"चुम्बकीय क्षेत्र": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} {{tocright}} पृथ्वी का '''चुम्बकीय क्षेत्र''' एक ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{tocright}}
{{tocright}}
[[पृथ्वी]] का '''चुम्बकीय क्षेत्र''' एक चुम्बकीय द्विध्रुव के आकार का है और वर्तमान में यह लगभग ग्रह के भौगोलिक ध्रुवों पर ही स्थित है।  
[[पृथ्वी]] का '''चुम्बकीय क्षेत्र''' एक चुम्बकीय द्विध्रुव के आकार का है और वर्तमान में यह लगभग ग्रह के भौगोलिक ध्रुवों पर ही स्थित है।  
पंक्ति 5: पंक्ति 4:
डायनमो सिद्धांत के अनुसार, चुम्बकीय क्षेत्र का उद्भव पिघले हुए बाहरी क्रोड के अंदर ही होता है, जहां [[ऊष्मा]] संवहन धाराएं पैदा करती है जिससे विद्युत धारा पैदा होती है। इसी से पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है। करोड़ों साल के अंतर में इस चुम्बकीय क्षेत्र में दिशा परिवर्तन होता है।
डायनमो सिद्धांत के अनुसार, चुम्बकीय क्षेत्र का उद्भव पिघले हुए बाहरी क्रोड के अंदर ही होता है, जहां [[ऊष्मा]] संवहन धाराएं पैदा करती है जिससे विद्युत धारा पैदा होती है। इसी से पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है। करोड़ों साल के अंतर में इस चुम्बकीय क्षेत्र में दिशा परिवर्तन होता है।
==चुम्बकीय मण्डल==
==चुम्बकीय मण्डल==
चुम्बकीय क्षेत्र की वजह से चुम्बकीय मण्डल पैदा होता है जो सौर तूफान के उत्पन्न होने पर कॉस्मिक किरणों को पृथ्वी के [[वायुमण्डल]] में प्रवेश नहीं करने देता है। इसी वजह से चुम्बकीय क्षेत्र व सौर पवन मिलकर वान एलेन पट्टिका का निर्माण करते हैं। जब सौर पवन के कण जिन्हें प्लाज्मा भी कहते हैं, चुम्बकीय ध्रुवों में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो इससे ध्रुवीय ज्योति का निर्माण होता है।
चुम्बकीय क्षेत्र की वजह से चुम्बकीय मण्डल पैदा होता है जो सौर तूफान के उत्पन्न होने पर कॉस्मिक किरणों को पृथ्वी के [[वायुमण्डल]] में प्रवेश नहीं करने देता है। इसी वजह से चुम्बकीय क्षेत्र व सौर पवन मिलकर वान एलेन पट्टिका का निर्माण करते हैं। जब सौर पवन के कण जिन्हें प्लाज्मा भी कहते हैं, चुम्बकीय ध्रुवों में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो इससे [[ध्रुवीय ज्योति]] का निर्माण होता है।




पंक्ति 11: पंक्ति 10:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भौतिक विज्ञान}}
{{भौतिक विज्ञान}}
[[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:नया पन्ना मई-2012]]
 


__INDEX__
__INDEX__

07:38, 30 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र एक चुम्बकीय द्विध्रुव के आकार का है और वर्तमान में यह लगभग ग्रह के भौगोलिक ध्रुवों पर ही स्थित है।

डायनमो का सिद्धांत

डायनमो सिद्धांत के अनुसार, चुम्बकीय क्षेत्र का उद्भव पिघले हुए बाहरी क्रोड के अंदर ही होता है, जहां ऊष्मा संवहन धाराएं पैदा करती है जिससे विद्युत धारा पैदा होती है। इसी से पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है। करोड़ों साल के अंतर में इस चुम्बकीय क्षेत्र में दिशा परिवर्तन होता है।

चुम्बकीय मण्डल

चुम्बकीय क्षेत्र की वजह से चुम्बकीय मण्डल पैदा होता है जो सौर तूफान के उत्पन्न होने पर कॉस्मिक किरणों को पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश नहीं करने देता है। इसी वजह से चुम्बकीय क्षेत्र व सौर पवन मिलकर वान एलेन पट्टिका का निर्माण करते हैं। जब सौर पवन के कण जिन्हें प्लाज्मा भी कहते हैं, चुम्बकीय ध्रुवों में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो इससे ध्रुवीय ज्योति का निर्माण होता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख