"प्रयोग:कविता बघेल 6": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
कविता बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{प्रागैतिहासिक कला अर्थ है | {प्रागैतिहासिक कला अर्थ क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-आधुनिक कला | -आधुनिक कला | ||
-मध्यकालीन कला | -मध्यकालीन कला | ||
-सिंधु घाटी सभ्यता की कला | -[[सिंधु घाटी सभ्यता]] की [[कला]] | ||
+ऐतिहासिक कला के पूर्व की कला | +ऐतिहासिक कला के पूर्व की कला | ||
||प्रागैतिहासिक कला का अर्थ 'ऐतिहासिक काल के पूर्व की कला' है। 'प्रागैतिहासिक' इतिहास के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में था लेकिन उसका कोई लिखित वर्णन नहीं प्राप्त होता है। | ||प्रागैतिहासिक कला का अर्थ 'ऐतिहासिक काल के पूर्व की कला' है। '[[प्रागैतिहासिक काल|प्रागैतिहासिक]]' [[इतिहास]] के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में था लेकिन उसका कोई लिखित वर्णन नहीं प्राप्त होता है। | ||
{'अल्टामीरा' गुफा | {'अल्टामीरा' गुफा कहाँ स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-फ्रांस | -[[फ्रांस]] | ||
+स्पेन | +स्पेन | ||
-इटली | -[[इटली]] | ||
-रोम | -[[रोम]] | ||
||'अल्टामीरा' गुफा स्पेन में स्थित है। पूरी गुफा में चित्रकारी की गई है। इसको बनाने के लिए चारकोल और हेमटिट का इस्तेमाल किया गया है। इस गुफा में प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र प्राप्त हुए हैं। | ||'अल्टामीरा' गुफा स्पेन में स्थित है। पूरी गुफा में चित्रकारी की गई है। इसको बनाने के लिए चारकोल और हेमटिट का इस्तेमाल किया गया है। इस गुफा में प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र प्राप्त हुए हैं। | ||
{अजंता में कितनी जातक कथाएं चित्रित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-36,प्रश्न-63 | {[[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] में कितनी [[जातक कथा|जातक कथाएं]] चित्रित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-36,प्रश्न-63 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-548 | -548 | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 27: | ||
-347 | -347 | ||
-550 | -550 | ||
||जातक कथाओं का अर्थ है-'पूर्वजन्म की कथाएं'। यह जातक कथाएं बुद्ध के जन्म-जन्मान्तर की कथाएं हैं, जिनको उन्होंने स्वयं अपने उपदेशों में सुनाया। जातक कथा में 547 जन्मों का उल्लेख है। यद्यपि अजंता में जीवन तथा धर्म दोनों से संबंधित चित्र हैं परंतु | ||जातक कथाओं का अर्थ है-'पूर्वजन्म की कथाएं'। यह जातक कथाएं [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] के जन्म-जन्मान्तर की कथाएं हैं, जिनको उन्होंने स्वयं अपने उपदेशों में सुनाया। [[जातक कथा]] में 547 जन्मों का उल्लेख है। यद्यपि [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] में जीवन तथा [[धर्म]] दोनों से संबंधित चित्र हैं परंतु फिर भी विशेष रूप से जातक कथाओं या बुद्ध के जीवन की कथाओं का अंकन है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) अप्रत्यक्ष रूप से [[जातक कथा|जातक कथाओं]] में महात्मा बुद्ध का एक संदेश छिपा है। (2) इन कथाओं को वेदिका स्तंभों पर सूचिकाओं पर अथवा दीवारों पर सांची, अमरावती आदि स्थानों पर तथा गांधार कला में जातक कथाओं के दृश्य अंकित हैं। | ||
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य | |||
{गोथिक कला में विकास हुआ था | {[[गोथिक कला]] में किसका विकास हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+रंगीन कांच की खिड़कियों का | +रंगीन कांच की खिड़कियों का | ||
पंक्ति 38: | पंक्ति 35: | ||
-पुस्तक चित्रण का | -पुस्तक चित्रण का | ||
-पट्टिका चित्रण का | -पट्टिका चित्रण का | ||
||गोथिक कला में रंगीन कांच की खिड़कियों का विकास हुआ था। गोथिक चित्रकला का प्रयोग गिरजाघरों के दरवाजों और खिड़कियों में लगे कांच एवं मेहराबों तथा दीवारों के छोटे-छोटे पैनलों में दिखाई पड़ता है। अन्य विकल्प बाइजेन्टाइन कला से सम्बद्ध हैं। | ||[[गोथिक कला]] में रंगीन कांच की खिड़कियों का विकास हुआ था। गोथिक चित्रकला का प्रयोग [[गिरजाघर|गिरजाघरों]] के दरवाजों और खिड़कियों में लगे कांच एवं [[मेहराब|मेहराबों]] तथा दीवारों के छोटे-छोटे पैनलों में दिखाई पड़ता है। अन्य विकल्प बाइजेन्टाइन कला से सम्बद्ध हैं। | ||
{किस | {किस मुग़लकालीन चित्रकार को 'पूर्व का राफेल' की संज्ञा दी गयी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अब्दुलस्समद | -अब्दुलस्समद | ||
-दसवंत | -[[दसवंत]] | ||
+बिहजाद | +बिहजाद | ||
-मंसूर | -मंसूर | ||
||ईरानी | ||ईरानी फ़ारसी मुग़लकालीन चित्रकार बिहजाद को 'पूर्व का रोफल' कहा जाता है। बिहजाद ईरानी शैली का अपने समय का सबसे उत्तम [[चित्रकार]] था। वह पहले [[तैमूर लंग|तैमूर वंशीय]] सुल्तान हुसेन वेगरा (मिर्जा) का दरबारी चित्रकार था। [[बाबर]] ने अपनी आत्मकथा '[[बाबरनामा]]' में बिहजाद का उल्लेख किया है। | ||
{{see also|मुग़लकालीन चित्रकला|मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला}} | |||
{चित्रकार मानकू द्वारा चित्रित ग्रंथ है | |||
{चित्रकार मानकू द्वारा चित्रित ग्रंथ क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रामायण | -[[रामायण]] | ||
+गीत गोविंद | +[[गीत गोविंद]] | ||
-महाभारत | -[[महाभारत]] | ||
-रसिकप्रिया | -[[रसिकप्रिया]] | ||
||पहाड़ी चित्रकला की गढ़वाली उपशैली के प्रसिद्ध चित्रकार मानकू द्वारा प्रसिद्ध चित्रित ग्रंथ 'गीत गोविंद' है। चित्रकार 'मानकू' और 'चौत्तुशाह' जो मोलाराम के भाइयों में थे, ने महाराजा सुदर्शन शाह के शासनकाल (1815-1859 ई.) में थे। मानकू द्वारा बनाये चित्रों में 'कृष्ण-राधा' शीर्षक हैं, जिस पर 1896 ई. तिथि अंकित है। उसने 'बिहारी सतसई' और 'गीत गोविंद' के सुंदर दृष्टांत चित्र उतारे थे। | ||[[पहाड़ी चित्रकला]] की गढ़वाली उपशैली के प्रसिद्ध चित्रकार मानकू द्वारा प्रसिद्ध चित्रित ग्रंथ '[[गीत गोविंद]]' है। चित्रकार 'मानकू' और 'चौत्तुशाह' जो मोलाराम के भाइयों में थे, ने महाराजा सुदर्शन शाह के शासनकाल (1815-[[1859]] ई.) में थे। मानकू द्वारा बनाये चित्रों में '[[कृष्ण]]-[[राधा]]' शीर्षक हैं, जिस पर [[1896]] ई. तिथि अंकित है। उसने 'बिहारी सतसई' और 'गीत गोविंद' के सुंदर दृष्टांत चित्र उतारे थे। | ||
{राजा रवि | {प्रसिद्ध कलाकार [[राजा रवि वर्मा]] का जन्म किस [[राज्य]] में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-महाराष्ट्र | -[[महाराष्ट्र]] | ||
-पंजाब | -[[पंजाब]] | ||
-बंगाल | -[[बंगाल]] | ||
+केरल | +[[केरल]] | ||
||राजा रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल, 1848 को केरल के एक छोटे कस्बे किलिमनूर (त्रावणकोर) में हुआ था। वे अपने विस्मय पेंटिंग के लिए | ||[[राजा रवि वर्मा]] का जन्म [[29 अप्रैल]], 1848 को [[केरल]] के एक छोटे कस्बे किलिमनूर (त्रावणकोर) में हुआ था। वे अपने विस्मय पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं जो मुख्यत: [[रामायण]] एवं [[महाभारत]] महाकाव्यों के इर्द-गिर्द घूमता है। इनकी मृत्यु [[2 अक्टूबर]], [[1906]] को हुई थी। | ||
{बाइजेंटाइन-कला का समय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-101,प्रश्न-1 | {बाइजेंटाइन-कला का समय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-101,प्रश्न-1 |
12:41, 29 मार्च 2017 का अवतरण
|