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*यह दुर्ग शाहजी भोंसले की जागीर के अंतर्गत दक्षिण सीमांत पर स्थित था।
 
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*यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था।
 
*यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था।
*इस धन की सहायता से उन्होंने [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] तथा गोला बारूद खरीदा और तोरण के क़िले से छ: मील दूर मोरबंद के पर्वत श्रृंग पर राजगढ़ नामक दुर्ग बनवाया।
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*इस धन की सहायता से उन्होंने [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] तथा गोला बारूद ख़रीदा और तोरण के क़िले से छ: मील दूर मोरबंद के पर्वत श्रृंग पर राजगढ़ नामक दुर्ग बनवाया।
  
 
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Disamb2.jpg तोरण एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- तोरण (बहुविकल्पी)
तोरण दुर्ग का द्वार

तोरण दुर्ग महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले की जागीर के दक्षिणी सीमांत प्रांत पर स्थित था। यह दुर्ग पूना के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर की दूरी पर था।

  • इस प्रसिद्ध दुर्ग को महाराष्ट्र केसरी शिवाजी ने बीजापुर के सुल्तान से 1646 ई. में छीन लिया था।
  • यह दुर्ग शाहजी भोंसले की जागीर के अंतर्गत दक्षिण सीमांत पर स्थित था।
  • यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था।
  • इस धन की सहायता से उन्होंने अस्त्र-शस्त्र तथा गोला बारूद ख़रीदा और तोरण के क़िले से छ: मील दूर मोरबंद के पर्वत श्रृंग पर राजगढ़ नामक दुर्ग बनवाया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 410 |


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