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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[डोगरी भाषा]] मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है?
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| -[[हिमाचल प्रदेश]]
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| +[[जम्मू-कश्मीर]]
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| -[[उत्तराखंड]]
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| -[[असम]]
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| ||[[चित्र:Gulmarg-Temple.jpg|100px|right|गुलमर्ग का मंदिर]]'जम्मू और कश्मीर' एक भारतीय राज्य है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वत श्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। [[कश्मीरी भाषा]] [[संस्कृत]] से प्रभावित है और गिलगित की विभिन्न पहाड़ी जनजातियों के द्वारा बोली जाने वाली भारतीय आर्य भाषाओं की दर्दीय शाखा की है। [[उर्दू]], [[डोगरी भाषा|डोगरी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], लद्दाखी, बाल्टी, पहाड़ी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], गुजरी और ददरी भाषाओं का प्रयोग साधारण नागरिकों द्वारा किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू-कश्मीर]]
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| {[[भारत]] के किस प्रान्त में [[कोंकणी भाषा]] बोली जाती है?
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| -[[केरल]] तथा [[कर्नाटक]]
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| +[[महाराष्ट्र]] तथा [[गोवा]]
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| -[[उड़ीसा]] तथा [[पश्चिम बंगाल]]
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| -[[आन्ध्र प्रदेश]] तथा [[उड़ीसा]]
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| ||[[चित्र:Chhatrapati-Shivaji-Terminus.jpg|100px|right|छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई]]'महाराष्ट्र' [[गुजरात]], [[मध्य प्रदेश]], [[आंध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]] और [[गोवा]] राज्यों से घिरा हुआ है। इसके पश्चिम में [[अरब सागर]] है। प्राचीन [[महाजनपद|16 महाजनपदों]] में '[[अश्मक]]' या 'अस्सक' का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आस-पास का माना जाता है। [[अशोक के शिलालेख|सम्राट अशोक के शिलालेख]] भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक [[सातवाहन]] (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे, जो महाराष्ट्र राज्य के संस्थापक थे। [[भारत]] की आज़ादी के बाद मध्य भारत के सभी [[मराठी भाषा]] के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और [[1 मई]], [[1960]] को [[कोंकण]], मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र तथा [[विदर्भ]], सभी संभागों को जोड़कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाराष्ट्र]]
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| ||[[चित्र:Dudhsagar-Waterfall-Goa-2.jpg|100px|right|दूधसागर झरना, गोवा]]'गोवा' भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह क्षेत्रफल में [[भारत]] का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से दूसरा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में [[गोवा]] अपने ख़ूबसूरत [[समुद्र]] के किनारों और मशहूर स्थापत्य कला के लिये जाना जाता है। [[महाभारत]] में गोवा का उल्लेख 'गोपराष्ट्र' अर्थात '[[गाय]] चराने वालों का देश' के रूप में मिलता है। दक्षिण कोंकण का उल्लेख गोवा राष्ट्र के रूप में मिलता है। [[संस्कृत]] के कुछ प्राचीन स्रोतों में गोवा को 'गोपकपुरी' और 'गोपकपट्टन' कहा गया है, जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा 'हरिवंशम्' और '[[स्कन्दपुराण]]' में प्राप्त होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोवा]]
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| {[[आन्ध्र प्रदेश]] की राजकीय भाषा है?
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| -[[तमिल भाषा|तमिल]]
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| +[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]
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| -[[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]]
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| -[[उड़िया भाषा|उड़िया]]
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| ||[[चित्र:Charminar-Hyderabad-3.jpg|80px|right|चारमीनार, हैदराबाद]]'तेलुगु' द्रविड़ परिवार की [[भाषा]] और [[भारत]] के [[आन्ध्र प्रदेश]] राज्य की सरकारी भाषा है। [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] की सात भिन्न क्षेत्रीय बोलियाँ तथा तीन सामाजिक बोलियाँ- 'ब्राह्मण', 'अब्राह्मण' और 'हरिजन' हैं। इसकी मधुरता का मूल कारण [[संस्कृत]] तथा तेलुगु का (मणिस्वर्ण) संयोग ही है। अधिकांश संस्कृत शब्दों से संकलित भाषा 'आंध्र' भाषा के नाम से व्यवहृत होती है। तेलुगु देशीय शब्दों का प्राचुर्य जिस भाषा में है, वह तेलुगु भाषा के नाम से प्रख्यात है। तेलुगु भाषा के विकास के संबंध में विद्वानों के दो मत हैं। पश्चिम के विद्वानों ने तेलुगु को "पूर्व की इतालीय भाषा" कहकर इसके माधुर्य की सराहना की है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]
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| {[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी|आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी]] के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन [[हिन्दी साहित्य]] सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?
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| -'हिन्दी साहित्य की भूमिका'
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| -'हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास'
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| -'मध्यकालीन धर्मसाधना'
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| +'हिन्दी साहित्य का आदिकाल'
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| ||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|100px|right|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]'हज़ारी प्रसाद द्विवेदी' [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, [[उपन्यासकार]], आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता माने जाते थे। 'बाणभट्ट', 'कबीर', 'अशोक के फूल', 'हिन्दी साहित्य की भूमिका', 'हिन्दी साहित्य का आदिकाल', 'नाथ सम्प्रदाय' और 'पृथ्वीराज रासो' आदि [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] की प्रसिद्ध रचनाओं में गिनी जाती हैं। 'हिन्दी साहित्य का आदिकाल' में द्विवेदी जी ने नवीन उपलब्ध सामग्री के आधार पर जो शोधपरक विश्लेषण प्रस्तुत किया है, उससे [[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के पुन: परीक्षण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। [[साहित्य]] के लगभग सभी क्षेत्रों में द्विवेदीजी अपनी प्रतिभा और विशिष्ट कर्तव्य के कारण यश के भागी हुए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
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| {[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर '[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?
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| - ग्रंथों की प्रसिद्धि
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| + ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि
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| - ग्रंथों की उपलब्धता
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| - रचनाकारों की संख्या
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| {इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए हैं? | | {इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए हैं? |
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