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परवल अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थवर्धक | [[चित्र:Pointed-Gourd.jpg|thumb|250px|परवल<br />Pointed Gourd]] | ||
परवल अत्यन्त ही [[सुपाच्य]], पौष्टिक, स्वास्थवर्धक एवं औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्ज़ी]] है। यह शीतल, पित्तानाशक, हृदय एवं मूत्र सम्बन्धी रोगों में काफ़ी लाभदायक है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से सब्ज़ी, अचार और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। इसमें [[विटामिन]], कार्बोहाइड्रेट तथा [[प्रोटीन]] अधिक मात्रा में पायी जाती है। निर्यात की दृष्टि से परवल एक महत्त्वपूर्ण सब्जी है।<ref>{{cite web |url=http://www.gsgk.org.in/parwal.php |title=परवल |accessmonthday=[[26 अगस्त]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format=पी एच पी |publisher=ग्रामीण सूचना एवं ज्ञान केंद्र |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | |||
सम्पूर्ण भारतवर्ष में परवल की खेती की जाती है। [[उत्तर प्रदेश]], [[बिहार]], [[बंगाल]], [[आसाम]], [[केरल]] तथा [[चेन्नई]] में इसकी खेती अधिक की जाती है उत्तरी बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बहुत अधिक की जाती है। यह हृदय रोग तथा मस्तिष्क के लिए लाभदायक होता है। यह एक चढ़ने वाली लता होती है जिसका कच्चा फल सब्जी तथा मिठाइयाँ बनाने के काम आता है।<ref>{{cite web |url=http://opaals.iitk.ac.in/hindi/embed.jsp?url=information/saag/pointedgourd.jsp&left=information/left.jsp |title=परवल |accessmonthday=[[26 अगस्त]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=डिजिटल मण्डी |language=हिन्दी }}</ref> | सम्पूर्ण भारतवर्ष में परवल की खेती की जाती है। [[उत्तर प्रदेश]], [[बिहार]], [[बंगाल]], [[आसाम]], [[केरल]] तथा [[चेन्नई]] में इसकी खेती अधिक की जाती है उत्तरी बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बहुत अधिक की जाती है। यह [[हृदय]] रोग तथा [[मस्तिष्क]] के लिए लाभदायक होता है। यह एक चढ़ने वाली लता होती है जिसका कच्चा फल सब्जी तथा मिठाइयाँ बनाने के काम आता है।<ref>{{cite web |url=http://opaals.iitk.ac.in/hindi/embed.jsp?url=information/saag/pointedgourd.jsp&left=information/left.jsp |title=परवल |accessmonthday=[[26 अगस्त]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=डिजिटल मण्डी |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
==गुण== | ==गुण== | ||
यह छोटा, रूक्ष, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाला, रस में तीखा, कफ को दूर करने वाला | यह छोटा, रूक्ष, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाला, रस में तीखा, कफ को दूर करने वाला दाग़ (कुष्ठ) को नष्ट करने वाला, फल में कडुवा, उष्णीवीर्य, रोचन, उत्तेजना, प्यास को शांत करने वाला, ख़ून की गर्मी, पित्त को सही रखने वाला, अनुकुल, ख़ून को साफ़ रखने वाला, सूजन को नष्ट करने वाला, शक्ति, विष को दूर करने वाला, और अग्निमांद्य, भूख न लगना, प्यास को कम करना, [[यकृत]] की बीमारी को दूर करना, कामला (पीलिया), हृदय रोग, बवासीर, ख़ून की बीमारी, खाँसी, सांस, पित्त का बुखार, पुराना बुखार, जलोदर और चमड़ी के रोग को नष्ट करता है। इसको ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से उल्टी होने लगती है।<ref>{{cite web |url=http://jkhealthworld.com/detail.php?id=2085 |title=परवल |accessmonthday=[[26 अगस्त]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=जनकल्याण |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
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13:17, 7 मई 2017 के समय का अवतरण

Pointed Gourd
परवल अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थवर्धक एवं औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय सब्ज़ी है। यह शीतल, पित्तानाशक, हृदय एवं मूत्र सम्बन्धी रोगों में काफ़ी लाभदायक है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से सब्ज़ी, अचार और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। इसमें विटामिन, कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन अधिक मात्रा में पायी जाती है। निर्यात की दृष्टि से परवल एक महत्त्वपूर्ण सब्जी है।[1]
सम्पूर्ण भारतवर्ष में परवल की खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, आसाम, केरल तथा चेन्नई में इसकी खेती अधिक की जाती है उत्तरी बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बहुत अधिक की जाती है। यह हृदय रोग तथा मस्तिष्क के लिए लाभदायक होता है। यह एक चढ़ने वाली लता होती है जिसका कच्चा फल सब्जी तथा मिठाइयाँ बनाने के काम आता है।[2]
गुण
यह छोटा, रूक्ष, पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाला, रस में तीखा, कफ को दूर करने वाला दाग़ (कुष्ठ) को नष्ट करने वाला, फल में कडुवा, उष्णीवीर्य, रोचन, उत्तेजना, प्यास को शांत करने वाला, ख़ून की गर्मी, पित्त को सही रखने वाला, अनुकुल, ख़ून को साफ़ रखने वाला, सूजन को नष्ट करने वाला, शक्ति, विष को दूर करने वाला, और अग्निमांद्य, भूख न लगना, प्यास को कम करना, यकृत की बीमारी को दूर करना, कामला (पीलिया), हृदय रोग, बवासीर, ख़ून की बीमारी, खाँसी, सांस, पित्त का बुखार, पुराना बुखार, जलोदर और चमड़ी के रोग को नष्ट करता है। इसको ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से उल्टी होने लगती है।[3]
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