अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह

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अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह
भारतीय हस्तशिल्प
भारतीय हस्तशिल्प
विवरण 'अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह' पूरे भारत में मनाया जाता है। सप्ताह भर का यह समारोह पूरे देश के सभी कारीगरों के लिये विशेष समय है, क्योंकि उन्हें पूरी दुनिया में अपने महान् कार्यों को उजागर करने का बहुत बड़ा अवसर मिलता है।
देश भारत
तिथि 8 दिसम्बर से 14 दिसम्बर
उद्देश्य यह सप्ताह लोगों के बीच हस्तशिल्प के बारे में समाज में जागरुकता, सहयोग और इसके महत्व को बढ़ाने के लिये बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
अन्य जानकारी अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह के कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय श्रीमती कमलादेवी चट्टोपाध्याय को लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी जाती है। वे आज़ादी के बाद सहकारी आंदोलन के माध्यम से भारतीय महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक मानक बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
बाहरी कड़ियाँ 01:19 29 अक्टूटूबर-2016 (IST)

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (अंग्रेज़ी : All India Handicrafts Week) 8 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक पूरे भारत में मनाया जाता है। ये देश के सभी राज्यों में लोगों के बीच हस्तशिल्प के बारे में समाज में जागरुकता, सहयोग और इसके महत्व को बढ़ाने के लिये बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इम्फाल में, एक बड़ी पारिस्थितिकी शिल्प प्रदर्शनी पब्लिक लाइब्रेरी, बीटी सड़क के परिसर में आयोजित की जाती है।

सप्ताह का समारोह

सामान सहेजती महिला

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह का समारोह पूरे देश के सभी कारीगरों के लिये विशेष समय है, क्योंकि उन्हें पूरी दुनिया में अपने महान् कार्यों को उजागर करने का बहुत बड़ा अवसर मिलता है। इस सप्ताह में ये आयोजित प्रदर्शनी पूरे देश के लाखों समर्पित हस्तशिल्प कारीगरों के लिये बड़ी उम्मीद और अवसर प्रदान करता है। ये एक महान् कार्यक्रम है जो हस्तशिल्प की वर्षों की परंपरा और संस्कृति को जीवित रखने में मदद कर रहा है। पूरे हफ्ते के समारोह में पांच प्रमुख घटक शामिल हैं, जैसे[1]-

  1. क्रेता-विक्रेता बैठक
  2. हस्तशिल्प प्रदर्शनी
  3. भारतीय कलाकारों द्वारा कलात्मक प्रदर्शन
  4. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्प व्यक्तियों द्वारा सजीव प्रदर्शन और भारतीय भोजन की प्रदर्शनी।

कैसे मनाएँ

अखिल भारतीय हस्तशिल्प विकास आयुक्त के कार्यालयों के सप्ताह के साथ ही पूरे हफ्ते के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा जागरूकता बढ़ाने और हस्तशिल्प कारीगरों के बीच हस्तशिल्प सप्ताह योजनाओं की मुख्य सूचना को वितरित करने के लिए मनाया जाता है।

बाँस से निर्मित सामान, असम

पूरे सप्ताह समारोह के दौरान, बैंगलोर और मंगलौर में क्रमश: राज्य स्तर पर हस्तशिल्प विकास के साथ ही स्थानीय विपणन कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम के जश्न में, लगभग 50 शिल्प कलाकार, गैर सरकारी संगठन, विभिन्न शिल्प विशेषज्ञों की एक रेंज को उनके और सरकारी एजेंसियों के बीच बातचीत को बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। पूरे सप्ताह का समारोह हस्तशिल्प के विकास के साथ ही उपचारात्मक उपायों की खोज करने के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं और सीमाओं का विश्लेषण करने के लिए आयोजित किया जाता है। शिल्प प्रतिभागियों की सहायता के लिये विशेषज्ञों को अपने अनुभवों, विचारों पर चर्चा और समस्याओं को सुलझाने के लिये आमंत्रित किया जाता है।

कमलादेवी चट्टोपाध्याय का योगदान

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह के कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय श्रीमती कमलादेवी चट्टोपाध्याय को लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी जाती है। वे एक महान् समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, महात्मा गाँधी की अनुयायी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी समर्पित भागीदारी के लिए प्रसिद्ध हैं। वे भारतीय हथकरघा के पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति होने, हस्तशिल्प के साथ-साथ देश की आज़ादी के बाद सहकारी आंदोलन के माध्यम से भारतीय महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक मानक बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध हैं।

हस्तशिल्प के बारे में लोगों के बीच जागरुकता को बढ़ाने के लिये विभिन्न संगठनों के द्वारा शिल्प नक्शे, कैटलॉग, विविध पत्रक आदि प्रकाशित कराकर आम जनता में बाँटे जाते हैं। समारोह के दौरान चिकनकारी, लोक चित्रकला, फाड़ चित्रकला, हाथ ब्लॉक प्रिंटिंग, बधेंज टाई डाई, दरी बुनाई, कनी शॉल बुनाई, लाख की चूड़ियाँ, कांथादर्पण कार्य , पिपली और क्रोशिया की बुनाई, क्रूल कढ़ाई, फुलकारी और कलमकारी चित्रकारी, जरदोजी आदि हस्तशिल्प कार्यों का लोगों के सामने प्रदर्शन किया जाता है।[1]

भारतीय हस्तकला

उद्देश्य

  1. फैशन के सामान पर कार्यक्रम को कपड़ा मंत्रालय और हस्तशिल्प विकास आयुक्त के कार्यालय द्वारा भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने, जागरूकता बढ़ाने के लिए और ब्रांड छवि को सुधारने और बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है।
  2. 'भारत से हस्तशिल्प समूह का खजाना' किताब का प्रकाशन यह इंगित करता है कि समूह विकास कार्यक्रम के माध्यम से हस्तशिल्प का विकास कैसे होता है?
  3. यह पूरे भारत के विभिन्न राज्यों से हस्तशिल्प कारीगरों के विकास और कल्याण के लिए मनाया जाता है।
  4. बांस शिल्प में एक प्रतिभा उन्नयन-सह-डिजाइन प्रशिक्षण लोगों की क्षमता बढ़ाने के लिए भी आयोजित किया जाता है।
  5. जागरूकता शिविर (शिल्प समूहों पर 'राजीव गांधी स्वास्थ्य योजना' के लिए) और स्कूलों में बच्चों के बीच इस क्षमता को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए भारतीय हस्तशिल्प पर एक डिजाइन कार्यशाला भी बच्चों के लिए आयोजित की जाती है।
  6. पूरे भारत में भारतीय हस्तशिल्प पर संदेश प्रदर्शित करने के हस्तशिल्प विषयों से संबंधित ड्राइंग और निबंध प्रतियोगिता को आयोजित किया जाता है।
  7. एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी हस्तशिल्प कारीगरों के लाभ के लिए आयोजित किया जाता है।[1]
भारतीय हस्तकला

अखिल भारतीय हस्तशिल्प बोर्ड

अखिल भारतीय हस्तशिल्प बोर्ड सर्वप्रथम 1952 में एक सरकारी सलाहकार के रूप में भारत में हस्तशिल्प से संबंधित समस्याओं के साथ-साथ हस्तशिल्प के विकास के लिए उपायों को लागू करने और बेहतर बनाने के लिये स्थापित किया गया। ये कपड़ा मंत्रालय की अध्यक्षता में गठित किया गया था। बोर्ड को भी सभी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये हस्तशिल्प के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी होनी आवश्यक थी, जैसे- तकनीकी, वित्तीय और कलात्मक विपणन आदि। अखिल भारतीय हस्तशिल्प बोर्ड राज्य सरकारों को हस्तशिल्प विकास योजनाओं पर अमल करने के लिए एक और सहायता और नये विचार प्रदान करता है। बोर्ड बहुत से हस्तशिल्प और हथकरघा के संगठनों से मिलकर बनता है। बोर्ड हस्तशिल्प की प्रदर्शनी की व्यवस्था, हस्तशिल्प बाज़ार के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (हिन्दी) hindikiduniya.com। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2016।

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