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गुरुत्वाकर्षण [[ब्रह्माण्ड]] में मौजूद चार मौलिक बलों में से एक बल है। यह अंतरिक्ष में मौजूद द्रव्यमान वाली सभी चीजों के बीच एक लंबी दूरी का आकर्षण बल है। इसकी वजह से ही चीजों को वजन प्राप्त होता है। [[पृथ्वी]] पर गुरुत्वाकर्षण निरंतर प्रति सेकंड 9.8 वर्ग मीटर (9.8 m/s2) जितना होता है। यह हमें पृथ्वी के बाहर गिरने से बचाता है और पृथ्वी को अपनी [[सूर्य]] की आसपास की कक्षा में बनाए रखता है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही साढ़े चार अरब साल पहले पृथ्वी और सूरज की उत्पति हुई थी। यह आश्चर्यजनक बात है कि ब्रह्माण्ड में हर भारी वस्तु दूसरी चीजों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारा घर, पृथ्वी, 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर एंड्रोमेडा आकाशगंगा में स्थित ब्लैकहोल, यह सभी आपसे गुरुत्वीय बल से आकर्षित हैं और आप उनसे।<ref>{{cite web |url=http://www.apnikahaani.com/2016/01/what-is-gravity.html |title=गुरुत्वाकर्षण क्या है |accessmonthday=15 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=apnikahaani.com |language=हिंदी }}</ref>
 
गुरुत्वाकर्षण [[ब्रह्माण्ड]] में मौजूद चार मौलिक बलों में से एक बल है। यह अंतरिक्ष में मौजूद द्रव्यमान वाली सभी चीजों के बीच एक लंबी दूरी का आकर्षण बल है। इसकी वजह से ही चीजों को वजन प्राप्त होता है। [[पृथ्वी]] पर गुरुत्वाकर्षण निरंतर प्रति सेकंड 9.8 वर्ग मीटर (9.8 m/s2) जितना होता है। यह हमें पृथ्वी के बाहर गिरने से बचाता है और पृथ्वी को अपनी [[सूर्य]] की आसपास की कक्षा में बनाए रखता है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही साढ़े चार अरब साल पहले पृथ्वी और सूरज की उत्पति हुई थी। यह आश्चर्यजनक बात है कि ब्रह्माण्ड में हर भारी वस्तु दूसरी चीजों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारा घर, पृथ्वी, 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर एंड्रोमेडा आकाशगंगा में स्थित ब्लैकहोल, यह सभी आपसे गुरुत्वीय बल से आकर्षित हैं और आप उनसे।<ref>{{cite web |url=http://www.apnikahaani.com/2016/01/what-is-gravity.html |title=गुरुत्वाकर्षण क्या है |accessmonthday=15 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=apnikahaani.com |language=हिंदी }}</ref>
 
   
 
   
महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन ने 17वीं सदी में पता लगाया कि दो वस्तुओं के बीच की दूरी के वर्ग जितने अंतर पर गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत घटती है, तो यदि आप किसी भी चीज से दोगुना अंतर पर होंगे, तब गुरुत्वाकर्षण एक चौथाई जितना ही मजबूत होगा। उन्होंने यह भी पता लगाया की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति वस्तु के द्रव्यमान के अनुपात में होती है। अर्थात पदार्थ जितना बड़ा होगा, उसका गुरुत्वाकर्षण बल उतना ही मजबूत होगा।
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महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन ने 17वीं सदी में पता लगाया कि दो वस्तुओं के बीच की दूरी के वर्ग जितने अंतर पर गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत घटती है, तो यदि आप किसी भी चीज से दोगुना अंतर पर होंगे, तब गुरुत्वाकर्षण एक चौथाई जितना ही मजबूत होगा। उन्होंने यह भी पता लगाया की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति वस्तु के द्रव्यमान के अनुपात में होती है। अर्थात् पदार्थ जितना बड़ा होगा, उसका गुरुत्वाकर्षण बल उतना ही मजबूत होगा।
  
 
हम सब [[पृथ्वी]] का खिंचाव महसूस कर सकते हैं, लेकिन [[चन्द्रमा]] के खिंचाव को महसूस नहीं कर पाते, क्योंकि चन्द्रमा छोटा हैं और हम से बहुत ही दूर है। लेकिन उसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर [[समुद्र]] में ज्वार पैदा करने के लिए सक्षम है। चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण बल से 16 प्रतिशत जितना है और [[मंगल ग्रह]] का पृथ्वी से 38 प्रतिशत जितना है, जबकि [[सौरमंडल]] के सबसे बड़े ग्रह गुरु का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से 2.5 गुना है।
 
हम सब [[पृथ्वी]] का खिंचाव महसूस कर सकते हैं, लेकिन [[चन्द्रमा]] के खिंचाव को महसूस नहीं कर पाते, क्योंकि चन्द्रमा छोटा हैं और हम से बहुत ही दूर है। लेकिन उसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर [[समुद्र]] में ज्वार पैदा करने के लिए सक्षम है। चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण बल से 16 प्रतिशत जितना है और [[मंगल ग्रह]] का पृथ्वी से 38 प्रतिशत जितना है, जबकि [[सौरमंडल]] के सबसे बड़े ग्रह गुरु का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से 2.5 गुना है।

07:48, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

गुरुत्वाकर्षण (अंग्रेज़ी: Gravitation) एक पदार्थ द्वारा दूसरे की ओर आकृष्ट होने की प्रवृत्ति है। गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गयी थी। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में अल्बर्ट आइंस्टाइन द्वारा सापेक्षता सिद्धांत से बदला गया। इससे पूर्व वराहमिहिर ने कहा था कि किसी प्रकार की शक्ति ही वस्तुओं को पृथ्वी पर चिपकाए रखती है।

गुरुत्वाकर्षण ब्रह्माण्ड में मौजूद चार मौलिक बलों में से एक बल है। यह अंतरिक्ष में मौजूद द्रव्यमान वाली सभी चीजों के बीच एक लंबी दूरी का आकर्षण बल है। इसकी वजह से ही चीजों को वजन प्राप्त होता है। पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण निरंतर प्रति सेकंड 9.8 वर्ग मीटर (9.8 m/s2) जितना होता है। यह हमें पृथ्वी के बाहर गिरने से बचाता है और पृथ्वी को अपनी सूर्य की आसपास की कक्षा में बनाए रखता है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही साढ़े चार अरब साल पहले पृथ्वी और सूरज की उत्पति हुई थी। यह आश्चर्यजनक बात है कि ब्रह्माण्ड में हर भारी वस्तु दूसरी चीजों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारा घर, पृथ्वी, 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर एंड्रोमेडा आकाशगंगा में स्थित ब्लैकहोल, यह सभी आपसे गुरुत्वीय बल से आकर्षित हैं और आप उनसे।[1]

महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन ने 17वीं सदी में पता लगाया कि दो वस्तुओं के बीच की दूरी के वर्ग जितने अंतर पर गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत घटती है, तो यदि आप किसी भी चीज से दोगुना अंतर पर होंगे, तब गुरुत्वाकर्षण एक चौथाई जितना ही मजबूत होगा। उन्होंने यह भी पता लगाया की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति वस्तु के द्रव्यमान के अनुपात में होती है। अर्थात् पदार्थ जितना बड़ा होगा, उसका गुरुत्वाकर्षण बल उतना ही मजबूत होगा।

हम सब पृथ्वी का खिंचाव महसूस कर सकते हैं, लेकिन चन्द्रमा के खिंचाव को महसूस नहीं कर पाते, क्योंकि चन्द्रमा छोटा हैं और हम से बहुत ही दूर है। लेकिन उसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर समुद्र में ज्वार पैदा करने के लिए सक्षम है। चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण बल से 16 प्रतिशत जितना है और मंगल ग्रह का पृथ्वी से 38 प्रतिशत जितना है, जबकि सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह गुरु का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से 2.5 गुना है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गुरुत्वाकर्षण क्या है (हिंदी) apnikahaani.com। अभिगमन तिथि: 15 जुलाई, 2017।

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