"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर

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-[[मतिराम]]
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-[[भूषण]]
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+[[घनानंद कवि|घनानंद]]
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-[[पद्माकर]]
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||'घनानन्द' [[हिन्दी भाषा]] के [[रीतिकाल|रीतिकालीन]] [[कवि]] थे। [[घनानन्द कवि|घनानन्द]] के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण तथ्य विवादास्पद हैं, जैसे- नाम, जन्म-स्थान, रचनाएँ, जन्म-तिथि इत्यादि। कुछ लोग इनका जन्म स्थान [[उत्तर प्रदेश]] के जनपद [[बुलन्दशहर]] को मानते हैं। माना जाता है कि इनका निधन अहमदशाह अब्दाली द्वारा [[मथुरा]] में किये गये कत्लेआम में हुआ था। घनानन्द श्रृंगार धारा के कवि थे। ये सखीभाव से [[श्रीकृष्ण]] की उपासना करते थे। विरक्त होने से पहले ये [[बहादुरशाह]] के मीर मुंशी थे। वहीं पर 'सुजान' नामक नर्तकी से इनका प्रेम हो गया था। इन्होंने अपनी प्रेमिका को सम्बोधित करके ही अपनी काव्य रचनायें की हैं। कुछ विद्वान इनकी रचनाओं में आध्यात्मिकता भी मानते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[घनानन्द कवि|घनानन्द]]


{"[[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी पुरस्कार]]" किस रचनाकार को प्राप्त नहीं हुआ? (पृ.सं. 3
{"[[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी पुरस्कार]]" किस रचनाकार को प्राप्त नहीं हुआ? (पृ.सं. 3
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-मंगलेश डबराल
-मंगलेश डबराल
-[[रामधारी सिंह दिनकर]]
-[[रामधारी सिंह दिनकर]]
||[[चित्र:Munshi-Premchand.jpg|right|100px|मुंशी प्रेमचन्द]]मुंशी प्रेमचन्द 'भारत के उपन्यास सम्राट' माने जाते हैं, जिनके युग का विस्तार सन [[1880]] से [[1936]] तक है। यह कालखण्ड [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में बहुत महत्त्व का है। [[प्रेमचन्द]] का वास्तविक नाम "धनपत राय श्रीवास्तव" था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे। मुंशी प्रेमचन्द की स्मृति में 'भारतीय डाक विभाग' की ओर से [[31 जुलाई]], [[1980]] को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक [[डाक टिकट]] जारी किया था। [[गोरखपुर]] के जिस स्कूल में वे शिक्षक थे, वहाँ 'प्रेमचन्द साहित्य संस्थान' की स्थापना की गई है। यहाँ उनसे संबंधित वस्तुओं का एक संग्रहालय भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रेमचन्द]]


{'हिन्दी संवर्द्धिनी' के संस्थापक का नाम क्या था? (पृ.सं. 9
{'हिन्दी संवर्द्धिनी' के संस्थापक का नाम क्या था? (पृ.सं. 9

06:20, 3 मार्च 2013 का अवतरण

1 आर्यों की ठेठ बोली के नमूने मिलते हैं-(पृ.सं. 11

ब्राह्मण ग्रंथों व सूत्र ग्रंथों में
पुराणों में
वेदों में
रामायण में

2 निम्न में से किस राज्य की राजभाषा हिन्दी नहीं है? (पृ.सं. 10

जम्मू-कश्मीर
हरियाणा
छत्तीसगढ़
उत्तर प्रदेश

3 "हिन्दी साहित्य सम्मेलन" की स्थापना कब हुई थी? (पृ.सं. 10

1918
1920
1919
1922

4 आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने "साक्षात् रसमूर्ति" किस कवि को कहा है? (पृ.सं. 17

मतिराम
भूषण
घनानन्द
पद्माकर

5 "साहित्य अकादमी पुरस्कार" किस रचनाकार को प्राप्त नहीं हुआ? (पृ.सं. 3

प्रेमचन्द
अरुण कमल
मंगलेश डबराल
रामधारी सिंह दिनकर

6 'हिन्दी संवर्द्धिनी' के संस्थापक का नाम क्या था? (पृ.सं. 9

श्यामसुन्दर दास
तोताराम
श्रीलाल शुक्ल
बनारसीदास चतुर्वेदी

7 देवनागरी लिपि को संवैधानिक मान्यता किसने प्रदान की है? (पृ.सं. 9

संविधान ने
राष्ट्रपति ने
गृहमंत्री ने
मुख्य न्यायधीश ने

8 निम्न में से उपबोली को क्या कहा जाता है? (पृ.सं. 10

राजभाषा
सम्पर्क बोली
स्थानीय बोली
राष्ट्रभाषा

9 मैक्समूलर ने 'इंडो जर्मनिक' नाम किस भाषा परिवार को दिया? (पृ.सं. 10

भारोपीय भाषा
वैदिक भाषा
अपभ्रंश भाषा
हिन्दी भाषा

10 निम्न में से सानुनासिक वर्ण कौन से हैं? (पृ.सं. 10

क् ज् ग् च्
ङ ञ ण न् म्
ख् द् ठ् म्
ण् ज् थ् द्

11 "दक्षिण भारत हिन्दी समिति" की स्थापना कब हुई? (पृ.सं. 10

1927 ई.
1918 ई.
1945 ई.
1946 ई.

12 "काशी नागरी प्रचारिणी सभा" की स्थापना कब हुई? (पृ.सं. 10

1893
1850
1860
1865

13 'पहल पत्रिका' के सम्पादक कौन हैं? (पृ.सं. 17

ज्ञानरंजन
भूषण
वासुदेव शरण अग्रवाल
धर्मवीर भारती

14 अपभ्रंश का सर्वप्रथम प्रयोग कहाँ पर हुआ? (पृ.सं. 10

जसहर चरिउ
गीता
महाभाष्य
नागकुमार चरिउ

15 भाषा का निर्माण किससे होता है? (पृ.सं. 10

व्यक्त ध्वनियों से
मौन से
मूक ध्वनियों से
संकेतों से