"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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-[[1919]] | -[[1919]] | ||
-[[1922]] | -[[1922]] | ||
{"[[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी पुरस्कार]]" किस रचनाकार को प्राप्त नहीं हुआ? (पृ.सं. 3 | |||
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+[[प्रेमचन्द]] | |||
-अरुण कमल | |||
-मंगलेश डबराल | |||
-[[रामधारी सिंह दिनकर]] | |||
||[[चित्र:Munshi-Premchand.jpg|right|90px|मुंशी प्रेमचन्द]]मुंशी प्रेमचन्द 'भारत के उपन्यास सम्राट' माने जाते हैं, जिनके युग का विस्तार सन [[1880]] से [[1936]] तक है। यह कालखण्ड [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में बहुत महत्त्व का है। [[प्रेमचन्द]] का वास्तविक नाम "धनपत राय श्रीवास्तव" था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे। मुंशी प्रेमचन्द की स्मृति में 'भारतीय डाक विभाग' की ओर से [[31 जुलाई]], [[1980]] को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक [[डाक टिकट]] जारी किया था। [[गोरखपुर]] के जिस स्कूल में वे शिक्षक थे, वहाँ 'प्रेमचन्द साहित्य संस्थान' की स्थापना की गई है। यहाँ उनसे संबंधित वस्तुओं का एक संग्रहालय भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रेमचन्द]] | |||
{[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] ने "साक्षात् रसमूर्ति" किस [[कवि]] को कहा है? (पृ.सं. 17 | {[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] ने "साक्षात् रसमूर्ति" किस [[कवि]] को कहा है? (पृ.सं. 17 | ||
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-[[पद्माकर]] | -[[पद्माकर]] | ||
||'घनानन्द' [[हिन्दी भाषा]] के [[रीतिकाल|रीतिकालीन]] [[कवि]] थे। [[घनानन्द कवि|घनानन्द]] के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण तथ्य विवादास्पद हैं, जैसे- नाम, जन्म-स्थान, रचनाएँ, जन्म-तिथि इत्यादि। कुछ लोग इनका जन्म स्थान [[उत्तर प्रदेश]] के जनपद [[बुलन्दशहर]] को मानते हैं। माना जाता है कि इनका निधन अहमदशाह अब्दाली द्वारा [[मथुरा]] में किये गये कत्लेआम में हुआ था। घनानन्द श्रृंगार धारा के कवि थे। ये सखीभाव से [[श्रीकृष्ण]] की उपासना करते थे। विरक्त होने से पहले ये [[बहादुरशाह]] के मीर मुंशी थे। वहीं पर 'सुजान' नामक नर्तकी से इनका प्रेम हो गया था। इन्होंने अपनी प्रेमिका को सम्बोधित करके ही अपनी काव्य रचनायें की हैं। कुछ विद्वान इनकी रचनाओं में आध्यात्मिकता भी मानते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[घनानन्द कवि|घनानन्द]] | ||'घनानन्द' [[हिन्दी भाषा]] के [[रीतिकाल|रीतिकालीन]] [[कवि]] थे। [[घनानन्द कवि|घनानन्द]] के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण तथ्य विवादास्पद हैं, जैसे- नाम, जन्म-स्थान, रचनाएँ, जन्म-तिथि इत्यादि। कुछ लोग इनका जन्म स्थान [[उत्तर प्रदेश]] के जनपद [[बुलन्दशहर]] को मानते हैं। माना जाता है कि इनका निधन अहमदशाह अब्दाली द्वारा [[मथुरा]] में किये गये कत्लेआम में हुआ था। घनानन्द श्रृंगार धारा के कवि थे। ये सखीभाव से [[श्रीकृष्ण]] की उपासना करते थे। विरक्त होने से पहले ये [[बहादुरशाह]] के मीर मुंशी थे। वहीं पर 'सुजान' नामक नर्तकी से इनका प्रेम हो गया था। इन्होंने अपनी प्रेमिका को सम्बोधित करके ही अपनी काव्य रचनायें की हैं। कुछ विद्वान इनकी रचनाओं में आध्यात्मिकता भी मानते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[घनानन्द कवि|घनानन्द]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन 'राग दरबारी' उपन्यास के लेखक हैं?(भारतकोश) | {निम्नलिखित में से कौन 'राग दरबारी' उपन्यास के लेखक हैं?(भारतकोश) | ||
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-गृहमंत्री ने | -गृहमंत्री ने | ||
-मुख्य न्यायधीश ने | -मुख्य न्यायधीश ने | ||
||[[चित्र:Emblem-of-India.png|right| | ||[[चित्र:Emblem-of-India.png|right|80px|भारत का प्रतीक चिह्न]][[भारत]] अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] के अनुसार शासित है, जिसे संविधान सभा द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को ग्रहण किया गया तथा जो [[26 जनवरी]], [[1950]] को प्रवृत्त हुआ। संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है, जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय है। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[राष्ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय [[संसद]] की परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन है, जिन्हें राज्यों की परिषद ([[राज्य सभा]]) तथा लोगों का सदन ([[लोक सभा]]) के नाम से जाना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत का संविधान]] | ||
{निम्न में से उपबोली को क्या कहा जाता है? (पृ.सं. 10 | {निम्न में से उपबोली को क्या कहा जाता है? (पृ.सं. 10 | ||
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-ख् द् ठ् म् | -ख् द् ठ् म् | ||
-ण् ज् थ् द् | -ण् ज् थ् द् | ||
{"[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]]" की स्थापना कब हुई? (पृ.सं. 10 | {"[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]]" की स्थापना कब हुई? (पृ.सं. 10 | ||
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-[[1860]] | -[[1860]] | ||
-[[1865]] | -[[1865]] | ||
||[[चित्र:Dr. Shyam Sunder Das.jpg|right| | ||[[चित्र:Dr. Shyam Sunder Das.jpg|right|90px|श्यामसुंदर दास]]'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' [[हिन्दी भाषा]] और [[साहित्य]] तथा [[देवनागरी लिपि]] की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करने वाली देश की अग्रणी संस्था है। इसकी स्थापना 'क्वीन्स कॉलेज', [[वाराणसी]] के नौवीं कक्षा के तीन छात्रों- [[श्यामसुंदर दास]], पं. रामनारायण मिश्र और शिवकुमार सिंह ने कॉलेज के छात्रावास के बरामदे में बैठकर की थी। बाद में [[16 जुलाई]], [[1893]] को इसकी स्थापना की तिथि इन्हीं महानुभावों ने निर्धारित की और आधुनिक हिन्दी के जनक [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] के फुफेरे भाई बाबू राधाकृष्ण दास इसके पहले अध्यक्ष हुए। [[काशी]] के 'सप्तसागर मुहल्ले' के घुड़साल में इसकी बैठक होती थी। बाद में इस संस्था का एक स्वतंत्र भवन बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]] | ||
{ | {"दक्षिण भारत हिन्दी समिति" की स्थापना कब हुई? (पृ.सं. 10 | ||
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-[[ | -[[1927]] ई. | ||
+[[ | +[[1918]] ई. | ||
-[[1945]] ई. | |||
-[[ | -[[1946]] ई. | ||
{[[अपभ्रंश भाषा|अपभ्रंश]] का सर्वप्रथम प्रयोग कहाँ पर हुआ? (पृ.सं. 10 | {[[अपभ्रंश भाषा|अपभ्रंश]] का सर्वप्रथम प्रयोग कहाँ पर हुआ? (पृ.सं. 10 | ||
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-मूक ध्वनियों से | -मूक ध्वनियों से | ||
-संकेतों से | -संकेतों से | ||
{'शुद्ध कविता की खोज' नामक आलोचनात्मक कृति किस साहित्यकार की है? (भारतकोश | |||
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-[[अमृतलाल चक्रवर्ती]] | |||
+[[रामधारी सिंह दिनकर]] | |||
-[[फणीश्वरनाथ रेणु]] | |||
-[[चतुरसेन शास्त्री]] | |||
||[[चित्र:Dinkar.jpg|right|90px|रामधारी सिंह दिनकर]]रामधारी सिंह दिनकर [[हिन्दी]] के प्रसिद्ध कवियों में से एक हैं। दिनकर की गद्य कृतियों में मुख्य हैं- उनका विराट ग्रन्थ 'संस्कृति के चार अध्याय' ([[1956]] ई.), जिसमें उन्होंने प्रधानतया शोध और अनुशीलन के आधार पर मानव सभ्यता के इतिहास को चार मंजिलों में बाँटकर अध्ययन किया है। [[भाषा]] की भूलों के बावज़ूद शैली की प्रांजलता [[रामधारी सिंह दिनकर]] के गद्य को आकर्षित बना देती है। दिनकर की प्रसिद्ध आलोचनात्मक कृतियाँ हैं- 'मिट्टी की ओर' ([[1946]] ई.), 'काव्य की भूमिका' ([[1958]] ई.), 'पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण' ([[1958]] ई.), हमारी सांस्कृतिक कहानी ([[1955]]) और 'शुद्ध कविता की खोज़' ([[1966]] ई.)।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामधारी सिंह दिनकर]] | |||
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07:40, 7 मार्च 2013 का अवतरण
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