"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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+कोलिय वंश | +कोलिय वंश | ||
{[[ | {[[प्राचीन भारत]] में 'निष्क' किसे कहा जाता था? | ||
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-[[ | +[[स्वर्ण]] [[आभूषण]] को | ||
- | -[[गाय]] को | ||
-[[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के को | |||
-[[ | -[[चाँदी]] के सिक्के को | ||
{किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | {किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | ||
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{[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | {[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | ||
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+ | +[[राजा जयसिंह]] | ||
-[[राणा प्रताप]] | -[[राणा प्रताप]] | ||
-[[मानसिंह]] | -[[मानसिंह]] | ||
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||[[चित्र:Ramkrishna Paramhans.jpg|right|120px|रामकृष्ण परमहंस]]रामकृष्ण परमहंस [[भारत]] के एक महान संत एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर ज़ोर दिया था। [[रामकृष्ण परमहंस]] ने [[पश्चिम बंगाल]] के हुगली ज़िले में कामारपुकुर नामक ग्राम के एक दीन एवं धर्मनिष्ठ परिवार में 18 फ़रवरी, सन 1836 ई. में जन्म लिया था। बाल्यावस्था में वह 'गदाधर चट्टोपाध्याय' के नाम से प्रसिद्ध थे। गदाधर के [[पिता]] खुदीराम चट्टोपाध्याय निष्ठावान ग़रीब [[ब्राह्मण]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामकृष्ण परमहंस]] | ||[[चित्र:Ramkrishna Paramhans.jpg|right|120px|रामकृष्ण परमहंस]]रामकृष्ण परमहंस [[भारत]] के एक महान संत एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर ज़ोर दिया था। [[रामकृष्ण परमहंस]] ने [[पश्चिम बंगाल]] के हुगली ज़िले में कामारपुकुर नामक ग्राम के एक दीन एवं धर्मनिष्ठ परिवार में 18 फ़रवरी, सन 1836 ई. में जन्म लिया था। बाल्यावस्था में वह 'गदाधर चट्टोपाध्याय' के नाम से प्रसिद्ध थे। गदाधर के [[पिता]] खुदीराम चट्टोपाध्याय निष्ठावान ग़रीब [[ब्राह्मण]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामकृष्ण परमहंस]] | ||
{' | {'शिकागो विश्व धर्म पार्लियामेंट', जिसमें [[विवेकानन्द]] ने भाग लिया था, का आयोजन कब हुआ था? | ||
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-सितम्बर, 1890 ई. | -सितम्बर, 1890 ई. | ||
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||[[चित्र:Khwaja-Garib-Nawaz-Dargah.jpg|right|120px|ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]]अजमेर में 13वीं शताब्दी से ही उर्स मनाया जाता है। उर्स के समय [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]] को [[सोना|सोने]]-[[चांदी]] के [[आभूषण|आभूषणों]] से सजाया जाता है। उर्स को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की पुण्य तिथि के रूप में मनाया जाता है। उर्स सितंबर-अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। उस समय भी [[अजमेर]] में थोडी गर्मी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अजमेर]] | ||[[चित्र:Khwaja-Garib-Nawaz-Dargah.jpg|right|120px|ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]]अजमेर में 13वीं शताब्दी से ही उर्स मनाया जाता है। उर्स के समय [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]] को [[सोना|सोने]]-[[चांदी]] के [[आभूषण|आभूषणों]] से सजाया जाता है। उर्स को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की पुण्य तिथि के रूप में मनाया जाता है। उर्स सितंबर-अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। उस समय भी [[अजमेर]] में थोडी गर्मी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अजमेर]] | ||
{ | {उत्तरवैदिक काल के [[वेद]] विरोधी और [[ब्राह्मण]] विरोधी अध्यापकों को किस नाम से जाना जाता था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -यजमान | ||
- | +श्रमण | ||
- | -अथर्वन | ||
-श्रेष्ठिन | |||
{[[सिक्ख|सिक्खों]] के किस गुरु का जन्म [[पटना]] में हुआ था? | {[[सिक्ख|सिक्खों]] के किस गुरु का जन्म [[पटना]] में हुआ था? |
11:07, 21 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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