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'''अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Finance Corporation'' - IFC) [[संयुक्त राष्ट्र]] का विशिष्ट अभिकरण है। इसकी स्थापना [[25 मई]], [[1955]] को वाशिंगटन में हुए समझौते के द्वारा हुई, जो [[20 जुलाई]], [[1956]] से प्रभावी हुआ। [[20 फ़रवरी]], [[1957]] को आईएफसी संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया। आईएफसी का मूल उद्देश्य उत्पादक निजी या आंशिक रूप से सरकारी उद्यमों की वृद्धि के प्रोत्साहन द्वारा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना है।
 
'''अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Finance Corporation'' - IFC) [[संयुक्त राष्ट्र]] का विशिष्ट अभिकरण है। इसकी स्थापना [[25 मई]], [[1955]] को वाशिंगटन में हुए समझौते के द्वारा हुई, जो [[20 जुलाई]], [[1956]] से प्रभावी हुआ। [[20 फ़रवरी]], [[1957]] को आईएफसी संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया। आईएफसी का मूल उद्देश्य उत्पादक निजी या आंशिक रूप से सरकारी उद्यमों की वृद्धि के प्रोत्साहन द्वारा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना है।
 
==कार्य==
 
==कार्य==
अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम बहुपक्षीय विकास बैंक तथा निजी वित्तीय संस्थान, दोनों के रूप में कार्य करता है। यह निजी निवेशकों के सहयोग एवं सरकारी गारंटी के बिना विकासशील देशों में आर्थिक वरीयता वाले उत्पादक निजी उद्यमों को जोखिम पूंजी उपलब्ध कराता है। निगम द्वारा विकास कार्यों में निजी निवेश के प्रवाह हेतु प्रेरक दशाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। यह निजी रूप से नियंत्रित विकास वित्त कंपनियों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करता है तथा औद्योगिक देशों में उपलब्ध तकनीकी प्रबंधकीय अनुभव और बाजार के ज्ञान व घरेलू प्रायोजन को संयुक्त करने का अवसर उपलब्ध कराने वाले साझा उद्यमों को समर्थन देता है। संक्षेप में, आईएफसी की गतिविधियां निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में केन्द्रित हैं- निवेश, संवर्द्धन, पूंजी बाजार कार्यक्रम, तकनीकी सहायता तथा संघ-संघटन। आईएफसी के सदस्यों की संख्या 185 ([[दिसम्बर]] [[2013]] तक) है।
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अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम बहुपक्षीय विकास बैंक तथा निजी वित्तीय संस्थान, दोनों के रूप में कार्य करता है। यह निजी निवेशकों के सहयोग एवं सरकारी गारंटी के बिना विकासशील देशों में आर्थिक वरीयता वाले उत्पादक निजी उद्यमों को जोखिम पूंजी उपलब्ध कराता है। निगम द्वारा विकास कार्यों में निजी निवेश के प्रवाह हेतु प्रेरक दशाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। यह निजी रूप से नियंत्रित विकास वित्त कंपनियों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करता है तथा औद्योगिक देशों में उपलब्ध तकनीकी प्रबंधकीय अनुभव और बाज़ार के ज्ञान व घरेलू प्रायोजन को संयुक्त करने का अवसर उपलब्ध कराने वाले साझा उद्यमों को समर्थन देता है। संक्षेप में, आईएफसी की गतिविधियां निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में केन्द्रित हैं- निवेश, संवर्द्धन, पूंजी बाज़ार कार्यक्रम, तकनीकी सहायता तथा संघ-संघटन। आईएफसी के सदस्यों की संख्या 185 ([[दिसम्बर]] [[2013]] तक) है।
 
==संसाधन==
 
==संसाधन==
निगम के संसाधन सदस्यों के अंशदान तथा संचित आय से जुटाये जाते हैं। निगम विश्व बैंक से भी उधार लेता है। निगम द्वारा दिये जाने वाले कर्ज का अधिकांश भाग अंतरराष्ट्रीय वित्त बाजारों में बॉण्ड जारी करके इकट्ठा किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम दीर्घावधिक ऋणों के साथ में अंशों की भागीदारी द्वारा वित्त उपलब्ध कराता है। यह एक परियोजना हेतु अपेक्षित पूंजी के महत्वपूर्ण भाग को उपलब्ध कराने हेतु अन्य निवेशकों की खोज भी करता है।
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निगम के संसाधन सदस्यों के अंशदान तथा संचित आय से जुटाये जाते हैं। निगम विश्व बैंक से भी उधार लेता है। निगम द्वारा दिये जाने वाले कर्ज का अधिकांश भाग अंतरराष्ट्रीय वित्त बाज़ारों में बॉण्ड जारी करके इकट्ठा किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम दीर्घावधिक ऋणों के साथ में अंशों की भागीदारी द्वारा वित्त उपलब्ध कराता है। यह एक परियोजना हेतु अपेक्षित पूंजी के महत्वपूर्ण भाग को उपलब्ध कराने हेतु अन्य निवेशकों की खोज भी करता है।
 
==वित्त का विशालतम स्रोत==
 
==वित्त का विशालतम स्रोत==
 
आईएफसी स्वयं को विकासशील देशों में निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष वित्त के विशालतम स्रोत के रूप में स्थापित कर चुका है। आईबीआरडी का अनुषंगी होने के कारण आईएफसी समान संस्थात्मक संरचना रखता है। आईबीआरडी का अध्यक्ष ही आईएफसी का अध्यक्ष होता है। यद्यपि निगम का अपना कार्यचालन एवं वैधानिक स्टाफ होता है, किंतु यह प्रशासनिक व अन्य सेवाओं के लिए बैंक पर निर्भर रहता है। निगम के दैनंदिन कार्य एक कार्यकारी उपाध्यक्ष द्वारा निर्देशित होते हैं। वर्ष [[2006]] में आईएफसी ने 9500 मिलियन डॉलर परियोजना वित्त के रूप में विनियोजित किए तथा लगभग 66 देशों में 284 निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
 
आईएफसी स्वयं को विकासशील देशों में निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष वित्त के विशालतम स्रोत के रूप में स्थापित कर चुका है। आईबीआरडी का अनुषंगी होने के कारण आईएफसी समान संस्थात्मक संरचना रखता है। आईबीआरडी का अध्यक्ष ही आईएफसी का अध्यक्ष होता है। यद्यपि निगम का अपना कार्यचालन एवं वैधानिक स्टाफ होता है, किंतु यह प्रशासनिक व अन्य सेवाओं के लिए बैंक पर निर्भर रहता है। निगम के दैनंदिन कार्य एक कार्यकारी उपाध्यक्ष द्वारा निर्देशित होते हैं। वर्ष [[2006]] में आईएफसी ने 9500 मिलियन डॉलर परियोजना वित्त के रूप में विनियोजित किए तथा लगभग 66 देशों में 284 निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।

13:23, 15 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम
अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम का प्रतीक
विवरण 'अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम' विश्व बैंक के क्रियाकलापों में अपना सहयोग देता है, जिससे कम विकसित सदस्य देशों में उत्पादनशील निजी उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा सके।
स्थापना 20 जुलाई, 1956फ्मुख्य
मुख्यालय वाशिंगटन डीसी
सदस्य संख्या 185 (दिसम्बर 2013 तक)
अन्य जानकारी अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम स्वयं को विकासशील देशों में निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष वित्त के विशालतम स्रोत के रूप में स्थापित कर चुका है। आईबीआरडी का अनुषंगी होने के कारण आईएफसी समान संस्थात्मक संरचना रखता है।
बाहरी कड़ियाँ 01:44, 05 नवम्बर-2016 (IST)

अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (अंग्रेज़ी: International Finance Corporation - IFC) संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण है। इसकी स्थापना 25 मई, 1955 को वाशिंगटन में हुए समझौते के द्वारा हुई, जो 20 जुलाई, 1956 से प्रभावी हुआ। 20 फ़रवरी, 1957 को आईएफसी संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया। आईएफसी का मूल उद्देश्य उत्पादक निजी या आंशिक रूप से सरकारी उद्यमों की वृद्धि के प्रोत्साहन द्वारा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना है।

कार्य

अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम बहुपक्षीय विकास बैंक तथा निजी वित्तीय संस्थान, दोनों के रूप में कार्य करता है। यह निजी निवेशकों के सहयोग एवं सरकारी गारंटी के बिना विकासशील देशों में आर्थिक वरीयता वाले उत्पादक निजी उद्यमों को जोखिम पूंजी उपलब्ध कराता है। निगम द्वारा विकास कार्यों में निजी निवेश के प्रवाह हेतु प्रेरक दशाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। यह निजी रूप से नियंत्रित विकास वित्त कंपनियों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करता है तथा औद्योगिक देशों में उपलब्ध तकनीकी प्रबंधकीय अनुभव और बाज़ार के ज्ञान व घरेलू प्रायोजन को संयुक्त करने का अवसर उपलब्ध कराने वाले साझा उद्यमों को समर्थन देता है। संक्षेप में, आईएफसी की गतिविधियां निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में केन्द्रित हैं- निवेश, संवर्द्धन, पूंजी बाज़ार कार्यक्रम, तकनीकी सहायता तथा संघ-संघटन। आईएफसी के सदस्यों की संख्या 185 (दिसम्बर 2013 तक) है।

संसाधन

निगम के संसाधन सदस्यों के अंशदान तथा संचित आय से जुटाये जाते हैं। निगम विश्व बैंक से भी उधार लेता है। निगम द्वारा दिये जाने वाले कर्ज का अधिकांश भाग अंतरराष्ट्रीय वित्त बाज़ारों में बॉण्ड जारी करके इकट्ठा किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम दीर्घावधिक ऋणों के साथ में अंशों की भागीदारी द्वारा वित्त उपलब्ध कराता है। यह एक परियोजना हेतु अपेक्षित पूंजी के महत्वपूर्ण भाग को उपलब्ध कराने हेतु अन्य निवेशकों की खोज भी करता है।

वित्त का विशालतम स्रोत

आईएफसी स्वयं को विकासशील देशों में निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष वित्त के विशालतम स्रोत के रूप में स्थापित कर चुका है। आईबीआरडी का अनुषंगी होने के कारण आईएफसी समान संस्थात्मक संरचना रखता है। आईबीआरडी का अध्यक्ष ही आईएफसी का अध्यक्ष होता है। यद्यपि निगम का अपना कार्यचालन एवं वैधानिक स्टाफ होता है, किंतु यह प्रशासनिक व अन्य सेवाओं के लिए बैंक पर निर्भर रहता है। निगम के दैनंदिन कार्य एक कार्यकारी उपाध्यक्ष द्वारा निर्देशित होते हैं। वर्ष 2006 में आईएफसी ने 9500 मिलियन डॉलर परियोजना वित्त के रूप में विनियोजित किए तथा लगभग 66 देशों में 284 निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।


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