"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर

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-[[सी. वी. रमन]]
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-[[एच. जे. भाभा]]
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+एस. चन्द्रशेखर
+[[एस. चन्द्रशेखर]]
-[[हरगोविन्द खुराना]]
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||[[चित्र:Subrahmanyan-Chandrasekhar.jpg|right|100px|सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर]]सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर प्रसिद्ध खगोल भौतिक शास्त्री थे। वे सन [[1983]] के भौतिक शास्त्र के "[[नोबेल पुरस्कार]]" विजेता भी थे। उनकी शिक्षा [[चेन्नई]] के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई थी। [[एस. चन्द्रशेखर]] 'नोबेल पुरस्कार' विजेता [[सी. वी. रमन|सर सी. वी. रमन]] के भतीजे थे। बाद के समय में एस. चन्द्रशेखर [[अमेरिका]] चले गए थे, जहाँ उन्होंने खगोल भौतिक शास्त्र तथा [[सौरमंडल]] से संबधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। एस. चन्द्रशेखर ने 'व्हाइट ड्वार्फ', यानी 'श्वेत बौने' नाम के [[नक्षत्र|नक्षत्रों]] के बारे में सिद्धांत का प्रतिपादन भी किया। इन नक्षत्रों के लिए उन्होंने जो सीमा निर्धारित की थी, उसे "चन्द्रशेखर सीमा" कहा जाता है। उनके सिद्धांत से [[ब्रह्माण्ड]] की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चला।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एस. चन्द्रशेखर]]


{दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] कौन-सा है?(पृ.सं. 659
{दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] कौन-सा है?(पृ.सं. 659
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-[[कालाहारी मरुस्थल|कालाहारी]]
-[[कालाहारी मरुस्थल|कालाहारी]]
+[[थार मरुस्थल|थार]]
+[[थार मरुस्थल|थार]]
||[[चित्र:Thar desert.jpg|right|100px|थार मरुस्थल]]'थार मरुस्थल' लहरदार रेतीले पहाड़ों का विस्तार है, जो विशाल भारतीय मरुस्थल भी कहलाता है। इस [[मरुस्थल]] का कुछ भाग [[भारत]] के [[राजस्थान]] में और कुछ [[पाकिस्तान]] में स्थित है। '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) की ताजा रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि कल तक राजस्थान की पहचान रहे [[थार मरुस्थल]] ने अब [[हरियाणा]], [[पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]] तथा [[मध्य प्रदेश]] तक अपने पाँव पसार लिए हैं। 'राष्ट्रीय मृदा सर्वे' और 'भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो' का कहना है कि थार मरुस्थल के फैलाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि [[1996]] तक 1 लाख, 96 हज़ार 150 वर्ग कि.मी. में फैले इस मरुस्थल का विस्तार अब 2 लाख, 8 हज़ार 110 कि.मी. तक हो चुका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[थार मरुस्थल]]


{टार्नेडो बहुत प्रबल उष्ण कटिबंधीय चक्रवात हैं। यह कहाँ से उठते हैं?(पृ.सं. 659
{टार्नेडो बहुत प्रबल उष्ण कटिबंधीय चक्रवात हैं। यह कहाँ से उठते हैं?(पृ.सं. 659

07:44, 17 मार्च 2013 का अवतरण

1 निम्न में से किसे 'राजस्थान का स्वर्ग' माना जाता है?(भारतकोश)

माउण्ट आबू
पारसनाथ
कौसानी
धनौल्टी

3 प्रथमत: सौरमण्डल के बारे में विश्व के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करने का श्रेय निम्न में से किस विद्वान को है? (पृ.सं. डी/255

गैलीलियो
कॉपरनिकस
स्ट्रैबो
केपलर

4 विश्व की प्रथम जलवायु मानचित्रावली 'किताब-अल-अंशकाल' अरब के किस विद्वान द्वारा लिखी गयी थी?(पृ.सं. डी/255

रहमुर मुजी
अल मसूदी
इब्ने खुरदादबेह
अल बल्खी

5 भूमध्य सागरीय जलवायु निम्न में से किस फ़सल की कृषि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?(पृ.सं. डी/255

चावल
फल
गेहूँ
दाल

6 निम्न में से कौन-सी नदी 'पक्षिपाद डेल्टा' का निर्माण करती है?(पृ.सं. डी/255

मिसीसिपी
नील
अमेजन
ब्रह्मपुत्र

7 'कृष्ण छिद्र' (ब्लैक होल) सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया था?(पृ.सं. 658

सी. वी. रमन
एच. जे. भाभा
एस. चन्द्रशेखर
हरगोविन्द खुराना

8 दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा मरुस्थल कौन-सा है?(पृ.सं. 659

अटाकामा
ताकला माकन
कालाहारी
थार

9 टार्नेडो बहुत प्रबल उष्ण कटिबंधीय चक्रवात हैं। यह कहाँ से उठते हैं?(पृ.सं. 659

कैरीबियन सागर
चीन सागर
अरब सागर
श्याम सागर

11 उष्ण प्रदेशीय हिमालय का सर्वोच्च शिखर कौन-सा है?(पृ.सं. 659

अराकान योमा
धौलगिरि
नन्दा देवी
शिवालिक

12 'बरमूडा त्रिभुज' कहाँ अवस्थित है?(पृ.सं. 662

उत्तरी अटलांटिक महासागर में
दक्षिणी अटलांटिक महासागर में
उत्तरी प्रशांत महासागर में
दक्षिणी प्रशांत महासागर में

13 मरुस्थल में उगने वाले पौधों की जड़ें लम्बी होती हैं, क्योंकि-?(पृ.सं. 658

भूमि का उच्च तापमान जड़ों को लम्बा होने हेतु प्रोत्साहित करता है।
जड़ें पानी की तलाश में लम्बी होती जाती हैं।
मरुस्थलीय पौधों में मोटे तने पाये जात हैं।
उपरोक्त में से कोई नहीं।

15 निम्नांकित में से कौन एक सुमेलित नहीं है?(पृ.सं. 661

चेन्नई - भारत का सबसे गहरा पत्तन।
कोचीन - प्राकृतिक पत्तन।
जवाहरलाल नेहरू पत्तन - भारत का एकमात्र मशीनीकृत पत्तन।
कांडला - ज्वारीय पत्तन।