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| ||'गुरु घासीदास विश्वविद्यालय' (जी.जी.यू.) [[भारत]] का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है, जो [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[छत्तीसगढ़]] राज्य में है। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित इस विश्वविद्यालय को उचित नाम, महान संत गुरु घासीदास के सम्मान स्वरूप दिया गया था, जिन्होंने दलितों, सभी सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के ख़िलाफ़ एक अनवरत संघर्ष छेड़ा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास विश्वविद्यालय]] | | ||'गुरु घासीदास विश्वविद्यालय' (जी.जी.यू.) [[भारत]] का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है, जो [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[छत्तीसगढ़]] राज्य में है। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित इस विश्वविद्यालय को उचित नाम, महान संत गुरु घासीदास के सम्मान स्वरूप दिया गया था, जिन्होंने दलितों, सभी सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के ख़िलाफ़ एक अनवरत संघर्ष छेड़ा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास विश्वविद्यालय]] |
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| {जनसंख्या की दृष्टि से [[छत्तीसगढ़]] का देश में कौन-सा स्थान है?
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| ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया [[छत्तीसगढ़]] राज्य भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में 1 नवंबर, 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कोशल' के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और [[उड़ीसा]] से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ क्षेत्रफल के हिसाब से देश का नौवां बड़ा राज्य है, और जनसंख्या की दृष्टि से इसका 17वाँ स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {'जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है?
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| -[[रायपुर]]
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| +भिलाई
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| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
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| -[[धमतरी]]
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| {[[रायपुर]] के प्रथम 'दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' की स्थापना कब की गई थी?
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| -सन 1960 ई.
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| +सन 1955 ई.
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| -सन 1942 ई.
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| -सन 1930 ई.
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| ||[[चित्र:Chitrakote-Falls-Chhattisgarh.jpg|right|100px|चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़]]शिक्षा के क्षेत्र में भी [[छत्तीसगढ़]] ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो यहाँ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। महंत वैष्णवदास जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन् 1955 में [[रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रुपये नगद और 100 एकड़ ज़मीन दान में दी। आगे चलकर अमरदीप टॉकिज को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में 'बाल गंगाधर तिलक मेडिकल इंस्टीट्यूट' की स्थापना कहाँ की गई है?
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| +जगदलपुर
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| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
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| -[[रायपुर]]
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| -रायगढ़
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| {[[छत्तीसगढ़]] में [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] का वह कौन-सा क्षेत्र है, जहाँ [[हीरा|हीरे]] के भंडार का पता लगा है?
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| +देवभोग
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| -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
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| -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
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| -बैलाडीला
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| ||[[चित्र:Diamond.jpg|right|120px|हीरा]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में 75 से भी ज़्यादा बड़े और मध्यम [[इस्पात]] उद्योग हैं, जो गर्म [[धातु]], कच्चा [[लोहा]], भुरभुरा लोहा, रेल की पटरियों, लोहे की सिल्लियों और पट्टियों आदि का उत्पादन करते हैं। [[खनिज]] संपदा से ही छ्त्तीसगढ़ को सालाना 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के 'देवभोग' में [[हीरा|हीरे]] के भंडार हैं। लगभग 2 वर्षों में इसका खनन आरंभ हो जाने पर राज्य को 2,000 करोड़ रुपये सालाना का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में निमोनिया रोग को क्या कहा जाता है? | | {[[छत्तीसगढ़]] में निमोनिया रोग को क्या कहा जाता है? |
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