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13:45, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

धारिणि बौद्ध और हिंदू तथा कभी-कभी जैन धर्म में भी आम आदमी द्वारा मौखिक रक्षक मंत्र या तावीज़ और योगी[1] द्वारा ध्यान केंद्रित करने के लिये प्रयुक्त उपकरण के रूप में पवित्र एवं अधिक प्रभावी पद्य या गद्य है।

  • धारिणि आमतौर पर बहुत लंबे धर्मग्रंथ में निहित आवश्यक सिद्धांत का लघु सार होती है और इस प्रकार उसे स्मरण करने में सहायक होती है।
  • ऐसा विश्वास है कि यदि किसी धारिणी का सही प्रकार से पाठ किया जाए तो संपूर्ण ग्रंथ के पाठ का फल मिलता है।
  • धारिणी का अर्थ निकाल पाना प्राय: कठिन होता है और अदीक्षित व्यक्ति को सुनने में यह एक मंत्र जैसा लग सकता है। लेकिन गुरु द्वारा शिष्य को दिए जाने के दौरान इसकी परिशुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आध्यात्मिक व्यक्ति

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