सुनील कोठारी
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पूरा नाम | सुनील कोठारी |
जन्म | 20 दिसंबर, 1933, गुजरात |
जन्म भूमि | ज़िला खेड़ा, गुजरात |
मृत्यु | 27 दिसंबर, 2020 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1995), गौरव पुरस्कार (2000, गुजरात), पद्म श्री (2001), न्यूयॉर्क का ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2011) |
प्रसिद्धि | नृत्य इतिहासकार, विद्वान और आलोचक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सुनील कोठारी ने भारतीय नृत्यों पर 20 से ज़्यादा किताबें लिखी थीं। इनमें 'न्यू डॉयरेक्शन इन इंडियन डांस', 'सत्रिय डांस ऑफ असम' जैसी किताबें शामिल हैं। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
सुनील कोठारी (अंग्रेज़ी: Sunil Kothari, जन्म- 20 दिसंबर, 1933, गुजरात; मृत्यु- 27 दिसंबर, 2020, दिल्ली) प्रसिद्ध भारतीय नृत्य इतिहासकार, विद्वान और आलोचक थे। भारतीय नृत्य कलाओं की शिक्षा लेने से पहले सुनील कोठारी चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। उन्होंने भरतनाट्यम, ओडिसी, छऊ, कथक समेत अन्य भारतीय नृत्य कलाओं पर बीस से भी ज्यादा किताबें लिखीं। उन्हें 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी नवाजा गया था। उन्हें गुजरात संगीत नाटक अकादमी ने 'गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया था। सुनील कोठारी ने उदय शंकर और रुक्मिणी देवी अरुंडेल की फोटो जीवनी पर भी काम किया था।
परिचय
सुनील कोठारी का जन्म 20 दिसंबर, 1933 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था। भारतीय नृत्य कलाओं की शिक्षा लेने से पहले वह चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) थे। लेकिन जल्द ही उनका रुझान भारतीय नृत्यों के अध्ययन की तरफ मुड़ गया। उन्होंने भारतनाट्यम, ओडिशी, छऊ और कत्थक समेत कई भारतीय नृत्य कलाओं पर पुस्तकें लिखी हैं।
लेखन कार्य
सुनील कोठारी ने भारतीय नृत्यों पर 20 से ज़्यादा किताबें लिखी थीं। इनमें 'न्यू डॉयरेक्शन इन इंडियन डांस', 'सत्रिय डांस ऑफ असम' जैसी किताबें शामिल हैं। उन्होंने उदय शंकर और रुक्मणी देवी की फोटो बॉयोग्राफी भी लिखी। उनकी किताबों में भारतीय नृत्यों के बनने, प्रसिद्ध होने और औपनिवेशिक दौर में उनके बचे रहने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है। सुनील कोठारी ने नृत्यों के उद्गम और उनकी यात्रा को समझने के लिए भारत के कई भीतरी और दूरदराज के हिस्सों में बहुत यात्राएं कीं। उन्होंने भरतनाट्यम, कत्थक, मणिपुरी लोक नृत्यों पर खूब लिखा।
पुरस्कार व सम्मान
सुनील कोठारी ने रबिंद्र भारती विश्वविद्यालय में उदय शंकर चेयर का नेतृत्व किया और फुलब्राइट प्रोफेसर के तौर पर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में नृत्य विभाग में पढ़ाया भी। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिसमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1995), गुजरात संगीत नाटक अकादमी का गौरव पुरस्कार (2000), पद्म श्री (2001) और अमेरिका में 2011 में डांस क्रिटिक्स एसोसिएशन, न्यूयॉर्क का ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार शामिल है।[1]
मृत्यु
नृत्य इतिहासकार एवं आलोचक सुनील कोठारी का दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के एक अस्पताल में 27 दिसंबर, 2020 को निधन हुआ। एक महीने पहले वह कोरोना विषाणु से संक्रमित पाए गए थे। उनकी उम्र 87 वर्ष थी। वह एशियन गेम्स विलेज स्थित अपने घर पर थे और स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। लेकिन, रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रसिद्ध नृत्य इतिहासकार सुनील कोठारी का निधन (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 28 दिसंबर, 2020।
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