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+[[वीर रस]]  
 
+[[वीर रस]]  
 
-श्रृंगार रस  
 
-श्रृंगार रस  
||वीर रस की निष्पत्ति के लिए वस्तुत: आचार्यों ने आश्रय में प्रहर्ष अथवा उत्फुल्लता की उपस्थिति आवश्यक मानी है। अतएव उत्साह को ही इसका स्थायी मानना युक्तिसंगत सिद्ध होता है। यह ठीक है कि उत्साह मूल भावों में गृहीत नहीं किया जा सकता, लेकिन रामचन्द्र शुक्ल के शब्दों में - ‘आश्रय या पात्र में उसकी व्यंजना द्वारा श्रोता या दर्शक को ऐसा विविक्त रसानुभव होता है, जो और रसों के समकक्ष है।' अतएव रस-प्रयोजनकर्ता के विचार से उत्साह उपेक्षणीय नहीं हो सकता। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वीर रस]]
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||भक्तिकाल एवं रीतिकाल में परिस्थितियों के परिवर्तन के कारण वीर रस की धारा सूखती-सी प्रतीत होती है। तथापि, [[केशवदास|केशव]] का ‘वीरसिंहदेव चरित’, मान का ‘राजविलास’, [[भूषण]] का ‘शिवराजभूषण’, लाल का ‘छत्रप्रकाश’ इत्यादि ग्रन्थों में वीर रस का प्रवाह प्रवहमान है। ‘[[रामचरितमानस]]’ यों तो शान्त रस-प्रधान रचना है तो भी [[राम]] - [[रावण]] युद्ध के प्रसंग में प्रचुर वीर रस की निष्पत्ति हुई है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वीर रस]]
  
  
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-पलायनवादी
 
-पलायनवादी
 
-भाग्यवादी  
 
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{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है?  
 
{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है?  
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-समाज सेवा  
 
-समाज सेवा  
 
+[[साहित्य]]
 
+[[साहित्य]]
||हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[साहित्य]]
 
 
  
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबंध काव्य है?
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबंध काव्य है?
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-एक कंठ विषपायी  
 
-एक कंठ विषपायी  
 
-बिहारी रत्नाकर  
 
-बिहारी रत्नाकर  
 
  
 
{ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है?
 
{ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है?
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-भक्त कवि
 
-भक्त कवि
 
+संत कवि
 
+संत कवि
 
  
 
{'कठिन काव्य का प्रेत' किस [[कवि]] को कहा जाता हैं?
 
{'कठिन काव्य का प्रेत' किस [[कवि]] को कहा जाता हैं?
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-[[मतिराम]] को  
 
-[[मतिराम]] को  
 
+[[केशवदास]] को  
 
+[[केशवदास]] को  
||[[चित्र:Keshavdas.jpg|right|100px|केशवदास]]केशवदास की प्राप्त प्रमाणिक रचनाएँ रचनाक्रम के अनुसार ये हैं- 'रसिकप्रिया' (1591 ई.), 'कविप्रिया' और 'रामचन्द्रिका' (1601 ई.), 'विज्ञानगीता' (1610 ई.) और 'जहाँगीरजसचन्द्रिका' (1612 ई.)। 'रतनावली' का रचनाकाल अज्ञात है, पर यह इनकी सर्वप्रथम रचना है। नखशिख, शिखनख और बारहमासा पहले 'कविप्रिया' के ही अंतर्गत थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[केशवदास]]
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||[[चित्र:Keshavdas.jpg|right|100px|right]]केशव 'कठिन काव्य के प्रेत' कहे जाते हैं। भाव और रस कवित्व की आत्मा है। केशव ने केवल शरीर का श्रृंगार किया है, आत्मा की हृदयहीनता से उपेक्षा की है। वह अपने रचना-चमत्कार द्वारा श्रोता और पाठकों को चमत्कृत करने के प्रयास में रहे हैं। केवल मानसिक व्यायाम में रुचि लेने वाले पाठक ही उनके काव्य का आनन्द उठाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[केशवदास]]
  
  
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-[[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]]
 
-[[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]]
 
-स्वतंत्र ध्वनि
 
-स्वतंत्र ध्वनि
||व्याकरण में परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 11 मानी गई है। वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं। वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है।  {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]]
 
 
  
 
{[[हिन्दी भाषा]] में वे [[ध्वनि|ध्वनियाँ]] कौन सी हैं, जो दूसरी ध्वनियों की सहायता से बोली या लिखी जाती हैं?
 
{[[हिन्दी भाषा]] में वे [[ध्वनि|ध्वनियाँ]] कौन सी हैं, जो दूसरी ध्वनियों की सहायता से बोली या लिखी जाती हैं?
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-वर्ण
 
-वर्ण
 
-[[अक्षर]]
 
-[[अक्षर]]
||स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं। वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]]
 
 
  
 
{निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक '[[रामचन्द्र शुक्ल]]' द्वारा लिखी गई है?
 
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-यमगाथा
 
-यमगाथा
 
-निबन्ध संग्रह  
 
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+हिन्दी साहित्य कक इतिहास  
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+हिन्दी साहित्य का इतिहास  
 
-कविता के प्रतिमान  
 
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-द्वन्द्व
 
-द्वन्द्व
 
-अव्ययीभाव
 
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{'[[रामचरितमानस]]' किस [[भाषा]] में लिखा गया है?
 
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+[[श्लेष अलंकार|श्लेष]]
 
+[[श्लेष अलंकार|श्लेष]]
 
-[[उत्प्रेक्षा अलंकार|उत्प्रेक्षा]]  
 
-[[उत्प्रेक्षा अलंकार|उत्प्रेक्षा]]  
||जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्लेष अलंकार|श्लेष]]
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||जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्लेष अलंकार|श्लेष]]
  
 
{आदिकाल में किस [[कवि]] ने अवहट्ट भाषा में रचना की?
 
{आदिकाल में किस [[कवि]] ने अवहट्ट भाषा में रचना की?
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-[[मृगावती]]  
 
-[[मृगावती]]  
 
+[[रामचरित मानस]]  
 
+[[रामचरित मानस]]  
||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|100px|श्री गोस्वामी [[तुलसीदास]] जी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस]]'रामचरितमानस' एक चरित-काव्य है, जिसमें राम का सम्पूर्ण जीवन-चरित वर्णित हुआ है। इसमें 'चरित' और 'काव्य' दोनों के गुण समान रूप से मिलते हैं। इस काव्य के चरितनायक कवि के आराध्य भी हैं, इसलिए वह 'चरित' और 'काव्य' होने के साथ-साथ कवि की भक्ति का प्रतीक भी है। रचना के इन तीनों रूपों में उसका विवरण इस प्रकार है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचरित मानस]]
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||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|100px|रामचरितमानस' [[तुलसीदास]] की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना संवत 1631 ई. की [[रामनवमी]] को [[अयोध्या]] में प्रारम्भ हुई थी किन्तु इसका कुछ अंश [[काशी]] (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था, यह इसके [[किष्किन्धा काण्ड वा. रा.|किष्किन्धा काण्ड]] के प्रारम्भ में आने वाले एक [[सोरठा|सोरठे]] से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है। इसकी समाप्ति संवत 1633 ई. की मार्गशीर्ष, शुक्ल 5, रविवार को हुई थी किन्तु उक्त तिथि गणना से शुद्ध नहीं ठहरती, इसलिए विश्वसनीय नहीं कही जा सकती। यह रचना [[अवधी भाषा|अवधी बोली]] में लिखी गयी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचरित मानस]]
  
 
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08:42, 30 नवम्बर 2011 का अवतरण

हिन्दी

1 हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम है?

सम्मेलन पत्रिका
सरस्वती
उत्तण्ड मार्तण्ड
नागरी प्रचारिणी पत्रिका

2 भूषण किस रस के कवि थे?

रौद्र रस
करुण रस
वीर रस
श्रृंगार रस

3 'निराला' को कैसा कवि माना जाता है?

अवसरवादी
कांतिकारी
पलायनवादी
भाग्यवादी

4 ज्ञानपीठ पुरस्कार किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है?

सिनेमा
विज्ञान
समाज सेवा
साहित्य

5 निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबंध काव्य है?

रामचरित मानस
आँसू
एक कंठ विषपायी
बिहारी रत्नाकर

6 ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है?

सिद्ध कवि
नाथपंथी कवि
भक्त कवि
संत कवि

7 'कठिन काव्य का प्रेत' किस कवि को कहा जाता हैं?

सेनापति को
चिंतामणि को
मतिराम को
केशवदास को

8 हिन्दी में स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले अक्षर क्या कहलाते हैं?

स्वर
संयुक्त अक्षर
व्यंजन
स्वतंत्र ध्वनि

9 हिन्दी भाषा में वे ध्वनियाँ कौन सी हैं, जो दूसरी ध्वनियों की सहायता से बोली या लिखी जाती हैं?

स्वर
व्यंजन
वर्ण
अक्षर

10 निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक 'रामचन्द्र शुक्ल' द्वारा लिखी गई है?

यमगाथा
निबन्ध संग्रह
हिन्दी साहित्य का इतिहास
कविता के प्रतिमान

11 वीर रस का स्थायी भाव क्या होता है?

रति
उत्साह
हास्य
परिहास

12 निम्नलिखित में से कौन-सा पश्च स्वर है?

13 'रसोईघर' में कौनसा समास है?

तत्पुरुष
बहुव्रीहि
द्वन्द्व
अव्ययीभाव

14 'रामचरितमानस' किस भाषा में लिखा गया है?

ब्रज
भोजपुरी
अवधी
मागधी

15 जहाँ एक ही शब्द के अनेक अर्थ व्यक्त किए हों तो वह कौन-सा अलंकार होता है?

रूपक
यमक
श्लेष
उत्प्रेक्षा

16 आदिकाल में किस कवि ने अवहट्ट भाषा में रचना की?

अमीर खुसरो
अब्दुल रहमान
कुतुबन
मंझन

17 अवधी भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय महाकाव्य का नाम है?

पद्मावत
मधुमालती
मृगावती
रामचरित मानस