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बीटिंग द रिट्रीट

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गणतंत्र दिवस 2014 का आयोजन

बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुए आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। सभी महत्‍वपूर्ण सरकारी भवनों को 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच रोशनी से सुंदरता पूर्वक सजाया जाता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के बाद अर्थात गणतंत्र की तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट आयोजन किया जाता है। यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है जो लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं। ड्रमर भी एकल प्रदर्शन (जिसे ड्रमर्स कॉल कहते हैं) करते हैं। ड्रमर्स द्वारा एबाइडिड विद मी (यह महात्मा गाँधी की प्रिय धुनों में से एक कहीं जाती है) बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों द्वारा चाइम्‍स बजाई जाती हैं, जो काफ़ी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्‍य बनता है। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्‍टर राष्ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तब सूचित किया जाता है कि समापन समारोह पूरा हो गया है। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन सारे जहाँ से अच्‍छा बजाते हैं। ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज को उतार लिया जाता है तथा राष्‍ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता हैं।[1]

गणतंत्र दिवस पर गुरखा राइफल्स की परेड

क्या है बीटिंग रिट्रीट

बीटिंग रिट्रीट सोलहवीं सदी के ब्रिटेन की परंपरा है। इस परंपरा के तहत सूर्यास्त होने पर फौजें किले में वापस चली जाती थीं। लेकिन भारत में यह समारोह गणतंत्र दिवस जलसों के आधिकारिक समापन का सूचक है। इस दिन शानदार ढंग से विदाई समारोह आयोजित होता है और इस रस्म में राष्ट्रपति विशेष तौर से पधारते हैं।

दो बार रद्द हुआ कार्यक्रम

वर्ष 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को अब तक दो बार रद्द करना पड़ा है, 27 जनवरी 2009 को रामस्वामी वेंकटरमण का लंबी बीमारी के बाद आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो जाने के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। वह भारत के आठवें राष्ट्रपति थे और उनका कार्यकाल 1987 से 1992 तक रहा। इससे पहले 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।

वर्ष 2014 का बीटिंग रिट्रीट समारोह

गणतंत्र दिवस समारोह 2014 के अवसर पर शाही बग्गी में भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

29 जनवरी को दिल्ली में रंगारंग बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। बुधवार शाम विजयचौक पर चले संगीतमय समारोह में तीनों भारतीय सेनाओं के बैंडों ने एकल और सामूहिक प्रस्तुति दीं। समारोह की ख़ासियत वे नई धुनें रहीं, जिन्हें इस वर्ष ख़ासतौर पर तैयार किया गया था। इस पूरे कार्यक्रम में एक और खास बात रहीं कि बीस साल बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 16वीं सदी से चली आ रही एक परंपरा को पुनजीर्वित करते हुए आज गणतंत्र दिवस की समापन परेड 'बीटिंग रिट्रीट' के लिए घोड़े बग्गी पर सवार होकर राजपथ पर सैन्य बलों की टुकड़ियों को गाजे बाजे के साथ बैरकों में वापस भेजा। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह, रक्षामंत्री ए. के. एंटनी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे कई गणमान्य लोगों ने समारोह का आनंद लिया। समारोह की कई प्रस्तुतियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं।[2]

गूगल डूडल ने भी मनाया 65वां गणतंत्र दिवस

भारत के 65वें गणतंत्र दिवस पर गूगल डूडल

गणतंत्र दिवस परेड में होने वाले मोटरसाइकिल प्रदर्शन जैसी एक तस्वीर दिखाते हुए गूगल के डूडल ने रविवार 26 जनवरी, 2014 को भारत का 65वां गणतंत्र दिवस मनाया। 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और उस दिन देश ने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था। भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तीन केसरिया, सफेद और हरे रंग का डूडल एनिमेटेड नहीं था, लेकिन जब दर्शक इस पर क्लिक किया तो सर्च पेज ख़बरों और गणतंत्र दिवस की जानकारियों के साथ खुला।[3]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गणतंत्र दिवस परेड का सीधा प्रसारण (हिन्दी) (पी.एच.पी) अविरत यात्रा: जन-गण-मन। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2014।
  2. बीटिंग रिट्रीट में छाई रही राष्ट्रपति की शाही बग्गी (हिन्दी) (पी.एच.पी) समय लाइव। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2014।
  3. गूगल डूडल ने भी मनाया 65वां गणतंत्र दिवस (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिंदुस्तान लाइव। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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