"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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{प्रथमत: [[सौरमण्डल]] के बारे में विश्व के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करने का श्रेय निम्न में से किस विद्वान को है? | {प्रथमत: [[सौरमण्डल]] के बारे में विश्व के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करने का श्रेय निम्न में से किस विद्वान को है? | ||
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||[[चित्र: | ||[[चित्र:Nicolaus-Copernicus.jpg|100px|कॉपरनिकस]]निकोलस कॉपरनिकस प्रसिद्ध यूरोपीय खगोलशास्त्री व गणितज्ञ थे। उनको 'आधुनिक खगोल विज्ञान का संस्थापक' माना जाता है। [[निकोलस कॉपरनिकस]] ने ही सर्वप्रथम यह क्रांतिकारी सूत्र दिया था कि [[पृथ्वी]] अंतरिक्ष के केन्द्र में नहीं है। उन्होंने यह सिद्धांत दिया कि सभी [[ग्रह]] [[सूर्य]] के चारों ओर घूमते हैं। [[सौरमण्डल]] की समस्त [[ऊर्जा]] का स्रोत भी सूर्य ही है। सन 1530 में कॉपरनिकस ने अपनी रचना "डि रिवोल्यूशन्स' पूरी की, जिसमें कहा गया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर रोज़ एक चक्कर लगाती है और सूर्य का चक्कर लगाने में उसे एक [[वर्ष]] का समय लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सौरमण्डल]] | ||
{'सिमोन' नामक हवाएँ किस [[रेगिस्तान]] में बहती हैं? | {'सिमोन' नामक हवाएँ किस [[रेगिस्तान]] में बहती हैं? |
09:59, 18 मार्च 2013 का अवतरण
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