"प्रयोग:कविता सा.-1": अवतरणों में अंतर
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-असित हल्दर | -असित हल्दर | ||
-अमृता शेरगिल | -[[अमृता शेरगिल]] | ||
+अबनीन्द्रनाथ टैगोर | +[[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
- | -[[अंजलि इला मेनन]] | ||
||'भारतमाता' अबनीन्द्रनाथ टैगोर की रचना है। उल्लेखनीय है कि 'भारतमाता' ही वह पेंटिंग है जिसे सिस्टर निवेदिता कश्मीर से कन्याकुमारी तक लेकर जाना चाहतीं थीं। | ||'भारतमाता' [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] की रचना है। उल्लेखनीय है कि 'भारतमाता' ही वह पेंटिंग है जिसे सिस्टर निवेदिता कश्मीर से कन्याकुमारी तक लेकर जाना चाहतीं थीं। | ||
{'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि का संबंध है(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-24 | {'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि का संबंध है(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-24 | ||
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-शास्त्रीय संगीत से | -[[शास्त्रीय संगीत]] से | ||
-भारतीय नृत्य शैलियों से | -भारतीय नृत्य शैलियों से | ||
-मुगल कालीन भवन निर्माण कला से | -मुगल कालीन भवन निर्माण कला से | ||
+चित्रकारी से | +चित्रकारी से | ||
||'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि शैलियों का संबंध चित्रकला से है। | ||'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि शैलियों का संबंध [[चित्रकला]] से है। | ||
{शाहजहाँ काल की चित्रकला में चित्रित लघु चित्रों में अधिक चित्रित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-73 | {शाहजहाँ काल की [[चित्रकला]] में चित्रित लघु चित्रों में अधिक चित्रित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-73 | ||
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-युद्ध दृश्य | -युद्ध दृश्य | ||
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||शाहजहाँ काल की चित्रशाला में चित्रित लघु चित्रो में रंगमहल और काम क्रीड़ा या रति संबंधी दृश्यों पर आधारित चित्र अधिक संख्या में बनाए गये। | ||शाहजहाँ काल की चित्रशाला में चित्रित लघु चित्रो में रंगमहल और काम क्रीड़ा या रति संबंधी दृश्यों पर आधारित चित्र अधिक संख्या में बनाए गये। | ||
{'लाल पुष्प' किस | {'लाल पुष्प' किस मुग़ल कलाकार का चित्र है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-52 | ||
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-गोवर्धन | -गोवर्धन | ||
-अबुल हसन | -[[अबुल हसन]] | ||
-किसन दास | -किसन दास | ||
+उस्ताद मंसूर | +[[उस्ताद मंसूर]] | ||
||पुष्पों की चित्रकारी में मंसूर को महारत हासिल थी। 'लाल पुष्पों की बहार' का चित्र उसके सर्वोत्तम चित्रों में से एक है। | ||पुष्पों की चित्रकारी में [[उस्ताद मंसूर]] को महारत हासिल थी। 'लाल पुष्पों की बहार' का चित्र उसके सर्वोत्तम चित्रों में से एक है। | ||
{कंपनी शैली के प्रसिद्ध कलाकार कौन थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-8 | {कंपनी शैली के प्रसिद्ध कलाकार कौन थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-8 | ||
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{असित हल्दर किस आर्ट कॉलेज के प्रिंसिपल थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-1 | {असित हल्दर किस आर्ट कॉलेज के प्रिंसिपल थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-1 | ||
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-पटना | -[[पटना]] | ||
-कलकत्ता | -[[कलकत्ता]] | ||
+लखनऊ | +[[लखनऊ]] | ||
-दिल्ली | -[[दिल्ली]] | ||
||असित कुमार हल्दर वर्ष 1925 में लखनऊ कला विद्यालय के प्रिंसिपल हुए। हल्दर इस विद्यालय के प्रथम भारतीय प्रिंसिपल (प्राचार्य) थे। इससे पूर्व असित कुमार हल्दर शांतिनिकेतन के कला भवन के प्रधानाचार्य और महाराजा स्कूल ऑफ आर्ट के प्रधान शिक्षक रह चुके थे। | ||असित कुमार हल्दर वर्ष 1925 में [[लखनऊ]] कला विद्यालय के प्रिंसिपल हुए। हल्दर इस विद्यालय के प्रथम भारतीय प्रिंसिपल (प्राचार्य) थे। इससे पूर्व असित कुमार हल्दर [[शांतिनिकेतन]] के कला भवन के प्रधानाचार्य और महाराजा स्कूल ऑफ आर्ट के प्रधान शिक्षक रह चुके थे। | ||
{इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3 | {[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3 | ||
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-एल. एम. सेन | -एल. एम. सेन | ||
-ए. के हल्दर | -ए. के हल्दर | ||
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार | +क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार | ||
-जामिनी राय | -[[जामिनी राय]] | ||
||इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग की स्थापना क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने की थी? | ||[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने की थी? | ||
{'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9 | {'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9 | ||
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-रणवीर सिंह विष्ट | -रणवीर सिंह विष्ट | ||
-नंदलाल बोस | -[[नंदलाल बोस]] | ||
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार | +क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार | ||
-ललित मोहन सेन | -ललित मोहन सेन | ||
|| | ||क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने वैष्णव संत चैतन्य के जीवन से कई दृश्यों को चित्रित किया है जिनमें 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था' चित्र भी शामिल है जो वाश पेपर एवं जलरंग से चित्रित है। | ||
{'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12 | {'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12 | ||
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||'मणिकुट्टिम पद्धति' में संगमरमर का प्रयोग किया जाता है। | ||'मणिकुट्टिम पद्धति' में संगमरमर का प्रयोग किया जाता है। | ||
{'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49 | {'अंतिम भोज' चित्र के [[चित्रकार]] का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49 | ||
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-माइकेल एंजिलो | -माइकेल एंजिलो | ||
-रूबेन्स | -रूबेन्स | ||
+लियोनार्डो | +[[लियोनार्डो दा विंची]] | ||
-बोत्तिचेल्ली | -बोत्तिचेल्ली | ||
||'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार लियोनार्डो विंचीं है। | ||'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार लियोनार्डो विंचीं है। | ||
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||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं। | ||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं। | ||
{कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1 | {कौन यथार्थवादी [[चित्रकार]], चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1 | ||
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+दाउमियर | +दाउमियर | ||
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{'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16 | {'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16 | ||
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-एम. एफ. हुसैन | -[[एम. एफ. हुसैन]] | ||
+सल्वाडोर डॉली | +सल्वाडोर डॉली | ||
-पाब्लो पिकासो | -पाब्लो पिकासो | ||
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-रेम्ब्रां | -रेम्ब्रां | ||
-बोट्टीचेल्ली | -बोट्टीचेल्ली | ||
||कारावेजियो इटली के महान चित्रकार थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया। | ||कारावेजियो इटली के महान [[चित्रकार]] थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया। | ||
{'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34 | {'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34 | ||
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-पिसारो | -पिसारो | ||
+माइकेल एंजिलो | +माइकेल एंजिलो | ||
-लिओनार्डो | -[[लिओनार्डो दा विंची]] | ||
-गोया | -गोया | ||
||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया। | ||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया। | ||
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{भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47 | {भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47 | ||
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-रंग | -[[रंग]] | ||
-शीर्षक | -शीर्षक | ||
+रेखा | +रेखा | ||
-धर्म | -[[धर्म]] | ||
||चित्रकला के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल। | ||[[चित्रकला]] के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल। | ||
{जूट माध्यम से मूर्तिकला के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79 | {जूट माध्यम से [[मूर्तिकला]] के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79 | ||
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+मृणालनी मुखर्जी | +मृणालनी मुखर्जी | ||
-मीरा मुखर्जी | -मीरा मुखर्जी | ||
-गोगी सरोजपाल | -गोगी सरोजपाल | ||
- | -[[अंजलि इला मेनन]] | ||
||जूट के माध्यम से मूर्तिकला का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में मुंबई में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की। | ||जूट के माध्यम से [[मूर्तिकला]] का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में [[मुंबई]] में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की। | ||
{'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120 | {'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-दिल्ली में | -[[दिल्ली]] में | ||
+ | +[[मुंबई]] में | ||
- | -[[गुजरात]] में | ||
-लखनऊ में | -[[लखनऊ]] में | ||
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया। | ||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया। | ||
12:12, 19 मार्च 2018 का अवतरण
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