"अम्बकेश्वर महादेव मंदिर कैथल": अवतरणों में अंतर
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*ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर [[मोहम्मद गौरी]] से युद्ध के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। | *ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर [[मोहम्मद गौरी]] से युद्ध के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। | ||
*एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में [[शिवलिंग]] को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से | *एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में [[शिवलिंग]] को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से ख़ून निकला जिसे देखकर मुसलमान भयभीत हो गए। | ||
*आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं। | *आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं। | ||
*अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात [[काली]] देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है। | *अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात [[काली]] देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है। |
06:43, 8 जुलाई 2011 का अवतरण
- हरियाणा में स्थित कैथल एक पर्यटन स्थल है।
- ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर मोहम्मद गौरी से युद्ध के समय पृथ्वीराज चौहान की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
- एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से ख़ून निकला जिसे देखकर मुसलमान भयभीत हो गए।
- आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं।
- अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात काली देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है।
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