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[[लोकसभा]] सांसद कैलाश नाथ काटजू पहली लोकसभा के सदस्य चुने गये।
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'''कैलाश नाथ काटजू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kailash Nath Katju'' ; जन्म- [[17 जून]], [[1887]], [[मालवा]], [[मध्य प्रदेश]]; मृत्यु- [[17 फ़रवरी]], [[1968]]) [[मध्य प्रदेश|मध्य प्रदेश राज्य]] के भूतपूर्व [[मुख्यमंत्री]] थे। इन्होंने [[जनवरी]], [[1957]] से [[मार्च]], [[1962]] तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया था। कैलाश नाथ काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की थी। [[भारत]] के [[स्वाधीनता संग्राम]] में भी इनका विशेष योगदान था।
 
==जन्म==
 
==जन्म==
[[17 जून]] [[1887]]
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कैलाश नाथ काटजू का जन्म 17 जून, 1887 को [[मध्य प्रदेश]] के [[मालवा]] में एक छोटी-सी रियासत 'जओरा' में हुआ था। ये कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते थे। इनके [[पिता]] का नाम पंडित त्रिभुवननाथ काटजू था।
==अभिभावक==
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====शिक्षा====
पिता- पंडित त्रिभुवननाथ काटजू  
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कैलाश नाथ काटजू की प्रारम्भिक शिक्षा इनकी ननिहाल [[लाहौर]] में हुई थी। फिर लाहौर से ही बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ये क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए [[इलाहाबाद]] आ गए। इलाहाबाद में प्रसिद्ध क़ानूनविद सर तेज बहादुर सप्रू की देख-रेख में इन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त की और कुछ समय तक [[कानपुर]] में वकालत करते रहे। इसके बाद ये इलाहाबाद हाईकोर्ट में आ गए और यहाँ वकालत करते हुए वर्ष [[1919]] में क़ानून में एल.एल.डी. की डिग्री लेकर डॉ. काटजू बन गए। इन्हें डी. लिट् की उपाधि भी मिली थी। [[विवाह]] के बाद ये तीन पुत्र और दो पुत्रियों के पिता बने थे।
==शिक्षा==
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==राजनीतिक गतिविधियाँ==
मास्टर ऑफ़ कॉमर्स, एल.एल.डी., डी.लिट.
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सन [[1914]] में कैलाश नाथ काटजू हाईकोर्ट बार के सदस्य बने थे। [[1935]] से [[1937]] तक डॉ. काटजू 'इलाहाबाद म्युनिसिपल कौंसिल' के चेयरमेन रहे। [[1936]] में वकालत छोड़कर [[उत्तर प्रदेश]] के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। इन्होंने [[भारत]] के [[स्वाधीनता संग्राम]] में भी भाग लिया था।
==संतान==
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====राज्यपाल====
तीन पुत्र और दो पुत्री
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वर्ष [[1946]] में द्वितीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के गठन के बाद कैलाश नाथ काटजू पुन: मंत्री बनाये गए। इसके बाद [[1947]] से [[जून]] [[1948]] तक ये [[उड़ीसा]] के और [[1948]] से [[1951]] तक [[पश्चिम बंगाल]] के [[राज्यपाल]] रहे। [[1951]]-[[1957]] में आप केन्द्रीय मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। कैलाश नाथ काटजू [[भारतीय संविधान सभा|संविधान सभा]] के भी सदस्य रहे थे।
==चुनाव क्षेत्र==
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====मुख्यमंत्री====
[[मंदसौर]], [[मध्य प्रदेश]]
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[[मंदसौर]] कैलाश नाथ काटजू का चुनाव क्षेत्र था तथा ये [[कांग्रेस|कांग्रेस पार्टी]] से जुड़े थे। [[31 जनवरी]], [[1957]] से [[मार्च]], [[1962]] तक डॉ. काटजू [[मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री]] रहे थे। [[मध्य प्रदेश]] की उन्नति के लिए उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये और प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। डॉ. काटजू को पहली [[लोकसभा]] का सदस्य बनने का भी गौरव प्राप्त हुआ था।
==पार्टी==
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;लेखक तथा विधिवेत्ता
कांग्रेस पार्टी
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काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी थीं। इसके साथ ही वे एक श्रेष्ठ प्रशासक एवं विधिवेत्ता भी थे।
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[[चित्र:Dr-Kailash-Nath-Katju-Stamp.jpg|thumb|200px|कैलाश नाथ काटजू पर [[डाक टिकट]]]]
 
==सदस्यता==
 
==सदस्यता==
*संविधान सभा, [[1946]]-[[1947]];
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*संविधान सभा, [[1946]]-[[1947]]
*मंत्री, न्याय उद्योग और विकास, [[उत्तर प्रदेश]], [[1937]]-[[1939]] और [[अप्रैल]] [[1946]]-[[अगस्त]] [[1947]];
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*मंत्री, न्याय उद्योग और विकास, [[उत्तर प्रदेश]], [[1937]]-[[1939]] और [[अप्रैल]] [[1946]]-[[अगस्त]] [[1947]]
*केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (एक) गृह और विधि, [[5 नवम्बर]] [[1951]]-[[13 मई]] [[1952]];
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*केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (एक) गृह और विधि, [[5 नवम्बर]] [[1951]]-[[13 मई]] [[1952]]
*गृह एवं राज्य (दो), [[13 मई]] [[1950]]-[[10 जनवरी]] [[1955]];
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*गृह एवं राज्य (दो), [[13 मई]] [[1950]]-[[10 जनवरी]] [[1955]]
*रक्षा (तीन), [[10 जनवरी]] [[1955]]-[[30 जनवरी]] [[1957]];
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*रक्षा (तीन), [[10 जनवरी]] [[1955]]-[[30 जनवरी]] [[1957]]
*[[उड़ीसा]] के राज्यपाल, [[अगस्त]] [[1947]]-[[जून]] [[1948]];
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*[[उड़ीसा]] के राज्यपाल, [[अगस्त]] [[1947]]-[[जून]] [[1948]]
*[[पश्चिम बंगाल]] के [[राज्यपाल]], [[1948]]-[[1951]]
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*[[पश्चिम बंगाल]] के [[राज्यपाल]], [[1948]]-[[1951]]
 
==निधन==
 
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[[17 फ़रवरी]] [[1968]]
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[[मध्य प्रदेश]] की राजनीति में उच्च स्थान रखने वाले कैलाश नाथ काटजू का निधन [[17 फ़रवरी]] [[1968]] को हुआ।
  
 
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कैलाश नाथ काटजू
कैलाश नाथ काटजू
पूरा नाम डॉ. कैलाश नाथ काटजू
जन्म 17 जून, 1887
जन्म भूमि जओरा, मालवा, मध्य प्रदेश
मृत्यु 17 फ़रवरी, 1968
अभिभावक पंडित त्रिभुवननाथ काटजू
संतान तीन पुत्र और दो पुत्रियाँ
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी कांग्रेस
पद भूतपूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
कार्य काल 31 जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक
विशेष योगदान भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी इन्होंने योगदान दिया था।
अन्य जानकारी सन 1914 में कैलाश नाथ काटजू हाईकोर्ट बार के सदस्य बने थे। 1935 से 1937 तक वे 'इलाहाबाद म्युनिसिपल कौंसिल' के चेयरमेन भी रहे।

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कैलाश नाथ काटजू (अंग्रेज़ी: Kailash Nath Katju ; जन्म- 17 जून, 1887, मालवा, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 17 फ़रवरी, 1968) मध्य प्रदेश राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। इन्होंने जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया था। कैलाश नाथ काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की थी। भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी इनका विशेष योगदान था।

जन्म

कैलाश नाथ काटजू का जन्म 17 जून, 1887 को मध्य प्रदेश के मालवा में एक छोटी-सी रियासत 'जओरा' में हुआ था। ये कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते थे। इनके पिता का नाम पंडित त्रिभुवननाथ काटजू था।

शिक्षा

कैलाश नाथ काटजू की प्रारम्भिक शिक्षा इनकी ननिहाल लाहौर में हुई थी। फिर लाहौर से ही बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ये क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इलाहाबाद आ गए। इलाहाबाद में प्रसिद्ध क़ानूनविद सर तेज बहादुर सप्रू की देख-रेख में इन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त की और कुछ समय तक कानपुर में वकालत करते रहे। इसके बाद ये इलाहाबाद हाईकोर्ट में आ गए और यहाँ वकालत करते हुए वर्ष 1919 में क़ानून में एल.एल.डी. की डिग्री लेकर डॉ. काटजू बन गए। इन्हें डी. लिट् की उपाधि भी मिली थी। विवाह के बाद ये तीन पुत्र और दो पुत्रियों के पिता बने थे।

राजनीतिक गतिविधियाँ

सन 1914 में कैलाश नाथ काटजू हाईकोर्ट बार के सदस्य बने थे। 1935 से 1937 तक डॉ. काटजू 'इलाहाबाद म्युनिसिपल कौंसिल' के चेयरमेन रहे। 1936 में वकालत छोड़कर उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। इन्होंने भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी भाग लिया था।

राज्यपाल

वर्ष 1946 में द्वितीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के गठन के बाद कैलाश नाथ काटजू पुन: मंत्री बनाये गए। इसके बाद 1947 से जून 1948 तक ये उड़ीसा के और 1948 से 1951 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। 1951-1957 में आप केन्द्रीय मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। कैलाश नाथ काटजू संविधान सभा के भी सदस्य रहे थे।

मुख्यमंत्री

मंदसौर कैलाश नाथ काटजू का चुनाव क्षेत्र था तथा ये कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। 31 जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक डॉ. काटजू मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। मध्य प्रदेश की उन्नति के लिए उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये और प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। डॉ. काटजू को पहली लोकसभा का सदस्य बनने का भी गौरव प्राप्त हुआ था।

लेखक तथा विधिवेत्ता

काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी थीं। इसके साथ ही वे एक श्रेष्ठ प्रशासक एवं विधिवेत्ता भी थे।

कैलाश नाथ काटजू पर डाक टिकट

सदस्यता

निधन

मध्य प्रदेश की राजनीति में उच्च स्थान रखने वाले कैलाश नाथ काटजू का निधन 17 फ़रवरी 1968 को हुआ।


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