"पृथ्वी का चक्कर -राजेश जोशी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Rajesh-Joshi.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "किस्सा" to "क़िस्सा ") |
||
पंक्ति 41: | पंक्ति 41: | ||
बचपन से सुनता आया हूँ | बचपन से सुनता आया हूँ | ||
उन | उन क़िस्सा बाजों की कहानियों को जो कहते थे | ||
कि पृथ्वी एक कछुए की पीठ पर रखी है | कि पृथ्वी एक कछुए की पीठ पर रखी है | ||
कि बैलों के सींगों पर या शेषनाग के थूथन पर, | कि बैलों के सींगों पर या शेषनाग के थूथन पर, |
13:53, 9 मई 2021 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||
|
यह पृथ्वी सुबह के उजाले पर टिकी है |
टीका टिप्पणी और संदर्भबाहरी कड़ियाँसंबंधित लेख
|