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*गायन शैली और ताल का घनिष्ठ सम्बन्ध है। जैसे ख्याल के लिए तीनताल, एकताल, झूमरा आदि ध्रुपद के लिए चारताल, तीवरा, शूल आदि तथा ठुमरी के लिए दीपचन्दी, व जपताल हैं।  
 
*गायन शैली और ताल का घनिष्ठ सम्बन्ध है। जैसे ख्याल के लिए तीनताल, एकताल, झूमरा आदि ध्रुपद के लिए चारताल, तीवरा, शूल आदि तथा ठुमरी के लिए दीपचन्दी, व जपताल हैं।  
  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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11:48, 14 अक्टूबर 2013 का अवतरण

गीत स्वर और लय ताल बद्ध शब्दों की सुन्दर रचना को कहते हैं।

  • आधुनिक काल में ध्रुपद, धमार, ठुमरी, आदि निबद्ध संगीत (तालबद्ध संगीत) का प्रचार है। ये गीत के प्रकार कहलाते हैं।
  • गीत के प्रकार गायन शैली पर आधारित होते हैं। गायन शैली के आधार पर ही एक गीत दूसरे से अलग होता है।
  • ध्रुपद, ख़याल, ठुमरी आदि में भिन्नता का आधार यह है कि इनकी गायन शैली एक दूसरे से अलग होती है।
  • गायन शैली और ताल का घनिष्ठ सम्बन्ध है। जैसे ख्याल के लिए तीनताल, एकताल, झूमरा आदि ध्रुपद के लिए चारताल, तीवरा, शूल आदि तथा ठुमरी के लिए दीपचन्दी, व जपताल हैं।



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