प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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||सन 1854 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के आक्रमण के बाद [[छत्तीसगढ़]] का महत्त्व बढ़ गया। सन 1904 में संबलपुर [[उड़ीसा]] में चला गया और '[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]]' रियासत [[बंगाल]] से छत्तीसगढ़ के पास आ गई। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और उड़ीसा से, पश्चिम में [[मध्य प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी [[झारखण्ड]] और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ का भू-भाग सम्पूर्ण [[भारत]] के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकर छत्तीसगढ़ राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का 9वाँ बड़ा राज्य है। जनसंख्या की दृष्टि से इस राज्य का 17वाँ स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] की [[गंगा]] मानी जाने वाली [[महानदी]] छत्तीसगढ़ में कितने किमी प्रवाहित होती है? | {[[छत्तीसगढ़]] की [[गंगा]] मानी जाने वाली [[महानदी]] छत्तीसगढ़ में कितने किमी. प्रवाहित होती है? | ||
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- | -340 किमी. | ||
+ | +286 किमी. | ||
- | -210 किमी. | ||
- | -478 किमी. | ||
{[[छत्तीसगढ़]] की कौन सी प्रमुख नदी है, जो | {[[छत्तीसगढ़]] की कौन-सी प्रमुख नदी है, जो 58.48% क्षेत्र का [[जल]] संग्रहण करती है? | ||
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-[[नर्मदा]] | -[[नर्मदा]] | ||
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+[[महानदी]] | +[[महानदी]] | ||
-[[इंद्रावती नदी|इंद्रावती]] | -[[इंद्रावती नदी|इंद्रावती]] | ||
||[[चित्र:Mahanadi.jpg | ||[[चित्र:Mahanadi.jpg|100px|right|महानदी, उड़ीसा]]'महानदी' मध्य [[भारत]] के मध्य [[छत्तीसगढ़]] राज्य की पहाड़ियों में [[सिहावा]] के पास से निकलती है। इस नदी को 'उड़ीसा का शोक' भी कहा जाता है, जिसका कारण इसकी बाढ़ विभीषिका है। [[उड़ीसा]] प्राचीन समय से ही बाढ़ और सूखे से ग्रसित रहा है। यह नदी 'छत्तीसगढ़ राज्य की गंगा' भी कही जाती है। इस नदी के द्वारा 58.48% क्षेत्र का [[जल]] संग्रहण किया जाता है। महानदी का ऊपरी प्रवाह उत्तर की ओर महत्त्वहीन धारा के रूप में होता है और छत्तीसगढ़ मैदान के पूर्वी हिस्से को अपवाहित करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महानदी]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] से कर्क रेखा | {निम्नलिखित में से [[छत्तीसगढ़]] के किस ज़िले से होकर 'कर्क रेखा' गुजरती है? | ||
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- | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
+ | +[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] | ||
- | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
- | -[[कोरबा ज़िला|कोरबा]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] की जलवायु में मानसूनी जलवायु की सभी विशेषताएँ हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश की जलवायु उष्ण-आर्द्र मानसून प्रकार की है, जिसे सामान्य बोलचाल में 'उष्ण-कटिबंधीय मानसूनी जलवायु' या 'शुष्क उप-आर्द्र' कहा जाता है। मानसून की दृष्टि से छत्तीसगढ़ शुष्क-आर्द्र मानसूनी जलवायु के अन्तर्गत आता है। 'कर्क रेखा' प्रदेश के उत्तरी भाग ([[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], [[कोरिया ज़िला|कोरिया ज़िले]]) से होकर गुज़रती है, जिसका पर्याप्त प्रभाव यहाँ की जलवायु पर पड़ता है। सम्पूर्ण प्रदेश की जलवायु में आंशिक भिन्नता है, जो समय-समय पर [[वर्षा]], [[तापमान]] आदि के रूप में परिलक्षित होती रहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] के राज्य का क्षेत्रफल क्या है? | {[[छत्तीसगढ़]] के राज्य का क्षेत्रफल क्या है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1,47,481 वर्ग किमी | -1,47,481 वर्ग किमी. | ||
+1, | +1,36,034 वर्ग किमी. | ||
-1,35,241 वर्ग किमी | -1,35,241 वर्ग किमी. | ||
-1,29,309 वर्ग किमी | -1,29,309 वर्ग किमी. | ||
{ग्रीष्मकाल में [[छत्तीसगढ़]] का सर्वाधिक गर्म स्थान कौन सा है? | {ग्रीष्मकाल में [[छत्तीसगढ़]] का सर्वाधिक गर्म स्थान कौन-सा रहता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +[[चांपा]] | ||
-रायगढ़ | -[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]] | ||
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-बस्तर | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
||'चांपा' [[छत्तीसगढ़]] प्रदेश का एक महत्वपूर्ण नगर है। वर्तमान समय में इस नगर को 'कोसा', 'कांसा' और 'कंचन' की नगरी कहा जाता है। प्राचीन काल में [[चांपा]] एक ज़मींदारी थी। यहाँ के ज़मींदार 'नेमसिंह' के वंशज अपनी ज़मींदारी सदर मुख्यालय 'मदनपुरगढ़' से चांपा ले आये थे। चांपा छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे गर्म नगर है। औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत [[काग़ज़]] के लिए प्रसिद्ध चांपा में स्थित 'मध्य भारत पेपर मिल' छत्तीसगढ़ राज्य की ही नही, बल्कि [[भारत]] की प्रमुख काग़ज़ मिलों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] में वर्षा ऋतु में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र कौन सा है? | {[[छत्तीसगढ़]] में [[वर्षा]] ऋतु में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र कौन-सा है? | ||
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-मैकल श्रेणी | -मैकल श्रेणी | ||
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|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[रायपुर]] | -[[रायपुर]] | ||
-रायगढ़ | -[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]] | ||
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
+[[अम्बिकापुर]] | +[[अम्बिकापुर]] | ||
||[[अम्बिकापुर]] मध्य [[भारत]] के उत्तरी [[छत्तीसगढ़]] राज्य में स्थित एक नगर है। यह नगर भूतपूर्व [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], 'विश्रामपुर' के नाम से भी जाना जाता है। जब यह नगर भूतपूर्व सरगुजा रियासत की राजधानी था, तब यह 'सरगुजा' कहलाता था। छत्तीसगढ़ राज्य का यह नगर सबसे ठण्डे स्थानों में से एक है। यह सड़क मार्ग से धर्मजयगढ़, [[पटना]] व सोनहट से जुड़ा है। एक समय इसके आस-पास के क्षेत्र [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], और [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] रियासतों के अंग हुआ करते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अम्बिकापुर]] | |||
{[[रजिम]] किन तीन नदियों के संगम पर बसा है? | {[[रजिम]] किन तीन नदियों के संगम पर बसा हुआ है? | ||
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-[[महानदी]], [[पैरी नदी|पैरी]] और सोन्ढल | -[[महानदी]], [[पैरी नदी|पैरी]] और सोन्ढल | ||
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+[[मनियारी नदी|मनियारी]], [[अरपा नदी|अरपा]] और हरदेव | +[[मनियारी नदी|मनियारी]], [[अरपा नदी|अरपा]] और हरदेव | ||
-खारंग, [[जोंक नदी|जोंक]] और [[पैरी नदी|पैरी]] | -खारंग, [[जोंक नदी|जोंक]] और [[पैरी नदी|पैरी]] | ||
||[[चित्र:Arpa-River.jpg| | ||[[चित्र:Arpa-River.jpg|right|120px|अरापा नदी, छत्तीसगढ़]][[मनियारी नदी]] [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] के उत्तर-पश्चिम में लोरमी पठार के सिंहावल नामक स्थान से निकलती है। छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख गाँव 'तालागाँव' भी मनियारी नदी के किनारे ही स्थित है। यह दक्षिण-पूर्व भाग में बिलासपुर तथा मुंगेली तहसील की सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनियारी नदी]] और [[अरपा नदी]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] का सबसे बड़ा | {[[छत्तीसगढ़]] का सबसे बड़ा जल प्रपात कौन सा है? | ||
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+[[चित्रकूट जलप्रपात|चित्रकूट]] | +[[चित्रकूट जलप्रपात|चित्रकूट]] | ||
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-[[तीरथगढ़ जलप्रपात|तीरथगढ़]] | -[[तीरथगढ़ जलप्रपात|तीरथगढ़]] | ||
-[[अमृतधारा जलप्रपात|अमृतधारा]] | -[[अमृतधारा जलप्रपात|अमृतधारा]] | ||
||[[चित्र:Chitrakote-Falls | ||[[चित्र:Chitrakote-Falls.jpg|right|120px|चित्रकूट प्रपात, छत्तीसगढ़]]'चित्रकूट जल प्रपात' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[बस्तर ज़िला|बस्तर ज़िले]] मे [[इन्द्रावती नदी]] पर स्थित एक सुंदर जल प्रपात है। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य में और भी बहुत-से जल प्रपात हैं, किन्तु चित्रकूट जल प्रपात सभी से बड़ा है। यह जल प्रपात जगदलपुर के पश्चिम की ओर 38 किमी. की दूरी पर अवस्थित है। आकार में यह प्रपात घोड़े की नाल के समान हैं और इसकी तुलना विश्व प्रसिद्ध 'नियाग्रा प्रपात' से की जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकूट जलप्रपात|चित्रकूट जल प्रपात]] | ||
{केन्दई जलप्रपात किस ज़िले में स्थित है? | {केन्दई जलप्रपात किस ज़िले में स्थित है? |
10:41, 6 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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