"महमूद शाह बहमनी": अवतरणों में अंतर
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*महमूद शाह बहमनी | *'''महमूद शाह बहमनी''' ने 1482 से 1518 ई. तक राज्य किया था। | ||
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*उसके राज्यकाल में [[बीजापुर]], [[गोलकुण्डा]], [[बरार]] तथा [[ | *गद्दी पर बैठने के समय इसकी आयु मात्र 12 साल की थी। | ||
*महमूद शाह बहमनी, [[बहमनी वंश]] एक अयोग्य व शक्तिहीन शासक रहा। | |||
*उसके राज्यकाल में [[बीजापुर]], [[गोलकुण्डा]], [[बरार]] तथा [[अहमदनगर]] बहमनी सल्तनत से अलग हो गये। | |||
*इसके शासनकाल में बहमनी राज्य केवल राजधानी के आसपास ही सीमित होकर रह गया। | |||
*मुहमूद शाह बहमनी और उसके शेष उत्तराधिकारी 'दक्कन की लोमड़ी' कहे जाने वाले तुर्क सरदार 'अमीर अली वरीद' के हाथ की कठपुतली बनकर रह गए। | |||
*1518 ई. में उसकी मृत्यु के समय केवल [[बीदर]] का शासक उसकी नाम मात्र की अधीनता स्वीकार करता था। | *1518 ई. में उसकी मृत्यु के समय केवल [[बीदर]] का शासक उसकी नाम मात्र की अधीनता स्वीकार करता था। | ||
*महमूद शाह के बाद के अन्य बहमनी शासक 'अहमदशाह चतुर्थ' (1518-1520 ई.), 'अलाउद्दीनशाह' (1520-1523 ई.) और 'बहीउल्लाह' (1523-1526 ई.) थे। | |||
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09:54, 7 जुलाई 2011 का अवतरण
- महमूद शाह बहमनी ने 1482 से 1518 ई. तक राज्य किया था।
- यह मुहम्मद बहमनी शाह तृतीय का उत्तराधिकारी था।
- गद्दी पर बैठने के समय इसकी आयु मात्र 12 साल की थी।
- महमूद शाह बहमनी, बहमनी वंश एक अयोग्य व शक्तिहीन शासक रहा।
- उसके राज्यकाल में बीजापुर, गोलकुण्डा, बरार तथा अहमदनगर बहमनी सल्तनत से अलग हो गये।
- इसके शासनकाल में बहमनी राज्य केवल राजधानी के आसपास ही सीमित होकर रह गया।
- मुहमूद शाह बहमनी और उसके शेष उत्तराधिकारी 'दक्कन की लोमड़ी' कहे जाने वाले तुर्क सरदार 'अमीर अली वरीद' के हाथ की कठपुतली बनकर रह गए।
- 1518 ई. में उसकी मृत्यु के समय केवल बीदर का शासक उसकी नाम मात्र की अधीनता स्वीकार करता था।
- महमूद शाह के बाद के अन्य बहमनी शासक 'अहमदशाह चतुर्थ' (1518-1520 ई.), 'अलाउद्दीनशाह' (1520-1523 ई.) और 'बहीउल्लाह' (1523-1526 ई.) थे।
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