"विजय तेंदुलकर": अवतरणों में अंतर
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07:38, 6 जनवरी 2014 का अवतरण
विजय तेंदुलकर
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पूरा नाम | विजय तेंदुलकर |
जन्म | 7 जनवरी 1928 |
जन्म भूमि | कोल्हापुर, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 19 मई 2008 |
मृत्यु स्थान | पुणे, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | महाराष्ट्र |
कर्म-क्षेत्र | नाटककार |
मुख्य रचनाएँ | ‘गिधाड़े’, ‘कमला’, ‘कन्यादान’, |
भाषा | मराठी |
पुरस्कार-उपाधि | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान, पद्म भूषण |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
विजय तेंदुलकर (अंग्रेज़ी: Vijay Tendulkar, जन्म: 7 जनवरी 1928 - मृत्यु: 19 मई 2008) का नाम आधुनिक भारतीय नाटक और रंगमंच के विकास में अग्रणी है। विजय तेंदुलकर का जन्म सन् 7 जनवरी 1928 में हुआ था।
मराठी पत्रिका और रंगमंच
मराठी की पत्रकारिता से सक्रिय जीवन शुरू करने के बाद सातवें दशक के उत्तरार्ध में भारतीय रंगमंच पर एक धूमकेतु की भाँति उनका उदय हुआ। उनका नाटक शांतता कोर्ट चालू आहे अपनी क्रान्तिकारी वस्तु और संरचना के कारण इतना लोकप्रिय हुआ, कि देखते-देखते अनेक भाषाओं में[1] उसके अनुवाद हुए और देश-विदेश में शताधिक उसकी प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं। 'शांताता! कोर्ट चालू आहे', 'घासीराम कोतवाल' और 'सखाराम बाइंडर' उनके लिखे बहुचर्चित नाटक हैं। सत्तर के दशक में उनके कुछ नाटकों को विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन वास्तविकता से जुड़े इन नाटकों का मंचन आज भी होना उनकी स्वीकार्यता का प्रमाण है।
रचनाएँ
तेंडुलकर के ‘गिधाड़े’, ‘कमला’, ‘कन्यादान’, आदि नाटक भी बहुचर्चित हुए।
समांतर सिनेमा
‘निशान्त’ आदि कई, ‘समांतर सिनेमा’ आन्दोलन से जुड़ी, फ़िल्मों की पटकथा उन्होंने लिखीं। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक जीवन में उनका व्यक्तित्व अलग से पहचाना जाता है।
पुरस्कार
उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान तथा पद्मभूषण आदि कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। पद्मभूषण से सम्मानित तेंदुलकर को श्याम बेनेगल की फ़िल्म 'मंथन' की पटकथा के लिए वर्ष 1977 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। बचपन से ही रंगमंच से जुड़े रहे तेंदुलकर को मराठी और हिंदी में अपने लेखन के लिए 'संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप', 'महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार' जैसे सम्मान भी मिले।
निधन
19 मई, 2008 को परम्परावादी मराठी थियेटर के पुरोधा विजय तेंदुलकर का निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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