"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{दक्षिणी गोलार्द्ध में [[वर्ष]] का सबसे छोटा दिन कौन-सा होता है? | {दक्षिणी गोलार्द्ध में [[वर्ष]] का सबसे छोटा दिन कौन-सा होता है? | ||
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-[[23 जून]] | -[[23 जून]] | ||
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-[[21 मार्च]] | -[[21 मार्च]] | ||
{[[21 दिसम्बर]] को [[सूर्य]] ठीक किस रेखा के ऊपर होता है? | {[[21 दिसम्बर]] को [[सूर्य]] ठीक किस रेखा के ऊपर होता है? | ||
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||'मकर रेखा' दक्षिणी गोलार्द्ध में [[भूमध्य रेखा]] के समानांतर 23° 23' 22" पर, पश्चिम से पूरब की और खींची गई काल्पनिक रेखा है। [[मकर रेखा]] के उत्तर में तथा [[कर्क रेखा]] के दक्षिण मे स्थित क्षेत्र उष्ण-कटिबन्धीय क्षेत्र कहलाता है। [[22 दिसम्बर]] को [[सूर्य]] जब मकर रेखा पर लम्बवत चमकता है तो इस स्थिति को [[मकर संक्रांति]] कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मकर रेखा]] | ||'मकर रेखा' दक्षिणी गोलार्द्ध में [[भूमध्य रेखा]] के समानांतर 23° 23' 22" पर, पश्चिम से पूरब की और खींची गई काल्पनिक रेखा है। [[मकर रेखा]] के उत्तर में तथा [[कर्क रेखा]] के दक्षिण मे स्थित क्षेत्र उष्ण-कटिबन्धीय क्षेत्र कहलाता है। [[22 दिसम्बर]] को [[सूर्य]] जब मकर रेखा पर लम्बवत चमकता है तो इस स्थिति को [[मकर संक्रांति]] कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मकर रेखा]] | ||
{वे हवाएँ जो ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं, उन्हें क्या कहते हैं? | {वे हवाएँ जो ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं, उन्हें क्या कहते हैं? | ||
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-प्राथमिक पवनें | -प्राथमिक पवनें | ||
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-ऋतुनिष्ठ पवनें | -ऋतुनिष्ठ पवनें | ||
{किस [[ग्रह]] को जलग्रह अथवा नीला ग्रह कहा जाता है? | {किस [[ग्रह]] को जलग्रह अथवा नीला ग्रह कहा जाता है? | ||
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-[[बुध ग्रह|बुध]] | -[[बुध ग्रह|बुध]] | ||
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||[[चित्र:Earth.png|right|100px|पृथ्वी]]'पृथ्वी' आकार में पांचवां सबसे बड़ा [[ग्रह]] है और [[सूर्य]] से दूरी के क्रम में यह तीसरा ग्रह है। यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है। आकार एवं बनावट की दृष्टि से [[पृथ्वी]] [[शुक्र ग्रह]] के समान है। [[जल]] की अत्यधिक उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से [[नीला रंग|नीला]] दिखाई देने के कारण इसे 'नीला ग्रह' भी कहा जाता है। पृथ्वी की उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी, जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है। [[चन्द्रमा]] पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] | ||[[चित्र:Earth.png|right|100px|पृथ्वी]]'पृथ्वी' आकार में पांचवां सबसे बड़ा [[ग्रह]] है और [[सूर्य]] से दूरी के क्रम में यह तीसरा ग्रह है। यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है। आकार एवं बनावट की दृष्टि से [[पृथ्वी]] [[शुक्र ग्रह]] के समान है। [[जल]] की अत्यधिक उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से [[नीला रंग|नीला]] दिखाई देने के कारण इसे 'नीला ग्रह' भी कहा जाता है। पृथ्वी की उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी, जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है। [[चन्द्रमा]] पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] | ||
{कौन-सा महासागर [[पृथ्वी]] का एक तिहाई भाग घेरता है? | {कौन-सा महासागर [[पृथ्वी]] का एक तिहाई भाग घेरता है? | ||
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-अटलांटिक महासागर | -अटलांटिक महासागर | ||
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||[[चित्र:Prashant-Mahasagar.JPG|right|120px|प्रशांत महासागर]]'प्रशांत महासागर' विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा [[समुद्र]] है। तुलनात्मक भौगौलिक अध्ययन से पता चलता है कि इस महासागर में [[पृथ्वी]] का भाग कम तथा जलीय क्षेत्र अधिक है। वैज्ञानिक अन्वेषकों तथा साहसिक नाविकों द्वारा इस महासागर के विषय में ज्ञान प्राप्त करने के अनेक प्रयत्न किए गए तथा अब भी इसका अध्ययन जारी है। [[प्रशांत महासागर]] का वह भाग, जो [[कर्क रेखा]] तथा [[मकर रेखा]] के मध्य में है, 'मध्य प्रशान्त महासागर' कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रशांत महासागर]] | ||[[चित्र:Prashant-Mahasagar.JPG|right|120px|प्रशांत महासागर]]'प्रशांत महासागर' विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा [[समुद्र]] है। तुलनात्मक भौगौलिक अध्ययन से पता चलता है कि इस महासागर में [[पृथ्वी]] का भाग कम तथा जलीय क्षेत्र अधिक है। वैज्ञानिक अन्वेषकों तथा साहसिक नाविकों द्वारा इस महासागर के विषय में ज्ञान प्राप्त करने के अनेक प्रयत्न किए गए तथा अब भी इसका अध्ययन जारी है। [[प्रशांत महासागर]] का वह भाग, जो [[कर्क रेखा]] तथा [[मकर रेखा]] के मध्य में है, 'मध्य प्रशान्त महासागर' कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रशांत महासागर]] | ||
{किस महासागर की आकृति [[अंग्रेज़ी भाषा]] के अक्षर 'S' की आकृति से मिलती है? | {किस महासागर की आकृति [[अंग्रेज़ी भाषा]] के अक्षर 'S' की आकृति से मिलती है? | ||
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+अटलांटिक महासागर | +अटलांटिक महासागर | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{किस विश्व प्रसिद्ध विद्वान को 'आधुनिक मानव भूगोल' का जनक कहा जाता है? | {किस विश्व प्रसिद्ध विद्वान को 'आधुनिक मानव भूगोल' का जनक कहा जाता है? | ||
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-एलेन सेंपल | -एलेन सेंपल | ||
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-एल्सवर्थ हंटिग्टन | -एल्सवर्थ हंटिग्टन | ||
{विश्व के किस देश में अनुमानत: संसार का सबसे बड़ा [[लौह अयस्क]] का भंडार है? | {विश्व के किस देश में अनुमानत: संसार का सबसे बड़ा [[लौह अयस्क]] का भंडार है? | ||
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-[[संयुक्त राज्य अमरीका]] | -[[संयुक्त राज्य अमरीका]] | ||
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+[[रूस]] | +[[रूस]] | ||
{संसार की लगभग आधी जनसंख्या का मुख्य भोजन क्या है? | {संसार की लगभग आधी जनसंख्या का मुख्य भोजन क्या है? | ||
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-[[गेहूँ]] | -[[गेहूँ]] | ||
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||[[चित्र:Rice.jpg|right|100px|चावल]]'चावल' विश्व की दूसरी सर्वाधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाने वाली फ़सल है। विश्व में लगभग 15 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर 45 करोड़ टन [[चावल]] का उत्पादन होता है। [[भारत]] विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ पर विश्व के कुल उत्पादन का 20% चावल पैदा किया जाता है। भारत में चावल उत्पादक राज्यों में [[पश्चिम बंगाल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[आन्ध्र प्रदेश]], [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]], [[उड़ीसा]], [[असम]] तथा [[पंजाब]] है। यह [[दक्षिणी भारत]] और [[पूर्वी भारत]] के राज्यों का मुख्य भोजन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चावल]] | ||[[चित्र:Rice.jpg|right|100px|चावल]]'चावल' विश्व की दूसरी सर्वाधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाने वाली फ़सल है। विश्व में लगभग 15 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर 45 करोड़ टन [[चावल]] का उत्पादन होता है। [[भारत]] विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ पर विश्व के कुल उत्पादन का 20% चावल पैदा किया जाता है। भारत में चावल उत्पादक राज्यों में [[पश्चिम बंगाल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[आन्ध्र प्रदेश]], [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]], [[उड़ीसा]], [[असम]] तथा [[पंजाब]] है। यह [[दक्षिणी भारत]] और [[पूर्वी भारत]] के राज्यों का मुख्य भोजन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चावल]] | ||
{[[भारत]] का वह कौन-सा एकमात्र राज्य है, जहाँ [[कहवा]] उगाया जाता है? | {[[भारत]] का वह कौन-सा एकमात्र राज्य है, जहाँ [[कहवा]] उगाया जाता है? | ||
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-[[तमिलनाडु]] | -[[तमिलनाडु]] | ||
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||[[चित्र:Coffee-Beans.jpg|right|100px|कॉफी के बीज]][[दक्षिण भारत]] में स्थित [[कर्नाटक]] [[भारत]] के बड़े राज्यों में से एक है। यहाँ की लगभग 70 प्रतिशत जनता [[कृषि]] कार्य में लगी हुई है। तटीय मैदान में सघन खेती होती है, जहाँ प्रमुख खाद्यान्न फ़सल [[चावल]] और प्रमुख नकदी [[गन्ना]] है। अन्य प्रमुख फ़सलों में [[ज्वार]] और रागी शामिल हैं। अन्य नकदी फ़सलों में काजू, [[इलायची]], सुपारी और [[अंगूर]] प्रमुख हैं। पश्चिमी घाट की ठंडी ढलानों पर [[कॉफी]] (कहवा) और [[चाय]] के बागान हैं। पूर्वी क्षेत्र में सिंचाई के कारण गन्ने और अल्प मात्रा में [[रबड़]], [[केला]] व [[संतरा]] जैसे [[फल|फलों]] की खेती संभव हो सकी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]] | ||[[चित्र:Coffee-Beans.jpg|right|100px|कॉफी के बीज]][[दक्षिण भारत]] में स्थित [[कर्नाटक]] [[भारत]] के बड़े राज्यों में से एक है। यहाँ की लगभग 70 प्रतिशत जनता [[कृषि]] कार्य में लगी हुई है। तटीय मैदान में सघन खेती होती है, जहाँ प्रमुख खाद्यान्न फ़सल [[चावल]] और प्रमुख नकदी [[गन्ना]] है। अन्य प्रमुख फ़सलों में [[ज्वार]] और रागी शामिल हैं। अन्य नकदी फ़सलों में काजू, [[इलायची]], सुपारी और [[अंगूर]] प्रमुख हैं। पश्चिमी घाट की ठंडी ढलानों पर [[कॉफी]] (कहवा) और [[चाय]] के बागान हैं। पूर्वी क्षेत्र में सिंचाई के कारण गन्ने और अल्प मात्रा में [[रबड़]], [[केला]] व [[संतरा]] जैसे [[फल|फलों]] की खेती संभव हो सकी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]] | ||
{[[गंगा]] की सहायक नदी [[हुगली नदी|हुगली]] पर स्थित [[कोलकाता]] किस प्रकार का पत्तन है? | {[[गंगा]] की सहायक नदी [[हुगली नदी|हुगली]] पर स्थित [[कोलकाता]] किस प्रकार का पत्तन है? | ||
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+आंतरिक पत्तन | +आंतरिक पत्तन | ||
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-वाणिज्यिक पत्तन | -वाणिज्यिक पत्तन | ||
{'इंडिया' शब्द की व्युत्पत्ति किस नदी के नाम पर हुई है? | {'इंडिया' शब्द की व्युत्पत्ति किस नदी के नाम पर हुई है? | ||
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-[[गंगा नदी]] | -[[गंगा नदी]] | ||
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||[[चित्र:Sindhu-River-1.jpg|right|120px|सिन्धु नदी]]वैदिक संस्कृति में [[सिंधु नदी]] का उल्लेख अत्यंत श्रद्धा के साथ किया जाता है। [[तिब्बत]], [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] से होकर बहने वाली इस नदी में कई अन्य नदियाँ मिलती हैं, जिनमे [[काबुल नदी]], स्वात, [[झेलम नदी|झेलम]], [[चिनाब नदी|चिनाब]], [[रावी नदी|रावी]] और [[सतलुज नदी|सतलुज]] मुख्य हैं। 'सिंधु' शब्द से प्राचीन [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] का 'हिन्दू' शब्द बना है, क्योंकि यह नदी भारत की पश्चिमी सीमा पर बहती थी और सीमा के पार से आने वाली जातियों के लिए सिंधु नदी को पार करने का अर्थ भारत में प्रवेश करना था। [[यूनानी|यूनानियों]] ने इसी आधार पर सिंध को 'इंडस' और भारत को 'इंडिया' नाम दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिंधु नदी]] | ||[[चित्र:Sindhu-River-1.jpg|right|120px|सिन्धु नदी]]वैदिक संस्कृति में [[सिंधु नदी]] का उल्लेख अत्यंत श्रद्धा के साथ किया जाता है। [[तिब्बत]], [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] से होकर बहने वाली इस नदी में कई अन्य नदियाँ मिलती हैं, जिनमे [[काबुल नदी]], स्वात, [[झेलम नदी|झेलम]], [[चिनाब नदी|चिनाब]], [[रावी नदी|रावी]] और [[सतलुज नदी|सतलुज]] मुख्य हैं। 'सिंधु' शब्द से प्राचीन [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] का 'हिन्दू' शब्द बना है, क्योंकि यह नदी भारत की पश्चिमी सीमा पर बहती थी और सीमा के पार से आने वाली जातियों के लिए सिंधु नदी को पार करने का अर्थ भारत में प्रवेश करना था। [[यूनानी|यूनानियों]] ने इसी आधार पर सिंध को 'इंडस' और भारत को 'इंडिया' नाम दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिंधु नदी]] | ||
{[[कैलाश पर्वत]] और मानसरोवर झील कहाँ स्थित है? | {[[कैलाश पर्वत]] और मानसरोवर झील कहाँ स्थित है? | ||
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-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
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||[[चित्र:Tsaparang-Guge-Tibet.jpg|right|120px|सपरंग गुज, तिब्बत]][[तिब्बत]] और [[भारत]] के बीच सांस्कृतिक सम्बन्धों का लम्बा [[इतिहास]] है। [[1890]] ई. में तिब्बत और [[सिक्किम]] का सीमा-निर्धारण [[चीन]] और [[ब्रिटेन]] के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत किया गया। [[1917]] की राज्यक्रान्ति के बाद [[रूस]] में जो परिवर्तन हुए तथा चीन में जो अव्यवस्था क़ायम रही, उसके कारण तिब्बत में ब्रिटिश हितों पर किसी विदेशी शत्रु के द्वारा आघात किए जाने का ख़तरा समाप्त हो गया और अगले बीस वर्षों तक तिब्बत और भारत की सरकारों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रहे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तिब्बत]] | ||[[चित्र:Tsaparang-Guge-Tibet.jpg|right|120px|सपरंग गुज, तिब्बत]][[तिब्बत]] और [[भारत]] के बीच सांस्कृतिक सम्बन्धों का लम्बा [[इतिहास]] है। [[1890]] ई. में तिब्बत और [[सिक्किम]] का सीमा-निर्धारण [[चीन]] और [[ब्रिटेन]] के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत किया गया। [[1917]] की राज्यक्रान्ति के बाद [[रूस]] में जो परिवर्तन हुए तथा चीन में जो अव्यवस्था क़ायम रही, उसके कारण तिब्बत में ब्रिटिश हितों पर किसी विदेशी शत्रु के द्वारा आघात किए जाने का ख़तरा समाप्त हो गया और अगले बीस वर्षों तक तिब्बत और भारत की सरकारों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रहे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तिब्बत]] | ||
{निम्न में से किस नदी में 'गेवियलिस' (घड़ियाल) बहुतायत में पाया जाता है? | {निम्न में से किस नदी में 'गेवियलिस' (घड़ियाल) बहुतायत में पाया जाता है? | ||
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-[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] | -[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] | ||
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||[[चित्र:Garwhal-Gangotri-Waterfall.jpg|right|100px|गंगोत्री झरना, गढ़वाल]]'गंगा नदी' विश्व में अपनी शुद्धीकरण क्षमता के कारण जानी जाती है। लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धीकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस [[गंगा]] के जल में [[बैक्टीरियोफेज]] नामक [[विषाणु]] होते हैं, जो [[जीवाणु|जीवाणुओं]] व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते। अब गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए घड़ियालों की मदद ली जा रही है, जिनकी संख्या इस नदी में बहुत अधिक है। शहर की गंदगी को साफ करने के लिए संयंत्रों को लगाया जा रहा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गंगा]] | ||[[चित्र:Garwhal-Gangotri-Waterfall.jpg|right|100px|गंगोत्री झरना, गढ़वाल]]'गंगा नदी' विश्व में अपनी शुद्धीकरण क्षमता के कारण जानी जाती है। लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धीकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस [[गंगा]] के जल में [[बैक्टीरियोफेज]] नामक [[विषाणु]] होते हैं, जो [[जीवाणु|जीवाणुओं]] व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते। अब गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए घड़ियालों की मदद ली जा रही है, जिनकी संख्या इस नदी में बहुत अधिक है। शहर की गंदगी को साफ करने के लिए संयंत्रों को लगाया जा रहा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गंगा]] | ||
{[[राजस्थान]] के किस ज़िले में तेल एवं प्राकृतिक गैस की संभावनाएँ अच्छी हैं? | {[[राजस्थान]] के किस ज़िले में तेल एवं प्राकृतिक गैस की संभावनाएँ अच्छी हैं? | ||
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-[[बाड़मेर|बाड़मेर]] | -[[बाड़मेर|बाड़मेर]] | ||
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||[[चित्र:Nachana-Haveli-Jaisalmer-4.jpg|right|100px|नाचना हवेली, जैसलमेर]]जैसलमेर शहर ऊन, नमक, मुलतानी मिट्टी, ऊँट और भेड़ का व्यापार करने वाले कारवाँ का प्रमुख केंद्र है। मध्यकाल में यह शहर एक प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध था। यहाँ से होकर सौदाग़रों का कारवाँ सुदूर [[अफ़ग़ानिस्तान]] से भी आगे तक जाता और वहाँ से आता था। वह काल तो इस नगरी के उत्थान का 'स्वर्णकाल' था और इस नगरी के साथ पूरे क्षेत्र में अतीत का प्रभाव झलकता दिखाई दे रहा है। [[ज्वार]] और [[बाजरा]] यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैसलमेर]] | ||[[चित्र:Nachana-Haveli-Jaisalmer-4.jpg|right|100px|नाचना हवेली, जैसलमेर]]जैसलमेर शहर ऊन, नमक, मुलतानी मिट्टी, ऊँट और भेड़ का व्यापार करने वाले कारवाँ का प्रमुख केंद्र है। मध्यकाल में यह शहर एक प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध था। यहाँ से होकर सौदाग़रों का कारवाँ सुदूर [[अफ़ग़ानिस्तान]] से भी आगे तक जाता और वहाँ से आता था। वह काल तो इस नगरी के उत्थान का 'स्वर्णकाल' था और इस नगरी के साथ पूरे क्षेत्र में अतीत का प्रभाव झलकता दिखाई दे रहा है। [[ज्वार]] और [[बाजरा]] यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैसलमेर]] | ||
{पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और दक्षिणी पहाड़ियों का मिलन स्थल है- | {पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और दक्षिणी पहाड़ियों का मिलन स्थल है- | ||
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-[[महेन्द्रगिरि चोटी|महेन्द्रगिरि]] | -[[महेन्द्रगिरि चोटी|महेन्द्रगिरि]] |
07:55, 21 जून 2012 का अवतरण
भूगोल सामान्य ज्ञान
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