"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर

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-[[साम्प्रदायिक निर्णय]] के पश्चात
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-[[1942]] में क्रांतिकारियों पर हवाई हमलों के बाद
-[[1942]] में क्रांतिकारियों पर हवाई हमलों के बाद
||'रौलट एक्ट' [[8 मार्च]], [[1919]] ई. को लागू किया गया था। इस एक्ट के विरोध में राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] ने [[6 अप्रैल]], 1919 ई. को एक देशव्यापी हड़ताल करवायी। [[दिल्ली]] में इस आन्दोलन की बागडोर स्वामी श्रद्धानंदजी ने संभाली। वहाँ भीड़ पर चलाई गई गोली में पाँच आन्दोलनकारी आहत हुए। [[लाहौर]] एवं [[पंजाब]] में भी भीड़ पर गोलियाँ चलायी गईं। स्वामी श्रद्धानंद एवं डॉक्टर सत्यपाल के निमंत्रण पर महात्मा गांधी दिल्ली की ओर चले।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रौलट एक्ट]]
||'रौलट एक्ट' [[8 मार्च]], [[1919]] ई. को लागू किया गया था। इस एक्ट के विरोध में राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] ने [[6 अप्रैल]], 1919 ई. को एक देशव्यापी हड़ताल करवायी और एक्ट के पास होने पर [[अंग्रेज़]] ब्रिटिश सरकार को 'शैतानी लोगों' की संज्ञा दी। [[दिल्ली]] में आन्दोलन की बागडोर स्वामी श्रद्धानंदजी ने संभाली। वहाँ भीड़ पर चलाई गई गोली में पाँच आन्दोलनकारी आहत हुए। [[लाहौर]] एवं [[पंजाब]] में भी भीड़ पर गोलियाँ चलायी गईं। स्वामी श्रद्धानंद एवं डॉक्टर सत्यपाल के निमंत्रण पर महात्मा गांधी दिल्ली की ओर चले।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रौलट एक्ट]]


{[[द्वैध शासन पद्धति|द्वैध शासन प्रणाली]] का प्रारम्भ किस वर्ष में हुआ?
{[[द्वैध शासन पद्धति|द्वैध शासन प्रणाली]] का प्रारम्भ किस वर्ष में हुआ?
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+[[मलिक अम्बर]]
+[[मलिक अम्बर]]
-इनमें से कोई नहीं
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||'मलिक अम्बर' एक हब्शी ग़ुलाम था, जो अपनी योग्यता के बल पर तरक्की करके वज़ीर के पद तक पहुँचा था। [[मलिक अम्बर]] ने काफ़ी बड़ी [[मराठा]] सेना इकट्ठी की थी। मराठे तेज़ गति वाले थे और दुश्मन की रसद काटने में काफ़ी होशियार थे। मलिक अम्बर ने मराठों को गुरिल्ला युद्ध में भी निपुणता प्रदान कर दी थी। यह गुरिल्ला युद्ध प्रणाली [[दक्कन सल्तनत|दक्कन]] के मराठों के लिए परम्परागत थी और अम्बर के सहयोग से वे इसमें और भी निपुण हो गए थे। किंतु मुग़ल इससे अपरिचित ही थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मलिक अम्बर]]
||'मलिक अम्बर' एक हब्शी ग़ुलाम था, जो अपनी योग्यता के बल पर तरक्की करके वज़ीर के पद तक पहुँचा था। [[मलिक अम्बर]] ने काफ़ी बड़ी [[मराठा]] सेना इकट्ठी की थी। मराठे तेज़ गति वाले थे और दुश्मन की रसद काटने में काफ़ी होशियार थे। मलिक अम्बर ने मराठों को गुरिल्ला युद्ध में भी निपुणता प्रदान कर दी थी। यह गुरिल्ला युद्ध प्रणाली [[दक्कन सल्तनत|दक्कन]] के मराठों के लिए परम्परागत थी और अम्बर के सहयोग से वे इसमें और भी निपुण हो गए थे। किंतु [[मुग़ल]] इस युद्ध कौशल से अपरिचित ही थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मलिक अम्बर]]


{[[फ़र्रुख़सियर]] किसके सहयोग से [[मुग़ल]] बादशाह बना था?
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+[[सैय्यद बन्धु]]
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-मुहम्मद अमीर ख़ाँ
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-मीर जुमला
-[[मीर जुमला]]
||[[भारतीय इतिहास]] में हुसैन अली और उसका भाई अब्दुल्ला, [[सैयद बन्धु|सैयद बन्धुओं]] के नाम से प्रसिद्ध हैं। सैयद बन्धु भारतीय इतिहास में 'राजा बनाने वाले' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे [[अवध]] के एक उच्च परिवार में उत्पन्न हुए और सम्राट [[बहादुरशाह प्रथम]] के राज्यकाल के अन्तिम वर्षों में उच्च पदाधिकारी हो गए थे। ये लोग 'हिन्दुस्तानी दल' के नेता थे। इन्होंने चार [[मुग़ल]] बादशाहों- [[फ़र्रुख़सियर]], [[रफ़ीउद्दाराजात]], रफ़ीउद्दौलत और [[मुहम्मदशाह रौशन अख़्तर|मुहम्मद शाह]] को सत्तारूढ़ करने में उनकी सहायता की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सैय्यद बन्धु]]
||[[भारतीय इतिहास]] में हुसैन अली और उसका भाई अब्दुल्ला, [[सैयद बन्धु|सैयद बन्धुओं]] के नाम से प्रसिद्ध हैं। सैयद बन्धु [[भारतीय इतिहास]] में 'राजा बनाने वाले' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे [[अवध]] के एक उच्च परिवार में उत्पन्न हुए और सम्राट [[बहादुरशाह प्रथम]] के राज्यकाल के अन्तिम वर्षों में उच्च पदाधिकारी हो गए थे। ये लोग 'हिन्दुस्तानी दल' के नेता थे। इन्होंने चार [[मुग़ल]] बादशाहों- [[फ़र्रुख़सियर]], [[रफ़ीउद्दाराजात]], [[रफ़ीउद्दौला]] और [[मुहम्मदशाह रौशन अख़्तर|मुहम्मद शाह]] को सत्तारूढ़ करने में उनकी सहायता की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सैय्यद बन्धु]]


{किस सन्धि के बाद [[पेशवा]] [[बाजीराव द्वितीय]] [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के पूर्ण अधीन हो गया?
{किस सन्धि के बाद [[पेशवा]] [[बाजीराव द्वितीय]] [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के पूर्ण अधीन हो गया?

05:56, 3 जुलाई 2012 का अवतरण

इतिहास सामान्य ज्ञान

1 कांग्रेस के किस अधिवेशन में स्थायी बन्दोबस्त का विस्तार पूरे देश में करने की माँग की गई?

1888 ई.
1890 ई.
1893 ई.
1903 ई.

2 भारत का वह अर्थशास्त्री कौन था, जिसने भारतीय कृषि व्यवस्था पर पुस्तक लिखी?

आर.सी. दत्त
दादाभाई नौरोजी
महादेव गोविन्द रानाडे
रजनी पाम दत्त

3 "पूर्व एक ऐसा विश्वविद्यालय है, जहाँ विद्यार्थी को कभी प्रमाणपत्र नहीं मिलता", यह कथन किसका है?

लॉर्ड कर्ज़न
लॉर्ड डफ़रिन
विन्सटन चर्चिल
विलियम हन्टर

4 'कैबिनेट मिशन' की नियुक्ति क्लीमेंट एटली के मंत्रिमंडल द्वारा 1946 में की गई थी। इसका अध्यक्ष कौन था?

ए.वी. अलेक्ज़ेंडर
स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स
पैथिक लॉरेन्स
लॉर्ड वेवेल

5 अपनी दानशीलता के लिए किस भारतीय को 'प्रिंस' की उपाधि मिली थी?

जवाहर लाल नेहरू
सी.आर. दास
देवेन्द्रनाथ ठाकुर
मदन मोहन मालवीय

6 'मुस्लिम लीग' ने अपने किस अधिवेशन में 'डिवाइड एण्ड क्विट' का नारा दिया?

लाहौर अधिवेशन, 1940
कराची अधिवेशन, 1933
कराची अधिवेशन, 1943
लखनऊ अधिवेशन, 1931

7 खिलाफत आन्दोलन का अंत निम्न में से किस कारण हुआ?

मुस्लिमों की माँगें अंग्रेज़ सरकार द्वारा मान ली गईं
चौरी-चौरा काण्ड के पश्चात
कमाल पाशा के तुर्की का शासक बनने के कारण
मुस्लिम लीग के इस आन्दोलन से हट जाने के कारण

8 सर्वप्रथम किस योजना में भारतीयों के लिए 'अपने संविधान' की बात कही गई थी?

अगस्त प्रस्ताव
वेवेल योजना
कैबिनेट मिशन
क्रिप्स योजना

9 किस घटना के पश्चात महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार को 'शैतानी लोग' कहा था?

जलियांवाला बाग़ हत्याकाण्ड
रौलट एक्ट पास होने के पश्चात
साम्प्रदायिक निर्णय के पश्चात
1942 में क्रांतिकारियों पर हवाई हमलों के बाद

10 द्वैध शासन प्रणाली का प्रारम्भ किस वर्ष में हुआ?

1813 ई.
1833 ई.
1791 ई.
1784 ई.

11 मराठों से पूर्व गुरिल्ला (छापामार) युद्ध पद्धति का प्रयोग किसने किया?

महावत ख़ाँ
राणा प्रताप
मलिक अम्बर
इनमें से कोई नहीं

12 फ़र्रुख़सियर किसके सहयोग से मुग़ल बादशाह बना था?

जुल्फ़िकार ख़ाँ
सैय्यद बन्धु
मुहम्मद अमीर ख़ाँ
मीर जुमला

14 पुलकेशिन द्वितीय की 'एहोल प्रशस्ति' का लेखक कौन था?

रविवर्मा
विज्ञानेश्वर
बिल्हण
रविकीर्ति

15 सिहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी ने 1175 में भारत पर पहला आक्रमण किस राज्य के ख़िलाफ़ किया?

मुल्तान एवं उच्छ
पंजाब
गुजरात
उज्जैन

16 प्रारम्भिक तुर्क या आदि तुर्क शासकों में किसे उसकी उदारता के कारण 'लाखबख्श' कहा गया?

इल्तुतमिश
कुतुबुद्दीन ऐबक
बलबन
रज़िया सुल्तान