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'''श्रीनाथ''' (जन्म- 1380 से 1460 के बीच)  [[तेलुगु भाषा]] के प्रसिद्ध [[कवि]] थे। उन्हें बचपन में ही [[संस्कृत]] और तेलुगू भाषा में अच्छी योग्यता प्राप्त हो गई थी और छोटी उम्र से ही [[काव्य]] रचना करने लगे थे।
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'''ई श्रीधरण''' (जन्म- [[12 जून]], [[1932]]) एक सिविल इंजीनियर हैं। कोंकण रेलवे और [[दिल्ली]] में [[मेट्रो रेल]] का श्रेय इन्हीं को जाता है।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
श्रीनाथ [[तेलुगु भाषा]] के प्रसिद्ध [[कवि]] श्रीनाथ का समय 1380 से 1460 ई. के बीच माना जाता है। इन्हें विजयनगर के राजा ने 'कवि सार्वभोम' की उपाधि प्रदान की थी। बचपन में ही [[संस्कृत]] और तेलुगू भाषा में अच्छी योग्यता प्राप्त हो जाने के बाद वे छोटी उम्र से ही [[काव्य]] रचना करने लगे थे। आरंभ में इनको अनेक राजाओं का आश्रय प्राप्त हुआ। लेकिन इनका अंत समय बड़े कष्ट में बीता। राज्याश्रय और उसके साथ सुख सुविधाएं न रहने के कारण जीवन के अंतिम दिनों में इन्हें पेट पालने के लिए स्वयं हल चलाकर खेती करनी पड़ी थी। <ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=869|url=}}</ref>
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==रचनाएं==
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==ख्याति==
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ई श्रीधरण कोंकण रेलवे और [[दिल्ली]] में [[मेट्रो रेल]] के कारण [[एशिया]] में जाना पहचाना नाम है। [[भारत सरकार]] ने इन्हें वर्ष [[2001]] में [[पद्मश्री]] और [[2008]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया है। [[फ्रांस]] की सरकार ने इन्हें वर्ष [[2005]] में 'नाईट ऑफ लीजन' की उपाधि से सम्मानित किया है।
#श्रीहर्ष कृत 'नैषध' काव्य का रूपांतर
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#शालिवाहन
 
#सप्तशती
 
#भीमखंड
 
#काशीखंड
 
#हरविलास
 
#वीचिनाटक
 
#शिवरात्रि महात्म्य आदि प्रसिद्ध हैं।
 
श्रीनाथ ने [[तेलुगू भाषा]] को विविध रूपों में संपन्न किया और राजा से लेकर जनसामान्य के सम्मान के पात्र रहे।
 
  
 
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09:22, 11 अगस्त 2018 का अवतरण

ई श्रीधरण (जन्म- 12 जून, 1932) एक सिविल इंजीनियर हैं। कोंकण रेलवे और दिल्ली में मेट्रो रेल का श्रेय इन्हीं को जाता है।

परिचय

सरल स्वभाव वाले 71 वर्षीय श्रीधरण का जन्म-12 जून, 1932 ई. को हुआ था। वे एक सिविल इंजीनियर हैं। देश को उन्होंने कोंकण रेलवे दी और उनकी ताजा उपलब्धि के रूप में दिल्ली में मेट्रो रेल कही जा सकती है। 'टाइम पत्रिका' ने उन्हें एशिया के सबसे अधिक प्रतिभाशाली व्यक्ति के रुप में पहचाना। श्रीधरण वर्ष 2005 में फ्रेंच सरकार की ओर से दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण उपाधि 'नाईट ऑफ लीजन' से सम्मानित किए गए हैं।[1]

ख्याति

ई श्रीधरण कोंकण रेलवे और दिल्ली में मेट्रो रेल के कारण एशिया में जाना पहचाना नाम है। भारत सरकार ने इन्हें वर्ष 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। फ्रांस की सरकार ने इन्हें वर्ष 2005 में 'नाईट ऑफ लीजन' की उपाधि से सम्मानित किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 871 |

बाहरी कड़ियाँ

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