मध्य प्रदेश के उद्योग

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मध्य प्रदेश ने इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, दूरसंचार, मोटरवाहनों, सूचना प्रौद्योगिकी आदि उच्‍च तकनीकी उद्योगों के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। दूरसंचार प्रणालियों के लिए यह राज्‍य ऑप्टिकल फाइबर का उत्‍पादन कर रहा है। इंदौर के पास पीठमपुर में बडी संख्‍या में मोटर वाहन उद्योग स्‍थापित हुए है। राज्‍य में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग है - भोपाल में 'भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स लि.', होशंगाबाद में 'सिक्‍योरिटी पेपर मिल', देवास में नोट छापने की प्रेस, नेपानगर में अख़बारी काग़ज़ की मिल और नीमच की अल्‍कालॉयड फैक्‍ट्री।

  • गत वर्ष राज्‍य में सीमेंट का उत्‍पादन 12.49 लाख मीट्रिक टन हुआ।
  • पीठमपुर में जल्‍दी ही एक मालवाहक विमान परिसर स्‍थापित किया जा रहा है।
  • भारत सरकार इंदौर में विशेष आर्थिक क्षेत्र स्‍थापित कर रही है। समग्र आर्थिक विकास नीति लागू कर प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। राज्‍य ने निवेश को आकर्षित करने के लिए आकर्षक छूट देने के लिए औद्योगिक प्रोत्‍सा‍हन नीति की घोषणा की है। अब तक उद्योग लगाने की इच्‍छा ज़ाहिर करने वाले 5200 करोड रुपये के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है।
  • सागर ज़िले के बीना में काफ़ी समय से लंबित 10,300 करोड़ रुपये की लागत वाली ओमान बीना तेलशोधक परियोजना तैयार है।
  • भारत सरकार ने धार ज़िले के पीठमपुर में एक राष्‍ट्रीय ऑटोमोटिव परीक्षण, अनुसंधान तथा विकास परियोजना को मंजूरी दे दी है।
  • राज्‍य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति लागू की है।
  • मध्‍य प्रदेश में निम्‍न स्‍तर का कोयला प्रचुर मात्रा में होता है, जो बिजली उत्‍पादन के अनुकूल है। पनबिजली उत्‍पादन की भी यहाँ अपार क्षमता है। यहाँ राज्‍य में वर्ष 2005-2006 में विद्युत उत्‍पादन की कुल स्‍थापित क्षमता 7934.85 मेगावाट थी। यहाँ 902.5 मेगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता के आठ पनबिजली केंद्र है। राज्‍य के 51,806 में से 50,475 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।
खनिज उत्‍पादन के क्षेत्र

खनिज उत्‍पादन के क्षेत्र में राज्‍य का विशिष्‍ट स्‍थान है। वर्ष 2005-06 में 5312.65 करोड़ रुपये के खनिजों का उत्‍पादन हुआ। राज्‍य में 21 तरह के खनिज निकाले जाते हैं। 2006 में डोलोमाइट का उत्‍पादन 128 हज़ार मीट्रिक टन, हीरे का उत्‍पादन 44149 हज़ार कैरेट और चूना पत्‍थर का 25865 हज़ार मीट्रिक टन, बॉक्साइट का उत्‍पादन 87 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन, ताम्र अयस्‍क का उत्‍पादन 1706 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन और कोयले का उत्‍पादन 54000 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन रहा। यह राज्‍य चंदेरी और माहेश्‍वर के पारंपरिक हस्‍तशिल्‍प और हथकरघे से बने कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में अवस्थित हिंगलाजगढ़ परमार मूर्तिकला के विशिष्ट केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है।


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