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-[[नंददास]] | -[[नंददास]] | ||
||[[चित्र:Kumbhandas.jpg|right|100px|border|कुम्भनदास]]'गोस्वामी बिट्ठलनाथ ने सं.1602 के लगभग अपने पिता [[वल्लभाचार्य|वल्लभ]] के 84 शिष्यों में से चार और अपने 252 शिष्यों में से चार को लेकर अष्टछाप के प्रसिद्ध भक्त कवियों की मंडली की स्थापना की। इन आठ भक्त कवियों में चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे। अष्टछाप के भक्त कवियों में सबसे ज्येष्ठ [[कुम्भनदास]] थे और सबसे कनिष्ठ [[नंददास]] थे परंतु काव्यसौष्ठव की दृष्टि से सर्वप्रथम स्थान [[सूरदास]] का है तथा द्वितीय स्थान नंददास का है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अष्टछाप कवि]], [[कुम्भनदास]] | ||[[चित्र:Kumbhandas.jpg|right|100px|border|कुम्भनदास]]'गोस्वामी बिट्ठलनाथ ने सं.1602 के लगभग अपने पिता [[वल्लभाचार्य|वल्लभ]] के 84 शिष्यों में से चार और अपने 252 शिष्यों में से चार को लेकर अष्टछाप के प्रसिद्ध भक्त कवियों की मंडली की स्थापना की। इन आठ भक्त कवियों में चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे। अष्टछाप के भक्त कवियों में सबसे ज्येष्ठ [[कुम्भनदास]] थे और सबसे कनिष्ठ [[नंददास]] थे परंतु काव्यसौष्ठव की दृष्टि से सर्वप्रथम स्थान [[सूरदास]] का है तथा द्वितीय स्थान नंददास का है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अष्टछाप कवि]], [[कुम्भनदास]] | ||
{किस शहर को 'भारत का प्रवेश द्वार' कहा जाता है? | {किस शहर को 'भारत का प्रवेश द्वार' कहा जाता है? | ||
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+[[मुम्बई]] | +[[मुम्बई]] | ||
||[[चित्र:A-View-Of-Mumbai.jpg|right|100px|border|मुम्बई का एक दृश्य]]'[[मुम्बई|मुम्बई शहर]], भूतपूर्व बंबई, [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] की [[राजधानी]] है। मुम्बई को '''भारत का प्रवेश द्वार''' भी कहा जाता है। यह दक्षिण-पश्चिम भारत देश का वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र और [[अरब सागर]] में स्थित प्रमुख [[बंदरगाह]] है। मुम्बई दुनिया के विशालतम व सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुम्बई]] | ||[[चित्र:A-View-Of-Mumbai.jpg|right|100px|border|मुम्बई का एक दृश्य]]'[[मुम्बई|मुम्बई शहर]], भूतपूर्व बंबई, [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] की [[राजधानी]] है। मुम्बई को '''भारत का प्रवेश द्वार''' भी कहा जाता है। यह दक्षिण-पश्चिम भारत देश का वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र और [[अरब सागर]] में स्थित प्रमुख [[बंदरगाह]] है। मुम्बई दुनिया के विशालतम व सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुम्बई]] | ||
{[[बंगाल विभाजन]] [[1905]] के समय [[भारत]] का [[वाइसराय]] कौन था? | |||
|type="()"} | |||
-[[लॉर्ड डफ़रिन]] | |||
+[[लॉर्ड कर्ज़न]] | |||
-[[लॉर्ड मिण्टो द्वितीय]] | |||
-[[लॉर्ड इरविन]] | |||
||[[चित्र:Lord Curzon.jpg|right|100px|border|लॉर्ड कर्ज़न]]'बंगाल विभाजन पहली बार [[1905]] ई. में [[वाइसराय]] [[लॉर्ड कर्ज़न]] द्वारा किया गया था। विभाजन के सम्बन्ध में कर्ज़न का तर्क था कि तत्कालीन [[बंगाल]], जिसमें [[बिहार]] और [[उड़ीसा]] भी शामिल थे, काफ़ी विस्तृत है और अकेला लेफ्टिनेंट गवर्नर उसका प्रशासन भली-भाँति नहीं चला सकता है।विभाजन के समय बंगाल की कुल जनसंख्या 7 करोड़, 85 लाख थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंगाल विभाजन]], [[लॉर्ड कर्ज़न]] | |||
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12:11, 9 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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