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वज्र अस्त्र ये दो प्रकार का होता है:-
- कुलिश वज्र
- अशानि वज्र
इसके ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। पर हाथ बड़ा वज़नदार होता है। इनका प्रयोग महाभारतकाल में किया जाता था।
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वज्र अस्त्र ये दो प्रकार का होता है:-
इसके ऊपर के तीन भाग तिरछे-टेढ़े बने होते हैं। बीच का हिस्सा पतला होता है। पर हाथ बड़ा वज़नदार होता है। इनका प्रयोग महाभारतकाल में किया जाता था।
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