पीठी करना

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पीठी करना भारतीय राज्य राजस्थान में प्रचलित प्रथा है जो विवाह से सम्बंधित है।

  • लग्नपत्र पहुँचने के बाद गणेश पूजन (कांकन डोरडा) के पश्चात् विवाह से पूर्व तक प्रतिदिन वर व वधू को अपने-अपने घर में चौकी पर बैठाकर गेहूँ का आटा, बेसन में हल्दी व तेल मिलाकर बने उबटन (पीठी) से बदन को मला जाता है, जिसको 'पीठी करना' कहते हैं। इस समय सुहागन स्त्रियाँ मांगलिक गीत गाती है। इस रस्म को 'बान बैठना' कहते हैं।

इन्हें भी देखें: राजस्थान की संस्कृति, राजस्थान की जनजातियाँ, राजस्थान का इतिहास एवं राजस्थान के रीति-रिवाज


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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