छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-19

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  • जो साधक यज्ञीय साम को अंगों सन्निहित जानता है, वह सम्पूर्ण अंगों से स्वस्थ व सम्पन्न होता है।


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