"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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+[[सी. राजगोपालाचारी]] | +[[सी. राजगोपालाचारी]] | ||
-[[बारीन्द्र कुमार घोष]] | -[[बारीन्द्र कुमार घोष]] | ||
||[[चित्र:Chakravarthi-Rajagopalachari.jpg|right|100px|सी. राजगोपालाचारी]]'चक्रवर्ती राजगोपालाचारी' भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे, जो "राजाजी" के नाम से भी जाने जाते हैं। [[सी. राजगोपालाचारी|राजगोपालाचारी]] वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। वे स्वतन्त्र [[भारत]] के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे। जब [[1946]] में देश की अंतरिम सरकार बनी तो उन्हें केन्द्र सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया था। [[1947]] में देश के पूर्ण स्वतंत्र होने पर उन्हें [[बंगाल]] का [[राज्यपाल]] नियुक्त किया गया। इसके अगले ही [[वर्ष]] वह स्वतंत्र भारत के प्रथम 'गवर्नर जनरल' जैसे अति महत्त्वपूर्ण पद पर नियुक्त किए गये। सन् [[1950]] में वे पुन: केन्द्रीय मंत्रिमंडल में ले लिए गये। इसी वर्ष [[सरदार वल्लभ भाई पटेल]] की मृत्यु होने पर वे केन्द्रीय गृह मंत्री बनाये गये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सी. राजगोपालाचारी]] | |||
{'[[हड़प्पा सभ्यता]]' का एक अंग [[कालीबंगा]] कहाँ स्थित है?(पृ.सं. 178 | {'[[हड़प्पा सभ्यता]]' का एक अंग [[कालीबंगा]] कहाँ स्थित है?(पृ.सं. 178 | ||
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-[[सिन्ध प्रांत|सिन्ध]] | -[[सिन्ध प्रांत|सिन्ध]] | ||
-[[पंजाब]] | -[[पंजाब]] | ||
||[[चित्र:Kalibanga.jpg|right|100px|कालीबंगा के अवशेष]]'राजस्थान' [[भारत|भारत गणराज्य]] के क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में [[पाकिस्तान]], दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]], दक्षिण-पूर्व में [[मध्य प्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तर प्रदेश]] और [[हरियाणा]] राज्य हैं। [[राजस्थान]] में [[काला रंग|काले]], [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]], [[भूरा रंग|भूरे]] तथा हल्के [[सलेटी रंग|सलेटी]], [[हरा रंग|हरे]], [[गुलाबी रंग|गुलाबी]] पत्थर से बनी मूर्तियों के अतिरिक्त [[पीतल]] या [[धातु]] की मूर्तियाँ भी प्राप्त होती हैं। [[गंगानगर ज़िला|गंगानगर ज़िले]] के [[कालीबंगा]] तथा [[उदयपुर]] के निकट आहड़-सभ्यता की खुदाई में पकी हुई [[मिट्टी]] से बनाई हुई खिलौनाकृति की मूर्तियाँ भी मिलती हैं। [[राजस्थान]] में [[गुप्त]] शासकों के प्रभावस्वरूप गुप्त शैली में निर्मित मूर्तियाँ, आभानेरी, कामवन तथा [[कोटा राजस्थान|कोटा]] में कई स्थलों पर उपलब्ध हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजस्थान]], [[कालीबंगा]] | |||
{किस शासक को '[[कैलाशनाथ मन्दिर कांचीपुरम|काँची कैलाश मन्दिर]]' एवं '[[मामल्लपुरम]]' में मन्दिर के निर्माण का श्रेय जाता है? (पृ.सं. 172 | {किस शासक को '[[कैलाशनाथ मन्दिर कांचीपुरम|काँची कैलाश मन्दिर]]' एवं '[[मामल्लपुरम]]' में मन्दिर के निर्माण का श्रेय जाता है? (पृ.सं. 172 | ||
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-[[परमेश्वर वर्मन द्वितीय]] | -[[परमेश्वर वर्मन द्वितीय]] | ||
-[[महेन्द्र पाल|महेन्द पाल प्रथम]] | -[[महेन्द्र पाल|महेन्द पाल प्रथम]] | ||
||नरसिंह वर्मन द्वितीय का समय सांस्कृतिक उपलब्धियों का रहा है। उसके महत्त्वपूर्ण निर्माण कार्यो में [[महाबलीपुरम]] का समुद्र तटीय मंदिर, [[कैलाशनाथार मंदिर कांची|कांची का कैलाशनाथार मंदिर]] एवं 'ऐरावतेश्वर मंदिर' की गणना की जाती है। [[परमेश्वर वर्मन प्रथम]] के प्रताप और पराक्रम से [[पल्लव वंश|पल्लवों]] की शक्ति इतनी बढ़ गई थी, कि जब सातवीं [[सदी]] के अन्त में उसकी मृत्यु के बाद [[नरसिंह वर्मन द्वितीय]] [[कांची]] के राजसिंहासन पर आरूढ़ हुआ, तो उसे किसी बड़े युद्ध में जुझने की आवश्यकता नहीं हुई। 'राजसिंह', 'आगमप्रिय' एवं 'शंकर भक्त' की सर्वप्रिय उपाधियाँ नरसिंह वर्मन द्वितीय ने धारण की थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नरसिंह वर्मन द्वितीय]] | |||
{[[दिल्ली]] की राजगद्दी पर [[अफ़ग़ान]] शासकों के शासन का निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है? (पृ.सं. 30 | {[[दिल्ली]] की राजगद्दी पर [[अफ़ग़ान]] शासकों के शासन का निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है? (पृ.सं. 30 |
06:47, 10 जून 2013 का अवतरण
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