मेरा दर्द नग़मा-ए-बे सदा मेरी ज़ात ज़र्रा-ए-बे निशाँ मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले मुझे अपना नामो-निशाँ मिले मेरी ज़ात का जो निशाँ मिले मुझे राज़े-नज़्मे-जहाँ मिले जो मुझे यह राज़े-निहाँ मिले मेरी ख़ामुशी को बयाँ मिले मुझे कायनात की सरवरी मुझे दौलते-दो जहाँ मिले