"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास6": अवतरणों में अंतर

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||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|100px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] की समीक्षा प्रकाशित हुई थी और बाद में आगामी तीन माह के अंदर तीन समाचार पत्रों में भी उसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। 'गीतांजलि' टैगोर की महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] की समीक्षा प्रकाशित हुई थी और बाद में आगामी तीन माह के अंदर तीन समाचार पत्रों में भी उसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। 'गीतांजलि' टैगोर की महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]


{[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है?
{[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है?
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-[[मैथिली भाषा|मैथिली]]
-[[मैथिली भाषा|मैथिली]]
+[[खड़ी बोली]]
+[[खड़ी बोली]]
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|100px|right|जयशंकर प्रसाद]]बेली महोदय के अनुसार- 'खड़ी' ही मूल शब्द है, 'खरी' नहीं, जो खड़ा का स्त्रीलिंग रूप है। 'खड़ी' शब्द का अर्थ है 'उठी' और जब यह शब्द किसी [[भाषा]] के लिए प्रयुक्त होता होगा, तो तब इसका अर्थ 'प्रचलित' रहा होगा। इस प्रकार इसके अनुसार  'खड़ी'  का अर्थ है 'परिपक्व', 'प्रचलित' या सुस्थिर। [[जयशंकर प्रसाद]] ने अपनी काव्य भाषा में खड़ी बोली का व्यापक रूप से प्रयोग किया है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[खड़ी बोली]]
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|80px|right|जयशंकर प्रसाद]]बेली महोदय के अनुसार- 'खड़ी' ही मूल शब्द है, 'खरी' नहीं, जो खड़ा का स्त्रीलिंग रूप है। 'खड़ी' शब्द का अर्थ है 'उठी' और जब यह शब्द किसी [[भाषा]] के लिए प्रयुक्त होता होगा, तो तब इसका अर्थ 'प्रचलित' रहा होगा। इस प्रकार इसके अनुसार  'खड़ी'  का अर्थ है 'परिपक्व', 'प्रचलित' या सुस्थिर। [[जयशंकर प्रसाद]] ने अपनी काव्य भाषा में खड़ी बोली का व्यापक रूप से प्रयोग किया है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[खड़ी बोली]]


{'दाँतों तले अंगुली दबाना' का अर्थ क्या होगा?
{'दाँतों तले अंगुली दबाना' का अर्थ क्या होगा?

04:48, 20 अक्टूबर 2011 का अवतरण

हिन्दी

1 'नीलकमल' में कौन-सा समास है?

बहुव्रीहि समास
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
द्विगु समास

3 चाय किस भाषा का शब्द है?

चीनी
जापानी
अंग्रेज़ी
फ़्रेंच

4 व्याकरण की दृष्टि से 'प्रेम' शब्द क्या है?

विशेषण
क्रिया
भाववाचक संज्ञा
अव्यय

5 उत्तर भारत में भक्ति का प्रसार करने का श्रेय किसे प्राप्त है?

शंकराचार्य
रामानुजाचार्य
स्वामी रामानंद
मध्वाचार्य

6 हिन्दी का पहला दैनिक समाचार-पत्र कौन-सा था?

बंग दर्शन
समाचार सुधावर्षण
उदयंत मार्तण्ड
भारत मित्र

8 'दाँतों तले अंगुली दबाना' का अर्थ क्या होगा?

मुसीबत में पड़ना
बहुत हैरान होना
आश्चर्य करना
दीनता प्रकट करना

9 भारत-विभाजन और सांप्रदायिकता की घटनाओं से संबंधित कौन-सी कहानी है?

सुभान ख़ाँ
मधुवा
लालपान की बेगम
मलवे का मालिक

10 भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान किससे होता है?

लिपि
व्याकरण
लिखित भाषा
इनमें से कोई नहीं

11 निम्नलिखित में से कौन-सी रचना रामधारी सिंह 'दिनकर' की है?

उर्वशी
पल्लव
अंधा युग
नीहार

12 मैथिली का विकास किस अपभ्रंश से माना जाता है?

शौरसेनी अपभ्रंश
मागधी अपभ्रंश
अर्धमागधी अपभ्रंश
महाराष्ट्रीय अपभ्रंश

13 रामकथा पर आधारित काव्य कौन-सा है?

आत्मजयी
अग्निलीक
भूमिजा
रश्मिरथी

14 काव्य क्षेत्र में 'प्रबन्ध शिरोमणि' की उपाधि किसे दी गई है?

सूर्यकांत त्रिपाठी
हरिवंशराय बच्चन
मैथिलीशरण गुप्त
हरिऔध

15 जहाँ उपमेय में अनेक उपमानों की शंका होती है, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?

यमक
श्लेष
भ्रांतिमान
संदेह