण कराया था? | {उस शासक का नाम क्या है, जिसने विजय स्तम्भ का निर्माण कराया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+राणा कुम्भा | +राणा कुम्भा | ||
-[[राणा सांगा]] | -[[राणा सांगा]] | ||
-राणा रतन सिंह | -राणा रतन सिंह | ||
-राणा हमीर | -राणा हमीर | ||
{[[विक्रमशिला विश्वविद्यालय|विक्रमशिला शिक्षा]] | {[[विक्रमशिला विश्वविद्यालय|विक्रमशिला शिक्षा केन्द्र]] के संस्थापक का नाम क्या है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[देवपाल]] | -[[देवपाल]] | ||
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-[[नयपाल]] | -[[नयपाल]] | ||
-नरेन्द्रपाल | -नरेन्द्रपाल | ||
||धर्मपाल द्वारा बहुत से | ||धर्मपाल द्वारा बहुत से बिहार एवं मठों का निर्माण करवाया गया था। उसने प्रसिद्ध [[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]] और [[नालन्दा विश्वविद्यालय]] की स्थापना 'पाथरघाट भागलपुर' ([[बिहार]]) में की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धर्मपाल]] | ||
{[[ | {प्रसिद्ध [[भक्त]] कवियित्री [[मीराबाई]] के पति का नाम क्या था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-राणा रतन सिंह | -राणा रतन सिंह | ||
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-[[राणा सांगा]] | -[[राणा सांगा]] | ||
{[[अकबर]] द्वारा बनाई गयी श्रेष्ठतम इमारतें कहाँ पायी जाती | {[[अकबर]] द्वारा बनाई गयी श्रेष्ठतम इमारतें कहाँ पायी जाती हैं? | ||
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-आगरा के क़िले में | -[[आगरा का क़िला|आगरा के क़िले]] में | ||
-लाहौर के क़िले में | -लाहौर के क़िले में | ||
-इलाहाबाद के क़िले में | -[[इलाहाबाद क़िला|इलाहाबाद के क़िले]] में | ||
+[[ | +[[फ़तेहपुर सीकरी]] में | ||
||[[चित्र:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra-87.jpg|फतेहपुर सीकरी|100px|right]][[आगरा]] से 22 मील दक्षिण | ||[[चित्र:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra-87.jpg|फतेहपुर सीकरी|100px|right]][[आगरा]] से 22 मील दक्षिण में [[मुग़ल]] सम्राट [[अकबर]] के बसाए हुए भव्य नगर के खंडहर आज भी अपने प्राचीन वैभव की झाँकी प्रस्तुत करते हैं। अकबर से पूर्व यहाँ फ़तेहपुर और सीकरी नाम के दो गाँव बसे हुए थे, जो अब भी हैं। इन्हें [[अंग्रेज़]] शासक ओल्ड विलेजेस के नाम से पुकारते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[फतेहपुर सीकरी]] | ||
{प्रथम कर्नाटक युद्ध की समाप्ति किस संधि से हुई? | {[[कर्नाटक युद्ध प्रथम|प्रथम कर्नाटक युद्ध]] की समाप्ति किस संधि से हुई? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +एक्सला चैपेल की संधि | ||
-गोडेहू की संधि | -गोडेहू की संधि | ||
-पाण्डिचेरी की संधि | -पाण्डिचेरी की संधि | ||
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-कुर्ग में | -कुर्ग में | ||
+श्रीरंगपट्टनम में | +श्रीरंगपट्टनम में | ||
-वांडीवाश में | -वांडीवाश में | ||
{निम्नलिखित में से ब्रिटिश सरकार का वह गवर्नर जनरल कौन था जिसने [[भारत]] में [[डाक टिकट]] शुरु किए थे? | {निम्नलिखित में से ब्रिटिश सरकार का वह [[गवर्नर-जनरल]] कौन था, जिसने [[भारत]] में [[डाक टिकट]] शुरु किए थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[ | +[[लॉर्ड डलहौज़ी]] | ||
-[[ | -[[लॉर्ड आकलैण्ड]] | ||
-[[ | -[[लॉर्ड कैनिंग]] | ||
-[[ | -[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | ||
||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|लॉर्ड डलहौज़ी|100px|right]]डाक विभाग में सुधार करते हुए डलहौज़ी ने 1854 ई. में नया ‘पोस्ट ऑफ़िस एक्ट’ पास किया। इस एक्ट के तहत तीनों प्रेसीडेंसियों में एक-एक महानिदेशक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। देश के अन्दर 2 पैसे की दर से पत्र भेजने की व्यवस्था की गई। पहली बार डलहौज़ी ने [[भारत]] में [[डाक टिकट | ||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|लॉर्ड डलहौज़ी|100px|right]]डाक विभाग में सुधार करते हुए डलहौज़ी ने 1854 ई. में नया ‘पोस्ट ऑफ़िस एक्ट’ पास किया। इस एक्ट के तहत तीनों प्रेसीडेंसियों में एक-एक महानिदेशक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। देश के अन्दर 2 पैसे की दर से पत्र भेजने की व्यवस्था की गई। पहली बार डलहौज़ी ने [[भारत]] में [[डाक टिकट]] का प्रचलन प्रारम्भ किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लार्ड डलहौज़ी]] | ||
{[[हैदर अली]] की मृत्यु (1782 ई.) किस युद्ध के दौरान हुई थी? | {[[हैदर अली]] की मृत्यु (1782 ई.) किस युद्ध के दौरान हुई थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध | -[[मैसूर युद्ध प्रथम|प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध]] | ||
+द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध | +[[मैसूर युद्ध द्वितीय|द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध]] | ||
-तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध | -[[मैसूर युद्ध तृतीय|तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध]] | ||
-चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध | -[[मैसूर युद्ध चतुर्थ|चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध]] | ||
||हैदर अली 1781 ई. में 'सर आयरकूट' द्वारा पोर्टोनोवो, पोलिलूर और शोलिंगलूर के तीन युद्धों में परास्त हुआ। क्योंकि उसे [[फ़्राँसीसी|फ़्रांसीसियों]] से प्रत्याशित सहायता न मिल सकी। फिर भी वह डटा रहा और 1782 ई. में उसके पुत्र [[टीपू सुल्तान]] ने कर्नल व्रेथवेट के नायकत्ववाली ब्रिटिश सेना से [[तंजौर]] में आत्म-समर्पण करा लिया, किंतु इस युद्ध के बीच ही [[हैदर अली]] की मृत्यु हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैदर अली]] | |||
{[[ | {[[सिंकदर]] ने [[भारत]] पर कब आक्रमण किया? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+326 ई.पू. | |||
-326 ई. पू. | |||
+326 ई.पू. | |||
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-323 ई. पू. | -323 ई. पू. | ||
-327 ई. पू. | -327 ई. पू. | ||
{[[सिंधु सभ्यता]] का कौन-सा स्थान [[भारत]] में स्थित है? | {[[सिंधु सभ्यता]] का कौन-सा स्थान [[भारत]] में स्थित है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[हड़प्पा]] | -[[हड़प्पा]] | ||
-[[मोहनजोदड़ो]] | -[[मोहनजोदड़ो]] | ||
+[[लोथल]] | +[[लोथल]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:Lothal.jpg|लोथल|100px|right]] | ||[[चित्र:Lothal.jpg|लोथल|100px|right]]लोथल [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद ज़िला|अहमदाबाद ज़िले]] में 'भोगावा नदी' के किनारे 'सरगवाला' नामक ग्राम के समीप स्थित है| इसकी खुदाई 1954-55 ई. में 'रंगनाथ राव' के नेतृत्व में की गई। इस स्थल से समकालीन सभ्यता के पांच स्तर पाए गए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोथल]] | ||
{'[[आर्य]]' शब्द का शाब्दिक अर्थ है? | {'[[आर्य]]' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-वीर या योद्धा | -वीर या योद्धा | ||
पंक्ति 125: | पंक्ति 111: | ||
-विद्वान | -विद्वान | ||
{प्राचीन [[भारत]] में '[[निष्क]]' से जाने जाते थे | {प्राचीन [[भारत]] में '[[निष्क]]' से जाने जाते थे- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +स्वर्ण आभूषण | ||
-[[गाय|गायें]] | -[[गाय|गायें]] | ||
- | -ताँबे के सिक्के | ||
- | -चाँदी के सिक्के | ||
</quiz> | </quiz> | ||
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06:38, 16 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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