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रवीन्द्र प्रभात हिन्दी के लोकप्रिय कवि,कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से हिन्दी में निरंतर लेखन कर रहे हैं।
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'''रवीन्द्र प्रभात'''<ref>[राष्ट्रीय सहारा, हिंदी दैनिक,नयी दिल्ली, पृष्ठ संख्या -1 (उमंग), [[26 सितंबर]] [[1994]], शीर्षक : एक गौरवशाली अतीत]</ref> ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ravindra Prabhat'', जन्म- [[5 अप्रैल]], [[1969]], [[सीतामढ़ी]], [[बिहार]]) अंतर्जाल पर सक्रिय लेखकों में अग्रणी और चर्चित हैं। वह [[हिन्दी]] [[कवि]], कथाकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, स्तंभकार, सम्पादक और ब्लॉग विश्लेषक हैं। उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है। व्यंग्य और [[गज़ल]] में रवीन्द्र प्रभात की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। सन [[1991]] में प्रकाशित अपने पहले गज़ल संग्रह 'हमसफर' से पहली बार वे चर्चा में आये थे।
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==जन्म==
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रवीन्द्र प्रभात का जन्म [[5 अप्रैल]], [[1969]] को महींद्वारा गाँव, सीतामढ़ी जनपद, बिहार के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण [[परिवार]] में हुआ। इनका मूल नाम रवीन्द्र कुमार चौबे है।<ref>[http://www.parikalpna.com/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B2/a-short-introduction-of-ravindra-prabhat/ A Short Introduction of Ravindra Prabhat]</ref> हिन्दी के लोकप्रिय कवि, कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से [[हिन्दी]] में निरंतर लेखन कर रहे हैं। इनके अब तक 2 उपन्यास, एक काव्य संग्रह, दो गजल संग्रह, दो संपादित पुस्तक और एक ब्लॉगिंग का इतिहास प्रकाशित है।<ref>[मौन के स्वर, संपादक : श्री राम दूबे,प्रकाशन वर्ष: 1994,पृष्ठ संख्या : 58,प्रकाशक : काव्य संगम प्रकाशन, इन्दिरा नगर, सीतामढ़ी-843302]</ref> उनका बचपन गाँव में बीता और वहीं रहकर उन्होंने प्राथमिक शिक्षा बेला परिहार के राजकीय प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय बिहार से [[भूगोल]] में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने [[उत्तर प्रदेश]] के राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, [[इलाहाबाद]] से मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन का अध्ययन किया।
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==योगदान==
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रवीन्‍द्र प्रभात<ref>दैनिक हिन्दुस्तान, पटना संस्करण, [[24 जुलाई]] [[1994]], पृष्ठ संख्या : 06,रवीन्द्र प्रभात की ग़ज़ल </ref> ब्‍लॉग जगत् में सिर्फ एक कुशल रचनाकार<ref>[आज, हिन्दी दैनिक, पटना संस्करण, [[30 दिसम्बर]] [[1995]], समाचार शीर्षक : बज्जिका लेखक संघ का घोडासहन दौरा]</ref>  के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं बल्कि उन्‍होंने ब्‍लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशिष्‍ट कार्य भी किये हैं। वर्ष [[2007]] में उन्‍होंने ब्‍लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्‍भ किया और ‘ब्‍लॉग विश्‍लेषण’ के द्वारा ब्‍लॉग जगत् में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्‍मक रूप में प्रारम्‍भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्‍मक हो चली और 11 खण्‍डों के रूप में सामने आई। वर्ष [[2009]] में उन्‍होंने इस विश्‍लेषण को और ज्‍यादा व्‍यापक रूप प्रदान किया और विभिन्‍न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्‍डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्‍लॉगों का लेखा-जोखा प्रस्‍तुत किया। इसी प्रकार वर्ष [[2010]] में भी यह अनुष्‍ठान उन्‍होंने पूरी निष्‍ठा के साथ सम्‍पन्‍न किया और 21 कडियों में ब्‍लॉग जगत् की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्‍तुत करके एक तरह से ब्‍लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्‍लॉग जगत् की सकारात्‍मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्‍य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैं, उनमें ‘ब्‍लॉगोत्‍सव’ एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्‍द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्‍यम से पहली बार ब्‍लॉग जगत् के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्‍तुत किया और गैर ब्‍लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्‍मक संदेश का प्रसार किया।<ref>[जनसंदेश टाइम्स, हिन्दी दैनिक, लखनऊ संस्करण, लेखक : डॉ ज़ाकिर अली रजनीश, [[1 मार्च]] [[2011]], पृष्ठ संख्या :11, शीर्षक : ब्लोगिंग को सार्थक करती परिकल्पना ]</ref>
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==कार्यक्षेत्र==
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विश्व के एक बड़े व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार, [[लखनऊ]] मे ये प्रशासनिक पद पर कार्यरत हैं।
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==प्रकाशित रचनाएँ/पुस्तकें==
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लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक जनसंदेश टाईम्स और डेली न्यूज एक्टिविस्ट के ये नियमित स्तंभकार हैं, व्यंग्य पर आधारित इनका साप्ताहिक स्तंभ चौबे जी की चौपाल काफ़ी लोकप्रिय है। विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ-साथ वर्ष-1991 में हमसफ़र<ref>खोजबीन,पाक्षिक पत्रिका,कला मंदिर प्रधान पथ सीतामढ़ी,15.12.1991,पृष्ठ संख्या : 2,लेखक : बसंत आर्य,आलेख शीर्षक : हमसफ़र : यथार्थ और कल्पना की धूप छाव</ref>(ग़ज़ल संग्रह<ref>हमसफर, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- साहित्य सरिता प्रकाशन,मेला रोड सीतामढ़ी-843302 , भारत, वर्ष- 1991,</ref>), 1995 में समकालीन नेपाली साहित्य (संपादित<ref>समकालीन नेपाली साहित्य , संपादक - रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- उर्वीजा प्रकाशन,वार्ड न.13,भबदेपुर,सीतामढ़ी-843302, भारत, वर्ष- 1995,</ref>), 1999 में मत रोना रमज़ानी चाचा (ग़ज़ल संग्रह<ref>मत रोना रमज़ानी चाचा  , रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- काव्य संगम प्रकाशन,इंदिरानगर,सीतामढ़ी-843302, भारत, वर्ष- 1999,</ref>) प्रकाशित। अनियतकालीन उर्विजा<ref>इंडिया टूडे,राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका,नयी दिल्ली,15.5.1995,पृष्ठ संख्या :52,आलेख शीर्षक : मिठास कहा गईल</ref> और फागुनाहट का सम्पादन। हिन्दी मासिक संवाद तथा साहित्यांजलि का विशेष सम्पादन। वर्ष 2002 में स्मृति शेष (काव्य संग्रह) कथ्यरूप प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित। साथ ही वर्ष 2011 में ताकि बचा रहे लोकतंत्र (उपन्यास<ref>ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिंद युग्म प्रकाशन, 1, जिया सराय, हौज़ ख़ास, नई दिल्‍ली-110016, भारत, वर्ष- 2011, ISBN:8191038587,ISBN-13:9788191038583  </ref>) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास<ref>हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिन्दी साहित्य निकेतन,बिजनौर, भारत, वर्ष- 2011,पृष्ठ संख्या : 180, ISBN:978-93-80916-14-9</ref> प्रकाशित तथा हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति सम्पादित। हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति<ref>हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति, संपादक - अविनाश वाचस्पति,रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिन्दी साहित्य निकेतन,बिजनौर, भारत, वर्ष- 2011,पृष्ठ संख्या : 376, ISBN:978-93-80916-05-7</ref> हिन्दी ब्लॉग जगत् की पहली मूल्यांकन परक पुस्तक है, जिसकी 150 प्रतियाँ प्रकाशन से पूर्व ही बिक गयीं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसे हिन्दी साहित्य निकेतन [[बिजनौर]] ने प्रकाशित किया है। वर्ष 2012 में 'प्रेम न हाट बिकाए' (उपन्यास) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित।<ref>प्रेम न हाट बिकाए , रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिंद युग्म प्रकाशन, 1, जिया सराय, हौज़ ख़ास, नई दिल्‍ली-110016, भारत, वर्ष- 2012,ISBN:9381394105,ISBN-13:9789381394106 </ref>
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==सम्मान और पुरस्कार==
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संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि।<ref>[लीगेसी इंडिया, मासिक के अक्‍टूबर 2012 अंक के ब्‍लॉगरी स्‍तंभ में प्रकाशित समाचार]</ref>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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<references/>
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==बाहरी कड़ियाँ==
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*[http://isahitya.com/index.php/hindi-sahitya/hindi-sahitya/425-interview-with-hindi-writer-ravindra-prabhat रवीन्द्र प्रभात का साक्षात्कार ]
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*[http://www.bahujanindia.in/index.php?option=com_content&view=article&id=981:2011-12-26-01-53-21&catid=146:2011-11-30-09-57-23&Itemid=551 रवीन्द्र प्रभात से संदर्भित समाचार]
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==संबंधित लेख==
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{{समकालीन कवि}}
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रवीन्द्र प्रभात
Prabhat.jpg
जन्म 5 अप्रैल, 1969
जन्म भूमि महिन्द्वारा, सीतामढ़ी ज़िला, बिहार
कर्म भूमि लखनऊ
कर्म-क्षेत्र हिन्दी साहित्यकार
मुख्य रचनाएँ 'हम सफर', 'मत रोना रमजानी चाचा', 'स्मृतिशेष', 'ताकि बचा रहे लोकतन्त्र', 'प्रेम न हाट बिकाय', 'हिन्दी ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति', 'हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास' आदि।
विषय हिन्दी पद्य और गद्य लेखन के साथ-साथ ब्लॉगिन्ग
भाषा हिन्दी
शिक्षा पत्रकारिता तथा जन संचार में स्नात्कोत्तर
पुरस्कार-उपाधि संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि
प्रसिद्धि न्यु मिडिया विशेषज्ञ के रूप में
विशेष योगदान हिन्दी ब्लॉगिंग में ब्लॉग विश्लेषण जैसे नए प्रयोग
नागरिकता भारतीय
अद्यतन‎
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

रवीन्द्र प्रभात[1] (अंग्रेज़ी: Ravindra Prabhat, जन्म- 5 अप्रैल, 1969, सीतामढ़ी, बिहार) अंतर्जाल पर सक्रिय लेखकों में अग्रणी और चर्चित हैं। वह हिन्दी कवि, कथाकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, स्तंभकार, सम्पादक और ब्लॉग विश्लेषक हैं। उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है। व्यंग्य और गज़ल में रवीन्द्र प्रभात की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। सन 1991 में प्रकाशित अपने पहले गज़ल संग्रह 'हमसफर' से पहली बार वे चर्चा में आये थे।

जन्म

रवीन्द्र प्रभात का जन्म 5 अप्रैल, 1969 को महींद्वारा गाँव, सीतामढ़ी जनपद, बिहार के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रवीन्द्र कुमार चौबे है।[2] हिन्दी के लोकप्रिय कवि, कथाकार और मुख्य ब्लॉग विश्लेषक हैं। ये पिछले लगभग दो दशक से हिन्दी में निरंतर लेखन कर रहे हैं। इनके अब तक 2 उपन्यास, एक काव्य संग्रह, दो गजल संग्रह, दो संपादित पुस्तक और एक ब्लॉगिंग का इतिहास प्रकाशित है।[3] उनका बचपन गाँव में बीता और वहीं रहकर उन्होंने प्राथमिक शिक्षा बेला परिहार के राजकीय प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय बिहार से भूगोल में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन का अध्ययन किया।

योगदान

रवीन्‍द्र प्रभात[4] ब्‍लॉग जगत् में सिर्फ एक कुशल रचनाकार[5] के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं बल्कि उन्‍होंने ब्‍लॉगिंग के क्षेत्र में कुछ विशिष्‍ट कार्य भी किये हैं। वर्ष 2007 में उन्‍होंने ब्‍लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्‍भ किया और ‘ब्‍लॉग विश्‍लेषण’ के द्वारा ब्‍लॉग जगत् में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्‍मक रूप में प्रारम्‍भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्‍मक हो चली और 11 खण्‍डों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्‍होंने इस विश्‍लेषण को और ज्‍यादा व्‍यापक रूप प्रदान किया और विभिन्‍न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्‍डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्‍लॉगों का लेखा-जोखा प्रस्‍तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 में भी यह अनुष्‍ठान उन्‍होंने पूरी निष्‍ठा के साथ सम्‍पन्‍न किया और 21 कडियों में ब्‍लॉग जगत् की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्‍तुत करके एक तरह से ब्‍लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्‍लॉग जगत् की सकारात्‍मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्‍य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैं, उनमें ‘ब्‍लॉगोत्‍सव’ एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्‍द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्‍यम से पहली बार ब्‍लॉग जगत् के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्‍तुत किया और गैर ब्‍लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्‍मक संदेश का प्रसार किया।[6]

कार्यक्षेत्र

विश्व के एक बड़े व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार, लखनऊ मे ये प्रशासनिक पद पर कार्यरत हैं।

प्रकाशित रचनाएँ/पुस्तकें

लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक जनसंदेश टाईम्स और डेली न्यूज एक्टिविस्ट के ये नियमित स्तंभकार हैं, व्यंग्य पर आधारित इनका साप्ताहिक स्तंभ चौबे जी की चौपाल काफ़ी लोकप्रिय है। विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ-साथ वर्ष-1991 में हमसफ़र[7](ग़ज़ल संग्रह[8]), 1995 में समकालीन नेपाली साहित्य (संपादित[9]), 1999 में मत रोना रमज़ानी चाचा (ग़ज़ल संग्रह[10]) प्रकाशित। अनियतकालीन उर्विजा[11] और फागुनाहट का सम्पादन। हिन्दी मासिक संवाद तथा साहित्यांजलि का विशेष सम्पादन। वर्ष 2002 में स्मृति शेष (काव्य संग्रह) कथ्यरूप प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित। साथ ही वर्ष 2011 में ताकि बचा रहे लोकतंत्र (उपन्यास[12]) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास[13] प्रकाशित तथा हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति सम्पादित। हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति[14] हिन्दी ब्लॉग जगत् की पहली मूल्यांकन परक पुस्तक है, जिसकी 150 प्रतियाँ प्रकाशन से पूर्व ही बिक गयीं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसे हिन्दी साहित्य निकेतन बिजनौर ने प्रकाशित किया है। वर्ष 2012 में 'प्रेम न हाट बिकाए' (उपन्यास) हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित।[15]

सम्मान और पुरस्कार

संवाद सम्मान-2009, सृजनश्री सम्मान-2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान-2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान-2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान-2012 आदि।[16]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. [राष्ट्रीय सहारा, हिंदी दैनिक,नयी दिल्ली, पृष्ठ संख्या -1 (उमंग), 26 सितंबर 1994, शीर्षक : एक गौरवशाली अतीत]
  2. A Short Introduction of Ravindra Prabhat
  3. [मौन के स्वर, संपादक : श्री राम दूबे,प्रकाशन वर्ष: 1994,पृष्ठ संख्या : 58,प्रकाशक : काव्य संगम प्रकाशन, इन्दिरा नगर, सीतामढ़ी-843302]
  4. दैनिक हिन्दुस्तान, पटना संस्करण, 24 जुलाई 1994, पृष्ठ संख्या : 06,रवीन्द्र प्रभात की ग़ज़ल
  5. [आज, हिन्दी दैनिक, पटना संस्करण, 30 दिसम्बर 1995, समाचार शीर्षक : बज्जिका लेखक संघ का घोडासहन दौरा]
  6. [जनसंदेश टाइम्स, हिन्दी दैनिक, लखनऊ संस्करण, लेखक : डॉ ज़ाकिर अली रजनीश, 1 मार्च 2011, पृष्ठ संख्या :11, शीर्षक : ब्लोगिंग को सार्थक करती परिकल्पना ]
  7. खोजबीन,पाक्षिक पत्रिका,कला मंदिर प्रधान पथ सीतामढ़ी,15.12.1991,पृष्ठ संख्या : 2,लेखक : बसंत आर्य,आलेख शीर्षक : हमसफ़र : यथार्थ और कल्पना की धूप छाव
  8. हमसफर, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- साहित्य सरिता प्रकाशन,मेला रोड सीतामढ़ी-843302 , भारत, वर्ष- 1991,
  9. समकालीन नेपाली साहित्य , संपादक - रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- उर्वीजा प्रकाशन,वार्ड न.13,भबदेपुर,सीतामढ़ी-843302, भारत, वर्ष- 1995,
  10. मत रोना रमज़ानी चाचा , रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- काव्य संगम प्रकाशन,इंदिरानगर,सीतामढ़ी-843302, भारत, वर्ष- 1999,
  11. इंडिया टूडे,राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका,नयी दिल्ली,15.5.1995,पृष्ठ संख्या :52,आलेख शीर्षक : मिठास कहा गईल
  12. ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिंद युग्म प्रकाशन, 1, जिया सराय, हौज़ ख़ास, नई दिल्‍ली-110016, भारत, वर्ष- 2011, ISBN:8191038587,ISBN-13:9788191038583
  13. हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास, रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिन्दी साहित्य निकेतन,बिजनौर, भारत, वर्ष- 2011,पृष्ठ संख्या : 180, ISBN:978-93-80916-14-9
  14. हिन्दी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति, संपादक - अविनाश वाचस्पति,रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिन्दी साहित्य निकेतन,बिजनौर, भारत, वर्ष- 2011,पृष्ठ संख्या : 376, ISBN:978-93-80916-05-7
  15. प्रेम न हाट बिकाए , रचयिता- रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक- हिंद युग्म प्रकाशन, 1, जिया सराय, हौज़ ख़ास, नई दिल्‍ली-110016, भारत, वर्ष- 2012,ISBN:9381394105,ISBN-13:9789381394106
  16. [लीगेसी इंडिया, मासिक के अक्‍टूबर 2012 अंक के ब्‍लॉगरी स्‍तंभ में प्रकाशित समाचार]

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख