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*दिल्‍ली आने वाले किसी भी व्‍यक्ति की यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक वह चाँदनी चौक न जाए।  
 
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*यह [[मुग़ल]] काल में प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र था।  
 
*यह [[मुग़ल]] काल में प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र था।  
*इसका डिजाइन [[शाहजहाँ]] की पुत्री जहाँआरा बेग़म ने बनाया था।  
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*इसका डिजाइन [[शाहजहाँ]] की पुत्री जहाँआरा बेगम ने बनाया था।  
 
*यहाँ की गलियाँ संकरी हैं। इसलिए यहाँ गा‍ड़ी लेकर न आने की सलाह दी जाती है।
 
*यहाँ की गलियाँ संकरी हैं। इसलिए यहाँ गा‍ड़ी लेकर न आने की सलाह दी जाती है।
 
*[[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]] के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़भाड़ भरे बाज़ार में सोने-चाँदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा-मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए सीसगंज गुरूद्वारा, टॉउन हॉल, लाल मन्दिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।  
 
*[[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]] के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़भाड़ भरे बाज़ार में सोने-चाँदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा-मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए सीसगंज गुरूद्वारा, टॉउन हॉल, लाल मन्दिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।  

07:23, 3 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
  • शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा द्वारा 1648 में स्थापित यह बाज़ार वर्तमान में एशिया का सबसे बड़ा थोक व्यापार का केन्द्र है।
  • यहाँ पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्‍यापारी व्‍यापार करने आते थे।
  • दिल्‍ली आने वाले किसी भी व्‍यक्ति की यात्रा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक वह चाँदनी चौक न जाए।
  • यह मुग़ल काल में प्रमुख व्‍यवसायिक केंद्र था।
  • इसका डिजाइन शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा बेगम ने बनाया था।
  • यहाँ की गलियाँ संकरी हैं। इसलिए यहाँ गा‍ड़ी लेकर न आने की सलाह दी जाती है।
  • लाल क़िला के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़भाड़ भरे बाज़ार में सोने-चाँदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा-मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए सीसगंज गुरूद्वारा, टॉउन हॉल, लाल मन्दिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।

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