"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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-[[मिश्रित ज्वालामुखी]] | -[[मिश्रित ज्वालामुखी]] | ||
||[[चित्र:Volcano.jpg|right|80px|ज्वालामुखी]]'सक्रिय ज्वालामुखी' उन [[ज्वालामुखी]] पर्वतों को कहा जाता है, जिनमें अक्सर उदगार (विस्फोट) होता रहता है। क्योंकि ये ज्वालामुखी सदैव ही क्रियाशील रहते हैं, इसीलिए इन्हें '[[सक्रिय ज्वालामुखी]]' कहा जाता है। वर्तमान समय में विश्व में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या लगभग 500 है। इन ज्वालामुखियों में प्रमुख हैं, [[इटली]] का 'एटना' तथा 'स्ट्राम्बोली'। स्ट्राम्बोली [[भूमध्य सागर]] में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर स्थित है। विश्व की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी 'ओजस डेड सालाडो' (6885 मीटर) [[एण्डीज पर्वत|एण्डीज पर्वतमाला]] में अर्जेन्टीना–चिली देश की सीमा पर स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सक्रिय ज्वालामुखी]] | ||[[चित्र:Volcano.jpg|right|80px|ज्वालामुखी]]'सक्रिय ज्वालामुखी' उन [[ज्वालामुखी]] पर्वतों को कहा जाता है, जिनमें अक्सर उदगार (विस्फोट) होता रहता है। क्योंकि ये ज्वालामुखी सदैव ही क्रियाशील रहते हैं, इसीलिए इन्हें '[[सक्रिय ज्वालामुखी]]' कहा जाता है। वर्तमान समय में विश्व में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या लगभग 500 है। इन ज्वालामुखियों में प्रमुख हैं, [[इटली]] का 'एटना' तथा 'स्ट्राम्बोली'। स्ट्राम्बोली [[भूमध्य सागर]] में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर स्थित है। विश्व की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी 'ओजस डेड सालाडो' (6885 मीटर) [[एण्डीज पर्वत|एण्डीज पर्वतमाला]] में अर्जेन्टीना–चिली देश की सीमा पर स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सक्रिय ज्वालामुखी]] | ||
{[[हिमालय]] का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है?(भारतकोश) | |||
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-[[गंगा]] | |||
+[[यमुना]] | |||
-[[नीलांजना नदी|नीलांजना]] | |||
-[[रामगंगा नदी|रामगंगा]] | |||
||[[चित्र:Yamuna-Mathura-7.jpg|right|100px|यमुना नदी]][[भारत]] के उत्तर में [[हिमालय पर्वत]] स्थित है। इसकी एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी [[उत्तराखण्ड]] के [[टिहरी गढ़वाल ज़िला|टिहरी गढ़वाल ज़िले]] में है। इसकी ऊँचाई लगभग 20,731 फुट है। इसे '[[सुमेरु पर्वत|सुमेरु]]' भी कहते हैं। इसके एक भाग का नाम 'कलिन्द' है। यहीं से [[यमुना नदी]] निकलती है। इसी से यमुना का नाम 'कलिंदजा' और 'कालिंदी' भी है। दोनों शब्दों का अर्थ 'कलिन्द की बेटी' होता है। यह जगह बहुत ही सुन्दर है, किंतु यहाँ पहुँचना और भी कठिन है। अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई यमुना की धारा [[यमुनोत्री|यमुनोत्तरी पर्वत]] से प्रकट होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यमुना नदी]], [[हिमालय]] | |||
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14:03, 23 जुलाई 2013 का अवतरण
भूगोल सामान्य ज्ञान
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