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*रोम [[इटली]] देश की राजधानी है। जो यूरोपीय संघ का एक सदस्य देश है। <ref>अताखीं चैव रोमां च यवनानां पुरं तथा, दूतैरेव वशेचके करं चैनानदापयत्’, महाभारत सभापर्व 31-72।</ref>
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*[[सहदेव]] ने रोम, अंतियोकस तथा यवनपुर (मिस्त्र वेश में स्थित एलेग्जेंड्रिया) नगरों को अपनी दिग्विजय-यात्रा के प्रसंग में जीत कर इन पर कर लगाया था। रोम अवश्य ही रोमा का रूपान्तर है।<ref>(श्लोक पाठंतर के लिए दे॰ अंताखी)।</ref>  
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12:32, 1 जून 2010 का अवतरण

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  • रोम इटली देश की राजधानी है। जो यूरोपीय संघ का एक सदस्य देश है। [1]
  • सहदेव ने रोम, अंतियोकस तथा यवनपुर (मिस्त्र वेश में स्थित एलेग्जेंड्रिया) नगरों को अपनी दिग्विजय-यात्रा के प्रसंग में जीत कर इन पर कर लगाया था। रोम अवश्य ही रोमा का रूपान्तर है।[2]
  • रोम-निवासियों का वर्णन महाभारत[3] में युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में उपहार लेकर आने वाले विदेशियों के साथ भी किया गया है।[4]

टीका टिप्पणी

  1. अताखीं चैव रोमां च यवनानां पुरं तथा, दूतैरेव वशेचके करं चैनानदापयत्’, महाभारत सभापर्व 31-72।
  2. (श्लोक पाठंतर के लिए दे॰ अंताखी)।
  3. सभापर्व 51-17
  4. द्वयक्षांत्र्यक्षांल्लाटाक्षान् नानादिग्भ्य: सभागतान् औष्णीकानन्तवासांश्च रोमकान् पुरुषादकान्