"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Gold.jpg| | ||[[चित्र:Gold.jpg|80px|right|स्वर्ण]]स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात [[भारत]] में खनिजों के उत्पादन में निरन्तर वृद्धि हुई है। कोयला, [[लोहा|लोह]], अयस्क, बॉक्साइड आदि का उत्पादन निरंतर बढ़ा है। 1951 में सिर्फ़ 83 करोड़ रुपये के खनिजों का खनन हुआ था, परन्तु 1970-71 में इनकी मात्रा बढ़कर 490 करोड़ रुपये हो गई। अगले 20 वर्षों में खनिजों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। भारत में किसी भी अन्य देश के मुकाबले स्वर्ण की खपत सर्वाधिक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत]] | ||
{निम्नलिखित में से 'हार्ड करेंसी' का क्या अर्थ है? | {निम्नलिखित में से 'हार्ड करेंसी' का क्या अर्थ है? | ||
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-[[कपास]] | -[[कपास]] | ||
-[[गन्ना]] | -[[गन्ना]] | ||
||[[चित्र:Jute-Trees.jpg| | ||[[चित्र:Jute-Trees.jpg|80px|right|जूट]][[भारत]] में सर्वप्रथम प्रारम्भ होने वाला उद्योग [[जूट]] का था। देश के [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]], [[बिहार]], [[उड़ीसा]], [[असम]] और [[उत्तर प्रदेश]] के कुछ तराई भागों में लगभग 16 लाख एकड़ भूमि में जूट की खेती होती है। इससे लगभग 38 लाख गाँठ जूट पैदा होता है। उत्पादन का लगभग 67 प्रतिशत भारत में ही खपता है। 7 प्रतिशत किसानों के पास रह जाता है और शेष [[ब्रिटेन]], [[जर्मनी]], [[फ़्राँस]], [[इटली]], और [[संयुक्त राज्य अमरीका]] को निर्यात होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जूट]] | ||
{[[भारत]] में करेंसी सिक्का की टकसाल कहाँ पर है? | {[[भारत]] में करेंसी सिक्का की टकसाल कहाँ पर है? | ||
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-[[नासिक]] | -[[नासिक]] | ||
-[[बंगलूर]] | -[[बंगलूर]] | ||
||[[चित्र:National-Library-Calcutta.jpg|100px|right|राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता]]अग्रेज़ी मुद्रा सबसे पहले [[कलकत्ता]] (वर्तमान कोलकाता) के टकसाल में ही 1757 ई. में ढाली गई थी। देश के संगठित वित्त बाज़ार में कोलकाता शेयर बाज़ार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलकाता में विदेशी बैंकों का भी महत्त्वपूर्ण व्यापारिक आधार है, हालाँकि अंतराष्ट्रीय बैंकिग केन्द्र के रूप में शहर का दावा कमज़ोर हो गया है। कोयला खदानों, [[जूट]] मिलों और कई वृहद अभियांत्रिकी उद्योगों की नियंत्रक एजेंसियाँ कोलकाता में स्थित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कोलकाता]] | |||
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{फ़ाइनेंस कमीशन (वित्त आयोग) की नियुक्ति कौन करता है? | {फ़ाइनेंस कमीशन (वित्त आयोग) की नियुक्ति कौन करता है? | ||
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+[[राष्ट्रपति]] | +[[राष्ट्रपति]] | ||
-[[प्रधानमंत्री]] | -[[प्रधानमंत्री]] | ||
- | -मंत्रिमंडल | ||
-[[संसद]] | -[[संसद]] | ||
||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|100px|right|राजेन्द्र प्रसाद]]संविधान द्वारा [[राष्ट्रपति]] को यह शक्ति दी गई है कि वह संघ से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियाँ करें। राष्ट्रपति इस शक्ति के प्रयोग में कई पदाधिकारियों, जैसे-महान्यायवादी, नियंत्रक-महालेखा परीक्षक, वित्त आयोगों के सदस्यों, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों, संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों, उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधाशों, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आदि की नियुक्ति करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राष्ट्रपति]] | |||
{[[भारत]] का कौन-सा राज्य सर्वाधिक औद्योगीकृत राज्य है? | {[[भारत]] का कौन-सा राज्य सर्वाधिक औद्योगीकृत राज्य है? | ||
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-[[राजस्थान]] | -[[राजस्थान]] | ||
-[[हरियाणा]] | -[[हरियाणा]] | ||
||[[चित्र:University-Of-Pune.jpg|80px|right|पुण विश्वविद्यालय]]महाराष्ट्र को पूरे देश का औद्योगिक क्षमता का केंद्र माना जाता है और राज्य की राजधानी [[मुंबई]] देश की वित्तीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र है। राज्य की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। खाद्य उत्पाद, [[तंबाकू]] और इससे बनी चीज़ें, सूती कपडा, कपड़े से बना सामान, [[काग़ज़]] और इससे बनी चीज़ें, मुद्रण और प्रकाशन, रबड, प्लास्टिक, रसायन व रासायनिक उत्पाद, मशीनें बिजली की मशीन आदि का महत्त्वपूर्ण स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाराष्ट्र]] | |||
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12:50, 18 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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