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*इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः कायम हो सकी। | *इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः कायम हो सकी। | ||
*948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ। | *948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ। |
11:31, 30 नवम्बर 2010 का अवतरण
- गोपाल वर्मन ने 902 से 904 ई. तक शासन किया।
- शंकर वर्मन के बाद गोपाल वर्मन कश्मीर का शासक हुआ।
- उसके शासन काल में कश्मीर में चारों ओर अव्यवस्था एवं अशान्ति की स्थिति व्याप्त हो गयी।
- इसका फ़ायदा उठाकर 939 ई. में ब्राह्मण कुल में उत्पन्न यशस्कर ने कश्मीर की सत्ता ग्रहण किया।
- इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः कायम हो सकी।
- 948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ।
- एक वर्ष के शासन के उपरान्त 950 ई. में उसके पुत्र 'क्षेमगुप्त' ने कश्मीर की राजगद्दी ग्रहण की।
- उसने लगभग 958 ई. तक शासन किया।
- इसका विवाह हिन्दुशाही वंश की राजकुमारी दिद्दा से हुआ था।
- पति क्षेमेन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद रानी दिद्दा ने शासन की वागडोर संभाली।
- उसने लगभग 50 वर्षो तक कुशलता से कश्मीर पर शासन किया।
- 1003 ई. में रानी दिद्दा की मृत्यु के बाद उसके भतीजे संग्रामराज ने कश्मीर में लोहार वंश की स्थापना की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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