"प्रयोग:शिल्पी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 169: | पंक्ति 169: | ||
|} | |} | ||
|} | |} | ||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | |||
==महाभारत सामान्य ज्ञान== | |||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | |||
{{महाभारत सामान्य ज्ञान}} | |||
{| class="bharattable-green" width="100%" | |||
|- | |||
| valign="top"| | |||
{| width="100%" | |||
| | |||
<quiz display=simple> | |||
{कृष्णा किसका नाम था? | |||
|type="()"} | |||
+[[द्रौपदी]] | |||
-[[सुभद्रा]] | |||
-[[रुक्मणी]] | |||
-[[राधा]] | |||
|| द्रौपदी का जन्म महाराज [[द्रुपद]] के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था। द्रौपदी ने पति पाने की कामना से तपस्या की। भगवान [[शंकर]] ने प्रसन्न होकर उसे वर देने की इच्छा की। उसने शंकर से पांच बार कहा कि वह सर्वगुणसंपन्न पति चाहती है। शंकर ने कहा कि अगले जन्म में उसके पांच भारतवंशी पति होंगे, क्योंकि उसने पति पाने की कामना पांच बार दोहरायी थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रौपदी]] | |||
{[[उलूपी]] व [[चित्रांगदा]] किसकी पत्नी थी? | |||
|type="()"} | |||
-[[भीम]] | |||
-[[कृष्ण]] | |||
+[[अर्जुन]] | |||
-[[कर्ण]] | |||
|| [[चित्र:Gita-Krishna-1.jpg|right|30px|कृष्ण और अर्जुन]] अर्जुन [[महाभारत]] के मुख्य पात्र हैं। महाराज [[पाण्डु]] एवं रानी [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा तीरंदाज थे। वो द्रोणाचार्य के शिष्य थे। [[द्रौपदी]] को स्वयंम्वर में जीतने वाला वो ही थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अर्जुन]] | |||
{[[जरासंध]] का वध किसने किया? | |||
|type="()"} | |||
-[[कर्ण]] | |||
-[[अर्जुन]] | |||
-[[बलराम]] | |||
+[[भीम (पांडव)|भीम]] | |||
|| [[चित्र:Bhim.jpg|right|50px|भीम]] [[पांडु]] के पाँच में से दूसरी संख्या के पुत्र का नाम भीम अथवा भीमसेन था। भीम में दस हज़ार [[हाथी|हाथियों]] का बल था और वह [[गदा]] युद्ध में पारंगत था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीम (पांडव)]] | |||
{[[महाभारत]] में पर्वों की संख्या है? | |||
|type="()"} | |||
-12 | |||
-14 | |||
-16 | |||
+18 | |||
|| महाभारत की प्रबन्ध योजना में सम्पूर्ण ग्रन्थ को अठारह पर्वों में विभक्त किया गया है और महाभारत में भीष्म पर्व के अन्तर्गत वर्णित श्रीमद्भगवद्गीता में भी अठारह अध्याय हैं। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महाभारत]] | |||
{[[द्रोणाचार्य]] का वध किसने किया था? | |||
|type="()"} | |||
+[[धृष्टद्युम्न]] | |||
-[[नकुल]] | |||
-[[द्रुपद]] | |||
-वभ्रुवाहन | |||
|| धृष्टद्युम्न [[पांचाल]]-नरेश [[द्रुपद]] का पुत्र था। ये [[द्रौपदी]] का भाई था, जो यज्ञकुण्ड से उत्पन्न हुआ था। [[महाभारत]] के युद्ध में पाण्डव-पक्ष का यही कुमार सेनापति रहा। [[महाभारत]]-युद्ध में उसने [[द्रोणाचार्य]] का वध किया था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[धृष्टद्युम्न]] | |||
{[[यक्ष]] से [[युधिष्ठिर]] ने किस [[पाण्डव]] का जीवन दान माँगा था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अर्जुन]] | |||
-[[नकुल]] | |||
-[[भीम]] | |||
+[[सहदेव]] | |||
|| [[महाभारत]] में पाँच [[पांडव|पाँडवों]] में सबसे छोटे भाई और राजा [[पांडु]] के पाँच पुत्रों में से सबसे छोटे पुत्र का नाम। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सहदेव]] | |||
{[[लाक्षागृह]] का निर्माण किसने किया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[विश्वकर्मा]] | |||
-[[शकुनि]] | |||
+पुरोचन | |||
-[[प्रजापति]] | |||
|| [[महाभारत]] में ऐसा उल्लेख मिलता है कि एक बार [[पाण्डव]] अपनी माता [[कुन्ती]] के साथ वार्णावर्त नगर में महादेव को मेला देखने गये। [[दुर्योधन]] ने इसकी पूर्व सूचना प्राप्त करके अपने एक मन्त्री पुरोचन को वहाँ भेजकर एक लाक्षागृह तैयार कराया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[लाक्षागृह]] | |||
{[[घटोत्कच]] की माँ का क्या नाम था? | |||
|type="()"} | |||
-[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]] | |||
+[[हिडिम्बा]] | |||
-[[ताड़का]] | |||
-सुरसा | |||
|| हिडिम्बा से ही [[भीम (पांडव)|भीम]] के घटोत्कच नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। 'महाभारत' में हिडिम्ब नामक एक राक्षस का उल्लेख मिलता है। हिडिम्बा इसी [[हिडिम्ब]] नामक राक्षस की बहन थी। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हिडिम्बा]] | |||
{[[अर्जुन]] के धनुष का नाम क्या था? | |||
|type="()"} | |||
+[[गांडीव धनुष|गांडीव]] | |||
-अमोघ | |||
-[[वज्र अस्त्र|वज्र]] | |||
-[[ब्रह्मास्त्र]] | |||
|| अर्जुन को गांडीव धनुष अत्यधिक प्रिय था। उसने प्रतिज्ञा की थी कि जो व्यक्ति उसे गांडीव किसी और को देने के लिए कहेगा, उसे वह मार डालेगा।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गांडीव धनुष]] | |||
{[[महाभारत]] में कितने [[अक्षौहिणी]] सेना समाप्त हुई? | |||
|type="()"} | |||
-22 | |||
+18 | |||
-24 | |||
-16 | |||
|| [[महाभारत]] के युद्घ में '''अठारह''' अक्षौहिणी सेना नष्ट हो गई। एक अक्षौहिणी में 21870 [[हाथी]], 21870 रथ, 65610 घोड़े और 109350 पैदल होते थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अक्षौहिणी]] | |||
{[[शकुनि]] के राज्य का क्या नाम था? | |||
|type="()"} | |||
-[[मगध]] | |||
-[[कौशल]] | |||
-[[अंग महाजनपद|अंग]] | |||
+[[गांधार महाजनपद|गांधार]] | |||
|| [[चित्र:Gandhar-Map.jpg|right|100px|गांधार महाजनपद]] पौराणिक [[सोलह महाजनपद|16 महाजनपदों]] में से एक। [[पाकिस्तान]] का पश्चिमी तथा [[अफ़ग़ानिस्तान]] का पूर्वी क्षेत्र। इसे आधुनिक [[कंधार]] से जोड़ने की ग़लती कई बार लोग कर देते हैं, जो कि वास्तव में इस क्षेत्र से कुछ दक्षिण में स्थित था। इस प्रदेश का मुख्य केन्द्र आधुनिक [[पेशावर]] और आसपास के इलाके थे। इस [[महाजनपद]] के प्रमुख नगर थे - पुरुषपुर (आधुनिक पेशावर) तथा [[तक्षशिला]] इसकी राजधानी थी। इसका अस्तित्व 600 ईसा पूर्व से 11वीं सदी तक रहा। [[कुषाण]] शासकों के दौरान यहाँ [[बौद्ध धर्म]] बहुत फला फूला पर बाद में मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका पतन हो गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गांधार महाजनपद]] | |||
{[[अर्जुन]] ने [[द्रोणाचार्य]] के जिस मित्र को परास्त किया, उसका नाम था? | |||
|type="()"} | |||
-[[कृपाचार्य]] | |||
+[[द्रुपद]] | |||
-[[शल्य]] | |||
-[[विदुर]] | |||
||[[द्रुपद]], [[पांचाल]] के राजा और परिशत के पुत्र थे। ये [[शिखंडी]], [[धृष्टद्युम्न]] व [[द्रौपदी]] के पिता थे। [[भीष्म]], [[द्रोणाचार्य]], और द्रुपद [[परशुराम]] के शिष्य थे। शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी। द्रोण ग़रीब होने के कारण प्राय: दुखी रहते थे, तो द्रुपद ने उन्हें राजा बनने पर आधा राज्य देने का वचन दिया था, परंतु कालांतर में वे अपने वचन से न केवल मुकर गए वरन उन्होंने द्रोण का अपमान भी किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रुपद]] | |||
{युद्ध में जिस [[हाथी]] को [[भीम]] ने मारा था, उसका नाम क्या था? | |||
|type="()"} | |||
-कुवलिया पीढ़ | |||
+[[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]] | |||
-चाणूर | |||
-[[ऐरावत]] | |||
||[[महाभारत]] युद्ध में [[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]] नामक [[हाथी]] को [[भीम]] ने मार दिया और यह शोर किया कि, अश्वत्थामा मारा गया। चूँकि [[द्रोणाचार्य]] के पुत्र का नाम भी [[अश्वत्थामा]] था और यह भी निश्चित था कि, अपने पुत्र से प्रेम करने के कारण द्रोणाचार्य अश्वत्थामा की मृत्यु का सामाचार सुनकर स्वयं भी प्राण त्याग देगें। इसलिए [[कृष्ण]] की योजनानुसार यह पूर्व नियोजित ही था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]] | |||
{[[अश्वत्थामा]] द्वारा छोड़े गये [[ब्रह्मास्त्र]] को किसने शांत किया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[कृष्ण]] | |||
-[[अर्जुन]] | |||
+[[वेदव्यास|व्यास]] | |||
-[[भीष्म]] | |||
|| [[चित्र:Vyasadeva-Sanjaya-Krishna.jpg|right|75px|संजय को दिव्यदृष्टि प्रदान करते हुये वेदव्यास जी]] [[वेदव्यास]] भगवान [[नारायण]] के ही कलावतार थे। व्यास जी के [[पिता]] का नाम [[पराशर]] ऋषि तथा माता का नाम [[सत्यवती]] था। जन्म लेते ही इन्होंने अपने पिता-माता से जंगल में जाकर तपस्या करने की इच्छा प्रकट की। प्रारम्भ में इनकी माता सत्यवती ने इन्हें रोकने का प्रयास किया, किन्तु अन्त में इनके माता के स्मरण करते ही लौट आने का वचन देने पर उन्होंने इनको वन जाने की आज्ञा दे दी। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वेदव्यास|व्यास]] | |||
{[[गांधारी]] ने कितनी बार अपने आँखों की पट्टी खोली? | |||
|type="()"} | |||
-कभी नहीं | |||
-एक बार | |||
+दो बार | |||
-तीन बार | |||
{[[महाभारत]] युद्ध का मुख्य कारण क्या था? | |||
|type="()"} | |||
-[[दुर्योधन]] द्वारा [[कृष्ण]] का अपमान | |||
-[[भीम]] की प्रतिज्ञा | |||
-[[युधिष्ठिर]] की प्रतिज्ञा | |||
+[[द्रौपदी]] के केश | |||
{[[महाभारत]] युद्ध में [[भीष्म]] ने कितने दिन युद्ध किया? | |||
|type="()"} | |||
-8 दिन | |||
+10 दिन | |||
-12 दिन | |||
-18 दिन | |||
|| [[चित्र:Bhishma1.jpg|right|100px|महाभारत युद्ध में भीष्म कृष्ण की प्रतिज्ञा भंग करवाते हुए]] दसवें दिन अर्जुन ने वीरवर भीष्म पर बाणों की बड़ी भारी वृष्टि की। इधर द्रुपद की प्रेरणा से शिखण्डी ने भी पानी बरसाने वाले मेघ की भाँति भीष्म पर बाणों की झड़ी लगा दी। दोनों ओर के हाथीसवार, घुड़सवार, रथी और पैदल एक-दूसरे के बाणों से मारे गये। भीष्म की मृत्यु उनकी इच्छा के अधीन थी। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महाभारत]] | |||
{[[द्रौपदी]] का महान कार्य क्या था? | |||
|type="()"} | |||
-[[दुर्वासा]] के हज़ारों शिष्यों को भोजन कराना | |||
-अज्ञातवास का जीवन गुजारना | |||
-[[अभिमन्यु]] को शिक्षा देना | |||
+[[अश्वत्थामा]] को क्षमा करना | |||
|| अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ने शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न करके उन्हीं के अंश से अश्वत्थामा नामक पुत्र को प्राप्त किया। इनकी माता का नाम कृपा था जो शरद्वान की लड़की थी। जन्म ग्रहण करते ही इनके कण्ठ से हिनहिनाने की सी ध्वनि हुई जिससे इनका नाम अश्वत्थामा पड़ा। महाभारत युद्ध में ये कौरव-पक्ष के एक सेनापति थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अश्वत्थामा]] | |||
{[[कृष्ण]] के वंश का नाश होने का कारण क्या था? | |||
|type="()"} | |||
-[[महाभारत]] युद्ध | |||
+[[गांधारी]] का श्राप | |||
-[[दुर्वासा]] का श्राप | |||
-[[विश्वामित्र]] का श्राप | |||
|| गान्धारी [[गांधार|गान्धार]] देश के सुबल नामक राजा की कन्या थी। इसीलिए इसका नाम गान्धारी पड़ा। गान्धारी [[धृतराष्ट्र]] की पत्नी और [[दुर्योधन]] आदि की माता थीं। [[शिव]] के वरदान से गांधारी के 100 पुत्र हुए, जो [[कौरव]] कहलाये। गान्धारी पतिव्रता के रूप में आदर्श थीं। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गांधारी]] | |||
{[[युधिष्ठिर]] के स्वर्ग जाने पर कौन उनके साथ गया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[द्रौपदी]] | |||
-[[अर्जुन]] | |||
-[[भीम]] | |||
+एक कुत्ता | |||
</quiz> | |||
|} | |||
|} | |||
{{महाभारत सामान्य ज्ञान}} | |||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} |
06:35, 16 मई 2011 का अवतरण
खेल सामान्य ज्ञान
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
![]() |
इस सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में कुल 15 प्रश्न हैं। इसे हल करने के उपरांत पन्ने के नीचे की ओर "परिणाम देखें" पर क्लिक करें और उत्तरों का मिलान करें साथ ही अर्जित अंक भी देखें। |
|
रामायण सामान्य ज्ञान
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
|
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
महाभारत सामान्य ज्ञान
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान